देश में कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है। तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर ये बात कह रहे हैं कि अभी भी कोरोना का संकट पूरी तरह से टला नहीं है। जहां एक तरफ देश में कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ चलाया जा रहा वैक्सीनेशन ड्राइव रोजाना नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है वहीं दूसरी तरफ देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। एक बार फिर से देश में महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। माध्यम प्रदेश के इंदौर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का नया स्ट्रेन AY.4.2 पाया गया है जो कि पहले से अधिक खतरनाक माना जा रहा है। यूके में तबाही मचा चुका कोरोना का यह नया स्ट्रेन पहले की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक माना जा रहा है। कोविड के नए स्ट्रेन AY.4.2 को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' माना जा रहा है।
इंदौर में मिले नए स्ट्रेन के मामले (Indore Covid New Variant Cases)
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अमेरिका , यूके और ब्राजील जैसे देशों में मुसीबत बन चुके कोरोना के नए स्ट्रेन AY.4.2 के मामले अब देश में भी आ चुके हैं। SARS CoV 2 के डेल्टा वैरिएंट के नए स्ट्रेन के 7 मामले देश में पाए गए हैं। चूंकि इस स्ट्रेन को अधिक खतरनाक और संक्रामक माना जा रहा है इसलिए चिंता बढ़ गयी है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुतबिक हैरानी की बात यह है कि ये नए स्ट्रेन वाले मामले ऐसे लोगों में देखे गए हैं जिनकी विदेश जाने की कोई हिस्ट्री नहीं है। 7 ऐसे मामले जिनमें कोरोना के इस नए स्ट्रेन का संक्रमण पाया गया है उनमें से किसी भी व्यक्ति का विदेश यात्रा का इतिहास न होना अलग चिंता का विषय बन गया है।
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क्या है कोरोना का नया AY.4.2 स्ट्रेन? (What Is Covid New AY.4.2 Strain?)
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मिले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के नए स्ट्रेन के मामलों ने देश के वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगस्त महीने के मिड में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी होने के समय ही ये मामले आये थे। उस समय लिए गए सैंपल में 44 भारतीय सेना के अधिकारियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इन 44 लोगों में से 2 में डेल्टा वैरिएंट के नए स्ट्रेन AY.4.2 की पुष्टि हुई थी। इस नए संस्करण के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थापित आईएनएससीओजी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस नए स्ट्रेन के मामले बहुत कम संख्या में देश में पाए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का यह मानना है कि यह नया स्ट्रेन पहले मिले सभी स्ट्रेन की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल हो सकते हैं।
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नया स्ट्रेन है कितना खतरनाक? (How Much Contagious Is New Variant?)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के नए स्ट्रेन की संक्रमण क्षमता अधिक है। यह स्ट्रेन पहले के वेरिएंट की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल हो सकता है। माना जा रहा है कि अगर नए स्ट्रेन के मामले तेजी से फैले तो ये भारत में संभावित कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इसके प्रभाव के बारे में जानने और इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक इसकी जांच कर रहे हैं। इस स्ट्रेन से बचाव के लिए टीकाकरण ही अंतिम बचाव माना जा रहा है।
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देश में रिकॉर्ड स्तर पर हो रहा टीकाकरण
कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। देश में कोरोना के खिलाफ लगने वाली वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पूरा हो चुका है। जानकारी के मुताबिक देश में लगभग 31 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है और लगभग 75 प्रतिशत वयस्क लोगों को कोरोना के टीके की पहली खुराक लग चुकी है। सरकार की तरफ से देश में कोरोना के खिलाफ 100 करोड़ से अधिक टीके लगाये जाने का जश्न मनाया जा रहा है। देश में कोरोना के खिलाफ लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
2 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन की मंजूरी
कोरोना से बचाव के लिए अबतक 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाती थी। लेकिन अब जल्द ही कोरोना से निपटने के लिए छोटे बच्चों (2 से 18 वर्ष) को भी वैक्सीन लगाई जाएगी। जी हां, केंद्र सरकार ने 2 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए स्वदेसी (Bharat Biotech) कोवैक्सिन को मंजूरी दे दी है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के मुताबिक, कोवैक्सिन की 2 डोज बच्चों को दी जाएंगी। हालांकि, फिलहाल बच्चों को वैक्सीन देने की पूरी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। जल्द ही इसकी पूरी डिटेल जारी कर दी जाएगी। कोवैक्सिन के ट्रायल में काफी पॉजिटिव रिजल्ट आए हैं, जिसकी वजह से डीजीसीआई ने बच्चो को वैक्सीनेशन की अनुमति दे दी है। कोवैक्सिन के ट्रायल में बच्चों पर इसके साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं। फिलहाल इस वैक्सीन को लेकर जल्द ही गाइड-लाइन जारी की जाएगी।
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