क्या कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट है भारत में तीसरी लहर का संभावित कारण? जानें इस वैरिएंट के बारे में सबकुछ

भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 40 मामले होने के बाद इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' माना गया है, विशेषज्ञ इस वैरिएंट को तीसरी लहर का कारण भी मान रहे हैं।
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क्या कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट है भारत में तीसरी लहर का संभावित कारण? जानें इस वैरिएंट के बारे में सबकुछ

देश में जानलेवा कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम तो हुआ है लेकिन उसका खतरा अभी भी बरकरार है। एक तरफ जहां देश में रिकॉर्ड टीकाकरण किया जा रहा है वहीं कोरोनावायरस भी अपने नए नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। दूसरी लहर के शांत होने से पहले ही कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट अब डेल्टा प्लस वायरस (Delta Plus Covid Variant) में बदल गया है। वैज्ञानिक और एक्सपर्ट्स इस वायरस को डेल्टा वैरिएंट से अधिक खतरनाक मान रहे हैं। ICMR के वैज्ञानिक लगातार इस बात की जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं कि वायरस के इस नए वैरिएंट से लोगों की सेहत पर कितना असर पड़ने वाला है। और इन सबके बीच देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के और नए मामलों की पुष्टि होने के बाद चिंता और बढ़ गयी है। कोरोना के इस नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में आपको ये बातें जरूर जन लेनी चाहिए।

देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कितने मामले? (New Covid Delta Plus Variant Cases in India)

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 नए मामले पिछले 24 घंटे में दर्ज किए गए हैं। भारत में अब तक वायरस के इस नए वैरिएंट के 40 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' के रूप में अधिसूचित किया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के ज्यादातर नए मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में इस वैरिएंट के स्थिति की बात की जाये तो यहां पर डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 21 मामले सामने आये हैं जिनमें से 2 मामले मुंबई के हैं और बाकी सब राज्य के अलग-अलग शहरों से दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दूसरे सभी मामले मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब और तमिलनाडु में मिले हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले देश में राज्यवार इस प्रकार से हैं।

  • महाराष्ट्र- 21
  • मध्य प्रदेश- 6
  • केरल- 3
  • तमिलनाडु- 3
  • कर्नाटक- 2
  • पंजाब- 1
  • जम्मू- 1
  • आंध्र प्रदेश- 1

कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वैरिएंट? (How Dangerous is Delta Plus Variant?)

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वैज्ञानिकों को अब तक इस नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में मिली जानकारी के आधार पर पहले के वैरियंट्स की तुलना में अधिक खतरनाक माना जा रहा है। कोरोना का यह डेल्टा प्लस वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल भी प्रभावी माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी के खिलाफ काम कर सकता है। आसान भाषा में कहें तो इस वैरिएंट पर वैक्सीन का प्रभाव खत्म भी हो सकता है। हालांकि यह सभी मामलों में संभव नहीं है। डेल्टा प्लस संस्करण SARS-CoV-2 के B.1.617.2 संस्करण, जिसे डेल्टा वैरिएंट के नाम से जाना जाता है उसका नया रूप है। कोरोना की दूसरी लहर में भी भारत में डेल्टा वैरिएंट ने जमकर तबाही मचाई थी लेकिन अब इस वैरिएंट के नए रूप डेल्टा प्लस की वजह से चिंता बढ़ गयी है। भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' कहा है। इससे जाहिर है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गए हैं। आपको बता दें कि किसी भी वायरस को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की श्रेणी में रखने का मतलब यह है कि इस पर इलाज और वैक्सीन का असर कम हो रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' कहे जाने के पीछे ये वजहें हो सकती हैं। 

  • वायरस की संक्रमण क्षमता
  • आसानी से फैलने की क्षमता
  • शरीर में वायरस के असर को कम करने वाली एंटीबाडी के प्रभाव को कम करने की क्षमता। 
  • इलाज और वैक्सीन का असर दूसरों की अपेक्षा कम हो। 
  • आसानी से पता न लग पाने की स्थिति। 

क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन है प्रभावी? (Is The Vaccines Are Effective Against the Delta Plus Variant?)

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस पर कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों प्रभावी हैं। हालांकि अभी वैक्सीन के द्वारा शरीर में वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए बनाये जाने वाले एंटीबाडी के अनुपात और प्रभाव के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है। आईसीएमआर और एनआईवी पुणे के वैज्ञानिक डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रभाव और उन पर वैक्सीन कितने फीसदी कारगर है इसकी खोज कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर जानकारी देते हुए कहा, “भारत में वैक्सीन के दोनों टीके, कोविशील्ड और कोवैक्सिन, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। हम जल्द ही डेल्टा वैरिएंट, एंटीबॉडी टिटर पर विभिन्न टीकों के प्रभावों को साझा करेंगे।” लेकिन यह कहा जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन और दवाओं का प्रभाव बेहद कम है।

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डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर भारत की स्थिति (Where does India stand?)

डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस पर काबू करने के लिए राज्यों को दिशानिर्देश दिए हैं। वायरस के इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए केंद्र ने राज्यों से अधिक प्रभावी और केंद्रित नीतियों पर काम करने का आग्रह किया है। भारत सरकार द्वारा डेल्टा प्लस वैरिएंट के खतरे को देखते हुए राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गयी है कि वे जिलों में इसके प्रसार को लेकर नयी और प्रभावी नीतियां बनायें। इसके अलावा व्यापक परीक्षण, शीघ्र ट्रेसिंग के साथ-साथ प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन को लगाने पर जोर दिया गया है। भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले जिन राज्यों में मिले हैं वहां इसकी ट्रेसिंग को तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही देश भर में टीकाकरण अभियान को नयी गति भी दी गयी है।

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बच्चों पर कितना प्रभावी है डेल्टा प्लस वैरिएंट? (How Effective is Delta Plus Variant on Childrens?)

delta-plus-variant-of-coronavirusभारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 40 मामले होने के बाद इसे 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' माना गया है, विशेषज्ञ इस वैरिएंट को तीसरी लहर का कारण भी मान रहे हैं।

डेल्टा प्लस वैरिएंट का कितना असर बच्चों पर पड़ सकता है इस बात को लेकर भी शोध जारी है। ज्ञात हो देश में तीसरी लहर की चेतावनी के साथ यह भी कहा गया था कि कोरोना की यह लहर बच्चों पर सबसे ज्यादा प्रभावी होगी। आपको बता दें कि केरल में इस नए वैरिएंट से एक बच्चा भी संक्रमित हुआ है। चूंकि देश में अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है इसलिए सबसे ज्यादा संवेदनशील बच्चे ही माने जा रहे हैं। तमाम विशेषज्ञों का यह मानना है कि अगर डेल्टा प्लस वैरिएंट के संक्रमण की स्पीड बढ़ी तो इसकी वजह से ही तीसरी लहर की शुरुआत होगी और इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर ही होगा। हालांकि इस बात को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पुख्ता जानकारी अभी तक नहीं दी गयी है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण क्या हैं? (What Are The Symptoms of Delta Plus Variant?)

देश में लगातार बढ़ रहे डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले चिंता का कारन बन गये हैं। एक तरफ जहां सरकार ने इस वायरस को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' मान लिया है वहीं वैज्ञानिक भी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इसके खिलाफ प्रभावी जानकारी जुटाई जाये। डेल्टा प्लस वैरिएंट के फैलने की रफ़्तार भी दूसरे वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा तेज मानी जा रही हैं। इस वैरिएंट के संक्रमण के बाद व्यक्ति में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • खांसी, बुखार और जुकाम
  • सीने में दर्द
  • सांस लेने में दिक्कत
  • स्किन पर चकत्ते
  • गले में खराश
  • स्वाद और गंध का न होना
  • दस्त

डेल्टा प्लस वैरिएंट के ज्यादातर लक्षण पुराने वैरिएंट के लक्षणों के समान ही हैं। कुछ लोगों में सामान्य फ्लू के लक्षण थे लेकिन जांच के बाद उनमें डेल्टा प्लस वैरिएंट का संक्रमण पाया गया था, इसलिए फ्लू के लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अगर आपको भी डेल्टा प्लस वैरिएंट से जुड़े कोई भी लक्षण महसूस हों तो अपनी जांच जरूर करायें।

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