त्‍वचा को बेजान बनाता है ब्‍यूटी क्रीम्‍स का अत्‍यधिक इस्‍तेमाल

दुनिया की आधे से अधिक लोग सुंदर और तरोताजा दिखने के लिए ब्यूटी क्रीम्स का इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन जब ये क्रीम्स, त्वचा के बेजान बनने का कारण बने, तब क्या किया जाए।
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त्‍वचा को बेजान बनाता है ब्‍यूटी क्रीम्‍स का अत्‍यधिक इस्‍तेमाल


टीवी में आ रहे फेयर एंड लवली और फेयर एंड हैंडसम व अन्य सौंदर्य उत्पादों के कारण लोगों की ये धारण बन गई है कि सुंदर और गोरा दिखने से जल्दी नौकरी मिलती है और इन जरूरी चीजों के बिना अच्छा जीवनसाथी भी नहीं मिलता। वैसे भी आत्मविश्वासी और तरोताजा दिखना हर किसी की चाहत होती है। ऐसे में स्मार्ट और खूबसूरत लुक पाने के लिए हम कई तरह की ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्मेताल करने से भी पीछे नहीं हटते। वास्तव में टीवी में आ रहे विज्ञापनों ने लोगों के मन में ये धारण बना दी है कि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स या एक क्रीम लोगों को गोरा और सुंदर बनाने का काम करता है। और लोगों की इस गलत धारणा से ब्यूटी इंडस्ट्री भी वाकिफ है जिसके कारण इनका बाजार दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।

सौंदर्य

फेयरनेस क्रीम्स में मिले होते हैं केमीकल

हाल ही में डर्मटॉलजिस्ट विशेषज्ञों ने ये बात लोगों के सामने रखी है कि गोरापन देने का वादा करने वाली क्रीम्स हल्के सांवलेपन को खत्म करने में मदद जरूर करता है लेकिन इसके अत्यधिक इस्तेमाल से त्वचा बेजान भी हो जाती है। कई तो ऐसे सारे क्रीम्स है जो त्वचा को केवल नुकसान पहुंचाते हैं। इन क्रीम्स में एंटी एजिंग क्रीम को शीर्ष पर रखा गया है।

अगर कोई क्रीम पिंग्मेंटेशन की समस्या तक को ठीक करने का दावा या उम्र कम दिखने का दावा करती है मतलब उनमें काफी मात्रा में केमिकल्स मौजूद हैं। क्रीम में मौजूद ये केमिकल्स हमारी स्किन के अंदर जाकर स्कीन को अंदरुनी तौर पर नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी सबसे नुकसानदायक बात ये है कि ये क्रीम्स किसी भी फार्मसूटिकल प्रोडक्ट की कैटगरी में नहीं आते, इसलिए इनका टेस्ट करके इनके दावे को सही या गलत बताने का अधिकार भी नहीं होता और इसी का फायदा उठाकर ये प्रोडक्ट ऐसे दावे करते हैं। इतने सारे संदेह दावों के बावजूद इन क्रीम्स का हर कोई इस्तेमाल करने को उतारु है।


सनस्क्रीन वाली क्रीम से होता है स्कीन कैंसर

क्रीम्स में भी सनस्क्रीन क्रीम का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। एक स्टडी से इस बात की पुष्टि हुई है कि सनस्क्रीन क्रीम में ऑक्सीबेंजॉन और मिथाइलीसोथीएजोलिनॉन (methylisothiazolinone) जैसे हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं। ये केमीकल्स एक तरह के टॉक्सिक हैं जो स्कीन कैंसर का कारण बनते हैं।

 

एंटी एजिंग क्रीम्स नुकसानदायक

इन क्रीम्स की कोई गारंटी नहीं कि ये पूरी तरह से सुरक्षित है कि नहीं। कई एंटी-एजिंग क्रीम्स में डीईए, टीईए और एमईए जैसे केमिकल्स मिले होते हैं। ये केमीक्लस शरीर का पीएच स्तर बनाएं रखने के लिए तो उपयोगी होते हैं लेकिन इनके उपयोग या संपर्क में आने से लीवर और किडनी के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

 

ध्यान देने योग्य बातें

इस दुनिया में ऐसी कोई क्रीम्स या केमीकल प्रोडक्ट नहीं है जो आपको युवा दिखा सके या ऊपरी तौर पर डैमेज स्कीन सही कर सके। अगर फिर भी आपको बढ़ती उम्र को रोकना है तो खान-पान और रहन-सहन स्वस्थ रखें।

 

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