क्या मोटापा प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है? जानें कैसे करें बचाव

गर्भावस्था में मोटापे की वजह से महिलाओं को कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। जानें इनके बारे में-
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क्या मोटापा प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है? जानें कैसे करें बचाव

मोटापा आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है। मोटापा कई रोगों का कारण बन सकता है। मोटापे की वजह से हृदय रोग, लिवर रोग, डायबिटीज, थायराइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं। गर्भावस्था में मोटापा महिलाओं को अधिक परेशान कर सकता है। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। मोटापे से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं में गर्भकालीन मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, एम्बोलिज्म आदि समस्याएं होने का जोखिम अधिक रहता है। इतना ही नहीं जिन गर्भवती महिलाओं में मोटापा है, उनके शिश को भी नुकसान पहुंच सकता है। मोटापे से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं के बच्चों में मृत जन्म, जन्मजात रोग, पूर्व जन्म आदि का जोखिम अधिक रहता है। इसके अलावा भी मोटापे की वजह से गर्भवती महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

तो चलिए मसीना अस्पताल, मुंबई के स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रजनन चिकित्सा डॉक्टर राणा चौधरी से विस्तार से जानते हैं मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भावस्था में कौन-कौन सी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।

क्या मोटापा प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है? (Does Obesity Affect Pregnancy)

जब किसी व्यक्ति का बीएमआई 30 या उससे अधिक होता है, तो यह स्थिति मोटापे की होती है। अधिक बीएमआई नियमित ओव्यूलेशन को रोककर प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। मोटापे की वजह से जो महिलाएं नियमित रूप से ओव्यूलेट करती हैं, उनमें भी गर्भवती होने में अधिक समय लग सकता है। उच्च बीएमआई प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित कर सकता है, जानें-

गर्भावधि उच्च रक्तचाप

मोटापे की वजह से गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप विकसित हो सकता है। गर्भावस्था के 4 महीने बाद यह समस्या हो सकती है।

प्रीक्लेम्पसिया

प्रीक्लेम्पसिया गर्भावधि उच्च रक्तचाप का एक गंभीर रूप है, जो आमतौर पर गर्भावस्था के आखिरी महीनों या बच्चे के जन्म के तुरंत बाद होता है। यह स्थिति महिला के लिवर और किडनी को प्रभावित कर सकता है। यह दिल का दौरा, स्ट्रोक का कारण बन सकता है। प्रीक्लेम्पसिया भ्रूण के विकास को भी प्रभावित कर सकता है।

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जेस्टेशनल डायबिटीज

गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज यानी रक्त शर्करा का उच्च स्तर महिला की समस्याएं बढ़ा सकता है। यह स्थिति सिजेरियन डिलीवरी का कारण बन सकता है। 

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नींद के दौरान व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है। मोटापे की वजह से गर्भावस्था में स्लीप एपनिया की समस्या हो सकती है। 

इसके अलावा यह हृदय, फेफड़ों की समस्याओं का कारण भी बन सकता है। मोटापे से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को स्तनपान कराने में भी दिक्कत हो सकती है।

मोटापा गर्भावस्था में इन समस्याओं को बढ़ा सकता है-

  • मोटापे से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों में जन्म दोष होने का जोखिम बढ़ सकता है। इस स्थिति में हृदय रोग की समस्या हो सकती है।
  • शरीर में बहुत अधिक फैट हो सकता है। इसकी वजह से अल्ट्रासाउंड में बच्चे के अंगों को देखना मुश्किल हो सकता है।
  • भ्रूण सामान्य से बड़ा हो सकता है। इससे जन्म के दौरान चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। 

प्रेगनेंसी में महिला का वजन कितना होना चाहिए (Weight in Pregnancy)

  • अगर आपका बीएमआई 30 या उससे अधिक है और आप एक बच्चे को जन्म देने वाली हैं। इस स्थिति में आपका 5 से 8 किलो वजन बढ़ सकता है।
  • अगर आपका बीएमआई 30 या उससे अधिक है और आपके जुड़वां  बच्चों को जन्म देने वाली हैं, तो इस स्थिति में आपका वजन 11 से 18 किलोग्राम बढ़ सकता है। 

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