आज के समय में असंतुलित खानपान और जीवनशैली से जुड़े कारणों की वजह से लोग मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं। मोटापे की समस्या से निजात पाने के लिए लोग तमाम तरह की सर्जरी और डाइट से जुड़े प्लान फॉलो करते हैं। वजन कम करने के लिए आजकल इंट्रागैस्ट्रिक बैलून प्लेसमेंट या Balloon थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में पेट में सिलिकॉन का गुब्बारा रखा जाता है जिसके जरिए आपकी भूख और अन्य चीजों को नियंत्रित किया जाता है। यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसके जरिए लोग वजन कम करते हैं। बैलून थेरेपी में आपको व्यायाम या डाइट से जुड़े प्लान फॉलो नहीं करने पड़ते हैं बल्कि सर्जरी के बाद पेट में रखा सिलिकॉन का गुब्बारा आपके वजन को संतुलित रखने का काम करता है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में सर्जरी भी शामिल है इसलिए इसके जोखिम भी हो सकते हैं। इस सर्जरी को कराने से पहले एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
क्या है वजन कम करने के लिए बैलून थेरेपी? (Balloon Therapy For Weight Loss In Hindi)
इंट्रागैस्ट्रिक बैलून थेरेपी वजन घटाने के लिए की जाने वाली एक सर्जरी है। यह एक एंडोस्कोपिक और अस्थायी सर्जरी है जिसमें आपके पेट के भीतर सिलिकॉन का गुब्बारा भेजा जाता है। इसके जरिए आपकी भूख और पेट में खाली जगह को टारगेट किया जाता है। इस थेरेपी में मरीज को बहुत ज्यादा व्यायाम या डाइट से नियमों का पालन नहीं करना होता है। इंट्रागैस्ट्रिक बैलून थेरेपी 30 किग्रा/एम2 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले मरीजों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। बहुत अधिक मोटे लोगों के लिए भी यह थेरेपी बहुत उपयोगी मानी जाती है। ऐसे मरीज को वजन कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी नहीं करा पाते हैं उनके लिए बैलून थेरेपी बेहतर विकल्प माना जाता है।
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क्यों की जाती है बैलून थेरेपी?
बैलून थेरेपी वजन कम करने के लिए की जाने वाली सर्जरी है जिसमें इंट्रागैस्ट्रिक बैलून का इस्तेमाल किया जाता है। इंट्रागैस्ट्रिक बैलून प्लेसमेंट और अन्य वजन घटाने की प्रक्रियाएं या सर्जरी आमतौर पर केवल तभी की जाती हैं जब आप अन्य सभी विकल्पों को अपना चुके होते हैं लेकिन आपको फायदा नहीं मिलता है। वजन कम करते समय कई बार मरीजों को कई गंभीर खतरे रहते हैं। इन खतरों से बचने के लिए बैलून थेरेपी का इस्तेमाल बहुत उपयोगी माना जाता है। बैलून थेरेपी से वजन कम करने में आपको इन चीजों का खतरा नहीं रहता है।
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- गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी)
- हृदय रोग या स्ट्रोक
- हाई ब्लड प्रेशर
- नींद और सांस से जुड़ी समस्या
- नॉन अल्कॉहोलिक किडनी डिजीज (NAFLD)
- टाइप 2 डायबिटीज
- यह थेरेपी इन लोगों के लिए उपयोगी मानी जाती है-
- जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 और 40 के बीच है।
- व्यायाम और खानपान में सुधार करने पर भी वजन कम नहीं होता है तो।
ज्यादा वजन वाले सभी लोगों के लिए बैलून थेरेपी की सिफारिश नहीं की जाती है। यह सर्जरी कराने से पहले आपको डॉक्टर की देखरेख में स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए स्क्रीनिंग के बाद ही आपको डॉक्टर इस सर्जरी की सलाह देंगे। इस सर्जरी में इंट्रागैस्ट्रिक बैलून डालने के बाद मरीजों को मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है। हालांकि ये समस्या ज्यादा दिनों तक नहीं रहती है। इसके अलावा इस सर्जरी के बाद कुछ लोगों में दर्द की समस्या भी हो सकती है। ऐसा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार के दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। वेट लॉस सर्जरी की प्रक्रिया कई तरह की होती है। उदाहरण के लिए मिनी गैस्ट्रिक बाईपास, रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, गैस्ट्रिक बैंड, गैस्ट्रिक स्लीव रिसेक्शन, डुओडेनल स्विच, एसएडीआई, प्लिकेशन और इलियल इंटरपोजिशन आदि वेट लॉस सर्जरी के प्रकार हैं। इसलिए कभी भी वजन कम करने के लिए सर्जरी को लेकर कंफ्यूज नहीं होना चाहिए।
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