महिलाओं को होने वाली गर्भाशय कैंसर की समस्या का कुत्ते आसानी से पता लगा सकते हैं। एक अध्ययन के बाद कुछ शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कुत्ते ज्यादा बेहतर तरीके से गर्भाशय कैंसर का पता लगा सकते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक लैब्राडोर प्रजाति के ओहलिन फ्रैंक नामक कुत्ते को रासायनिक यौगिक के जरिए इस तरह से प्रशिक्षित किया गया कि वह गर्भाशय कैंसर के ऊतकों का पता लगाने में सक्षम हो गया। फ्रैंक और उसके दूसरे साथी कुत्ते मैकबैनी चम्बरलैन को यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवानिया की प्रयोगशाला में प्रशिक्षित किया गया। ये कुत्ते समय रहते बीमारी का पता लगा सकते हैं।
कैंसर का पता लगाने वाले कुत्ते उसी प्रजाति से संबंधित हैं जिन्हें विस्फोटकों, मादक द्रव्य और लापता लोगों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। शोधकर्ता कुत्तों की सूंघने की क्षमता का इस्तेमाल कर गर्भाशय कैंसर के शुरूआती चरण का पता लगाने में मदद ले रहे हैं।
पेन वेट की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सिंथिया एम ओतू ने कहा कि इन कुत्तों को दो साल के विशेष प्रशिक्षण के दौरान इस तरह से तैयार किया जा सकता है कि गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने के लिए किफायती जांच की व्यवस्था बनाई जा सकती है।
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