टाइप 1 डायबिटीज के दौरान शरीर में इंसुलिन का निर्माण बंद हो जाता है, या फिर इंसुलिन का उत्पादन होना बहुत कम हो जाता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का लगातार स्तर गिरने से व्यक्ति टाइप 1 डायबिटीज का शिकार हो जाता है। हालांकि माना जाता है कि डायबिटीज का इलाज संभव नहीं है। लेकिन चीन के अनुसंधानकर्ताओं ने टाइप-1 डायबिटीज मरीजों के इलाज में सुअर के पैंक्रिएटिक ट्रांसप्लांटेशन कर सफलता हासिल की है जो इस पुरानी बीमारी का उपचार ढूंढने के मामले में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
आस्ट्रेलिया के सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर यह प्रतिरोपण किया गया। हुनान प्रांत के सेंट्रल साउथ यूनिवर्सिटी से संबद्ध थर्ड जियांग्या हॉस्पिटल में जुलाई, 2013 और फरवरी, 2016 के बीच तीन ऑपरेशन किए गए।
हॉस्पिटल के प्रोफेसर वांग वी ने बताया कि एक मरीज का इंसुलिन उपयोग 80.5 फीसदी घट गया जबकि अन्य दो में क्रमश: 57 फीसदी और 56 फीसदी कम हो गया। हुनान प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों की कार्यक्रम समीक्षा के अनुसार मध्यकालीन नतीजे भरोसेमंद रहे।
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार इस अनुसंधान से प्रतिरोपण के लिए अंगों की कमी की समस्या हल करने में मदद मिलेगी।
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