गर्मियां आते ही, त्वचा की समस्याओं के साथ ही आंखो की समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। मौसम के बदलते मिज़ाज के कारण हमें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक ही आंखों की समस्याएं। ऐसे में आंखों में खुजली-जलन जैसी समस्याएं होती हैं। गर्मियों में अकसर लू और धूल भी आंधी चलती है। ऐसे में घर से बाहर निकलने पर आंखों और त्वचा की समस्याएं होना आम है। आइये जानें इस समस्याओं से कैसे बचा जा सकता है।
आंखों की समस्याओं से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें
तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण आंखों की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस का खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में लापरवाही आंखों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इस रोग से ग्रसित होने पर आंखों में लाली, आंखों में चुभन, कीचड़ से पलकों का चिपक जाना और आंख में तेज दर्द होने लगता है। इसलिए धूप में बाहर निकलने से पहले आंखों पर अच्छी क्वालिटी के चश्मे और सिर पर टोपी पहने। प्रतिदिन दो-तीन बार ठंडे पानी से आंखों को धोएं। धूल, मिट्टी या अंधड़ के दौरान आंखों को बचाएं। सफर या देर तक बाहर रहने के बाद आंखों को आराम दें। हरी सब्जी और फल अधिक खाएं। पानी भी ज्यादा से ज्यादा पीएं। गर्मी के मौसम में तेज धूप से आंखों के रेटिना (पर्दा) पर प्रभाव पड़ता है। आई फ्लू भी इस मौसम में होता है। यह फैलने वाली बीमारी है।
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आंखों की समस्याएं होने पर
बैक्टीरिया से संक्रमण होने की आशंका में नेत्र रोग विशेषज्ञ एंटिबायोटिक ड्रॉप या मलहम लगाने की सलाह दे सकता है। बर्फ की सिंकाई और दर्द निवारक से भी कंजक्टिवाइटिस की जलन में राहत मिलती है। मरीज अपनी आंखों की किनोरों को हल्के गुनगुने पानी में भिगोए हुए रुई के फाहों से साफ कर सकते हैं। इससे पलकों को राहत मिलती है तथा वे चिपकती भी नहीं। रात को मलहम लगाकर सोने से पलकों के चिपकने की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
गर्मी के मौसम से लोगों को इस मौसम में आंखों के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जरूरत महसूस होने पर नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेना
चाहिए।
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