
Does Hair Straightening Cause Cancer: खूबसूरत और अट्रैक्टिव दिखने के लिए बालों का स्टाइलिश रहना बहुत जरूरी होता है। खासतौर से महिलाओं को अपने बालों की चिंता सबसे ज्यादा रहती है। बालों को नया लुक देने के लिए अक्सर महिलाएं बालों को स्ट्रेट कराती हैं। हेयर स्ट्रेटनिंग का क्रेज महिलाओं में तेजी से बढ़ा है। हेयर रिबॉन्डिंग और हेयर स्ट्रेटनिंग कई तरह के होते हैं, इनमें अपनाई जाने वाली प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। हेयर स्ट्रेटनिंग मुख्य रूप से दो तरह की होती है, एक टेम्परेरी और दूसरा परमानेंट। टेम्परेरी हेयर स्ट्रेट कराने पर आपके बाल कुछ समय तक ही स्ट्रेट रहते हैं और शैंपू करने पर वापस अपने आकार में आ जाते हैं, लेकिन परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग में आपके बाल लंबे समय तक सीधे ही रहते हैं। हेयर स्ट्रेटनिंग को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इकी वजह से आपको कैंसर का खतरा रहता है। सेहत और खानपान से जुड़ी ऐसी बातों की सच्चाई बताने के लिए हम 'धोखा या हकीकत' नाम से एक सीरीज चला रहे हैं। इसके तहत हम आपको ऐसी ही बातों की सच्चाई डॉक्टर या एक्सपर्ट के जरिए देने की कोशिश कर रहे हैं। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल Fact Check सीरीज 'धोखा या हकीकत' में आइए जानते हैं, क्या वाकई बालों को स्ट्रेट कराने से कैंसर हो सकता है?
क्या बालों को स्ट्रेट कराने से कैंसर होता है?- Hair Straightening Can Cause Cancer?
टेम्परेरी हेयर स्ट्रेटनिंग में हेयर स्ट्रेट करने के लिए बालों को आयरन रॉड से हीट प्रेस दिया जाता है। इसके लिए हेयर स्ट्रेटनर आपको मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। टेम्परेरी हेयर स्ट्रेटनिंग आप घर पर भी आसानी से कर सकती हैं। लेकिन परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग करने के लिए आपको एक्सपर्ट का सहारा लेना पड़ता है। इसके लिए आपको सैलून जाना होता है। इस तरह की हेयर स्ट्रेटनिंग में कई तरह के जेल और क्रीम आदि का इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी में कहा गया है कि अगर आप केमिकल युक्त हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं तो इसकी वजह से आपको गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) का खतरा रहता है। केमिकल वाले स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करने से आपके बालों में हानिकारक केमिकल्स रह जाते हैं जो शरीर के संपर्क में आकर कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने में मदद कर सकते हैं।
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बालों को स्ट्रेट कराने से कैंसर के खतरे को लेकर बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि केमिकल युक्त हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम और दूसरे उत्पादों का इस्तेमाल करने से इनमें मौजूद हानिकारक केमिकल बालों में रह जाते हैं। ये हानिकारक केमिकल खोपड़ी के माध्यम से आपके खून में शामिल हो सकते हैं। बालों को स्ट्रेट कराने में जिन केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है उनमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कार्सिनोजन्स के रूप में काम करते हैं। इसकी वजह से बहुत ज्यादा हेयर स्ट्रेट कराने वाले लोगों में कैंसर का खतरा रहता है।
आंकड़े भी करते हैं इसकी पुष्टि
विश्व स्वास्थ्य संगठन और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ पर मौजूद आंकड़ों को मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल लगभग 5 लाख महिलाएं गर्भाशय कैंसर से पीड़ित हैं। इनमें से भारत में 30 से 39 साल की उम्र की महिलाऐं लगभग 36 फीसदी हैं। स्टडी में यह कहा गया है कि ऐसी महिलाऐं जो साल में 4 से ज्यादा बार केमिकल युक्त हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें गर्भाशय कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।
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कुल मिलाकर डॉक्टर यह कहते हैं कि बालों को स्ट्रेट करते समय यह ध्यान रखें कि जिन प्रोडक्ट्स का आप इस्तेमाल कर रहे हैं उनमें केमिकल का इस्तेमाल न हो। बालों को नेचुरल तरीके से स्ट्रेट करना सबसे ज्यादा सुरक्षित होता है। साल में 1 या 2 से ज्यादा बार हेयर स्ट्रेट कराने से बचना चाहिए। अगर हेयर स्ट्रेट कराने के बाद अगर आपको कोई परेशानी होती है तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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