व्‍यायाम करने से किशोरों का शैक्षणिक प्रदर्शन होता है बेहतर

निमियत व्‍यायाम करने का असर किशोरों के दिमाग पर पड़ता है और उनका पढ़ाई का स्‍तर भी सुधरता है, जानिए इस नये शोध के बारे में।
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व्‍यायाम करने से किशोरों का शैक्षणिक प्रदर्शन होता है बेहतर


नियमित व्‍यायाम न केवल किशोरों को फिट रखता है बल्कि इससे शैक्षणिक प्रदर्शन भी बे‍हतर होता है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन के मुताबिक कसरत से किशोरों का शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होता है।

Exercise Improves Academic Performanceस्ट्रेथक्लाइड और डूंडी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्‍ययन किया और पाया कि कसरत के कारण विज्ञान विषय में लड़कियों का प्रदर्शन विशेषकर बेहतर हुआ।


इस शोध के मुताबिक 17 मिनट तक कसरत करने पर लड़कों और 12 मिनट तक कसरत करने पर लड़कियों के प्रदर्शन में सुधार देखा गया। करीब पांच हज़ार बच्चों पर यह शोध किया गया, इसमें अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय की परीक्षा और कसरत के बीच में संबंध पाया गया।


शोधकर्ताओं के मुताबिक इस अध्ययन से लिंग भेद के कारण कसरत का दिमाग पर अलग-अलग असर पड़ने की भी जानकारी हुई। जिन बच्चों ने नियमित कसरत की, उन्होंने न केवल 11 साल की उम्र में बल्कि 13 और 16 साल की उम्र में भी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया।



अध्‍ययनकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि अगर किशोर नियमित रूप से 60 मिनट तक व्‍यायाम करें तो उनका प्रदर्शन बेहतर होगा।



डूंडी यूनिवर्सिटी के डॉ. जोइस बोथ ने कहा, ''शारीरिक गतिविधियां स्वस्थ रहने के साथ-साथ अन्य चीज़ों के लिए भी ज़रूरी हैं। माता-पिता, नीति निर्माताओं और शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए ये नतीजे काफी मायने रखते हैं।''


ब्रिटेन के जर्नल स्पोर्ट्स मेडिसीन में छपे इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस बारे में आगे होने वाले अध्ययन के नतीज़ों से सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा नीति पर असर पड़ सकता है।

 

 

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