मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है। इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ते हैं। व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाता है। इस समस्या में रोगी को शरीर में खिंचाव होने लगता है इसके अलावा हाथ तथा पैरो में अकड़न होने लगती है। और वह व्यक्ति मूर्छित होकर गिर पड़ता है। योग बहुत प्रभावशाली है, मिर्गी में भी लोगो को इसका फायदा मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो योग के जरिये मिर्गी को भी ठीक किया जा सकता है। इसके लिए अनुलोम-विलोम को सबसे बेहतर माना जाता है।
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अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायम से मिर्गी का इलाज किया जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाये। अब इस आसान की शुरुवात नाक के बाये छिद्र से करे। सर्वप्रथम उंगली की सहायता से नाक का दाया छिद्र बंद करें व बाये छिद्र से लंबी सांस लें। इसके बाद बायें छिद्र को बंद करे, तथा दायें वाले छिद्र से लम्बी सांस को छोड़े। इस पूरी प्रक्रिया को कम से कम 10-15 मिनट तक दोहराइएं। साँस को छोड़ने और लेने का काम सहजता से करे। गलत तरीके से करने पर नुकसान हो सकता है।
योग के अन्य आसन जो मिर्गी में फायदेमंद
कपालभाति प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम
ताड़ासन
नटराजासन
वृक्षासन
हस्तपादासन
सर्वांगासन
हलासन
पवन-मुक्तासन
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