स्टेम सेल थेरेपी एक बेहद एडवांस तकनीक है, जिसमें स्टेम सेल की मदद से नए शरीर के कुछ नए अंगों को लैब में उगाया जा सकता है। ये तकनीक अपने मेडिकल गुणों के लिए दिन प्रतिदिन प्रसिद्धि पाती जा रही है। स्टेम सेल्स वह सेल्स होती हैं जो बोन मैरो से लेकर अम्बिलिकल कॉर्ड तक फैली हुई होती हैं। इन्हें शरीर की बेसिक सेल्स भी कहा जाता है। इनके पास शरीर के किसी भी टिश्यू या सेल में परिवर्तित होने की क्षमता होती है। आजकल स्टेम सेल थेरेपी का नाम भी बाजार में प्रचलित हो रहा है और इसे काफी सारी बीमारियां ठीक करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। आप भी अगर निम्न में से किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं तो स्टेम सेल थेरेपी का प्रयोग कर सकते हैं।
image source- stemcellfusion.com
हृदय बीमारियों में (Heart Diseases)
स्टेम सेल्स से एक छोटा हृदय तैयार किया जा सकता है। ताकि वह उन नसों से खून को शरीर में वापिस भेज सके। ये तकनीक उन लोगों के लिए मददगार हो सकती है, जिनके हृदय के वाल्व में कोई समस्या आ गई है। यह आर्टिफिशियल ऑर्गन नसों के स्थान पर इंप्लांट किया जा सकता है, ताकि रक्त प्रवाह पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े। यह छोटा हृदय मरीज के अपने सेल्स के द्वारा बनाया जाता है। इसलिए इसमें टिश्यू रिजेक्शन की संभावना भी कम होती है।
बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज (Diabetes In Kids)
स्टेम सेल्स को उन सेल्स में परिवर्तित किया जा सकता है जो इंसुलिन को उत्पादित करती हैं और इसलिए इसे टाइप 1 डायबिटीज के इलाज के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। ये सेल्स लैब में उत्पादित की जा सकती हैं उन्हें मानव के शरीर में कुछ इस प्रकार से लगाया जा सकता है कि वह मैच्योर होने पर पूरी तरह से काम करना शुरू कर सकें।
इसे भी पढ़ें- साल में एक बार फुल बॉडी हेल्थ चेकअप क्यों जरूरी है? जानें इसमें कौन से टेस्ट होते हैं और क्या पता चलता है
सुनने की क्षमता कम होना (Hearing Loss)
सुनने की क्षमता खत्म होने का मुख्य कारण होता है आंतरिक कान का डैमेज हो जाना। स्टेम सेल्स का प्रयोग सुनने की क्षमता बेहतर बनाने के लिए भी किया जा सकता है। यह सेल्स मैच्योर स्पाइनल गैंगलियन, नर्व आदि में तब्दील की जा सकती हैं अर्थात् यह सेल्स कान के आंतरिक भाग को तैयार करने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं जिनसे आपको सुनने में मदद मिल सकती है।
चर्म रोग (Skin Problems)
अगर आपकी स्किन पर ट्यूमर है या स्किन पर दाने दाने से हो जाते हैं तो आपके लिए स्टेम सेल पर आधारित एक जीन थेरेपी बनाई गई है जो इस प्रकार के चर्म रोगों से निजात पाने के लिए प्रयोग की जा सकती है। EB नामक जेनेटिक बीमारी भी इस प्रकार की थेरेपी से पूरी तरह ठीक की जा सकती है। इसके दौरान मरीज के पैरों में स्टेम सेल से बनाई गई सेल्स ट्रांसप्लांट कर दी जाती हैं।
इसे भी पढ़ें- क्यों नुकसान पहुंचाता है कढ़ाई में बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल? वेलनेस कोच Luke Coutinho से जानें
बांझपन (Infertility Among Males)
पुरुषों के बांझपन को भी स्टेम सेल के प्रयोग से ठीक किया जा सकता है। बांझ पुरुष की स्किन सेल्स से स्टेम सेल ली जाती है। ताकि उनका प्रयोग हेल्दी स्पर्म को बनाने के लिए किया जा सके। इस उपचार से बांझपन से जूझ रहे पुरुषों में उम्मीद की एक किरण जागी है।
ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor)
आजकल विदेशों में ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने के लिए खास तौर पर स्टेम सेल्स प्रयोग की जा रही हैं। इस तकनीक को कैंसर के उपचार में प्रयोग भी किया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से डैमेज हुए ब्रेन सेल्स को दोबारा डेवलप किया जा सकता है और इंप्लांट किया जा सकता है।
इन सब बीमारियों के साथ साथ फेफड़ों और ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए भी स्टेम सेल पद्धति का प्रयोग किया जा सकता है।