
यदि आप यह सोचते हैं कि जिंदगी का मजा सिर्फ युवा ही ले सकते हैं, तो आप अपनी सोच को बदल लीजिए। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि 85 वर्ष की उम्र में लोग सबसे ज्यादा खुश और स्वस्थ रहते है और जिंदगी का भरपूर लुफ्त उठाते हैं।
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने 3 लाख 40 हजार लोगों पर किए गए एक सर्वे के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। इस सर्वे में 18 से 85 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों से उनकी खुशी और संतुष्टि का स्तर बताने को कहा गया था। सर्वे के दौरान 18 वर्ष के प्रतिभागियों ने जिंदगी को बहुत खुशनुमा बताया। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ इसमें कमी आती गई।
वहीं 50 वर्ष की उम्र के प्रतिभागियों में खुशी का स्तर सबसे कम मिला। लेकिन 50 वर्ष की आयु के बाद इसका स्तर फिर से बढ़ने लगा और 85 वर्ष के आसपास के लोगों ने सबसे ज्यादा खुश और संतुष्ट रहने की बात स्वीकारी। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. आर्थर ए. स्टोन ने बताया कि 50 वर्ष की उम्र के बाद लोगों की जिंदगी में खुशी का स्तर बढ़ने लगता है और 85 वर्ष की उम्र में यह सबसे ज्यादा होता है।
सर्वे से यह बात भी समाने आई कि बुढ़ापे में खुश रहने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता हैं और वे खुद को ज्यादा स्वस्थ पाते हैं। स्टोन के मुताबिक युवावस्था के मुकाबले अधेड़ उम्र में लोगों पर जिम्मेदारियों का बोझ होता है जिसे पूरा करते-करते जिंदगी के कई सुहाने पल उनके हाथ से निकल जाते हैं। वहीं ढलती उम्र में उन्हें फुर्सत रहती है और वे सुकून से जिंदगी का मजा ले पाते हैं।
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