हम सब जानते हैं कि योगाभ्यास के कई शारीरिक लाभ हैं जैसे, मजबूत और लचीला शरीर, सहनशीलता और अच्छी सेहत। मूल रूप से योग मन, मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता था लेकिन कुछ सदियों से इसके शारीरिक पहलू पर ज़ोर दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि योग प्रथाओं में ध्यान और मन को प्रशिक्षित करने के लिए कई तकनीक शामिल हैं। मन और मस्तिष्क के लिए योग एक टॉनिक है। मन को नियंत्रण में रखने के लिए है और साथ में शारीरिक लाभ भी प्रदान करता है। यह दिमागी तनाव को कम करता है, ग्रे मैटर बढ़ाता है। इसके अलावा यह एकाग्रता बढ़ाता है, अवसाद और मानसिक संतुलन जैसे विकारों के प्रबंधन में मदद करता है।
इसे भी पढ़ेंः बकरी योग: अवसाद, तनाव दूर करने में है असरदायक!
बुढ़ापे में जरूर करें योग
लंबे समय तक योग करना मस्तिष्क की संरचना में बदलाव ला सकता है और बुढ़ापे में याद्दाश्त कम होने के जोखिम को भी कम कर सकता है। अध्ययन के दौरान जब शोधकर्ताओं ने लंबे समय से योग का अभ्यास करने वाली बुजुर्ग महिलाओं के मस्तिष्क का आकलन कर इस नतीजे पर पहुंचे। उन्होंने ऐसी महिलाओं के मस्तिष्क के बाएं प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में कॉर्टिकल की अधिक मोटाई पाई, जो ध्यान और स्मृति जैसे संज्ञानात्मक चेतनाओं से जुड़ा होता है।
अच्छी याददाश्त के लिए योग है महत्वपूर्ण
उम्र बढ़ने के साथ ही मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता में बदलाव होता है और इससे अक्सर ध्यान, स्मृति में कमी हो जाती है। इस दौरान मस्तिष्क में एक ऐसा बदलाव होता है, जिसमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स पतला हो जाता है, जो वैज्ञानिकों के अनुसार संज्ञानात्मक गिरावट से संबंधित है।
इसे भी पढ़ेंः केवल हाथ की इन 5 मुद्राओं से करें स्ट्रेस जैसी समस्या का सफाया
इन परिवर्तनों को कैसे बदला और धीमा किया जा सकता है, इसका जवाब देते हुए ब्राजील के साउ पाउलो स्थित इसरेलिता एल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल की एलिसा कोजासा ने बताया कि व्यायाम व योग से जिस तरह मांसपेशियों का विकास होता है, वैसा ही मस्तिष्क के साथ भी हो सकता है। यह शोध ‘फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Yoga Articles In Hindi