Disease That Have Similar Symptoms As PCOS In Hindi: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) हार्मोन से जुड़ी एक बीमारी है। यह मुख्य रूप से महिलाओं की ओवरीज को प्रभावित करती है। पीसीओएस होने पर ओवरीज में सिस्ट बन जाते हैं। ओवरी में बने सिस्ट के कारण पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। नतीजतन, महिला के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं, चेहरे पर अनचाहे बाल उग आते हैं, वजन बढ़ने लगता है और कई तरह की अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। इस तरह के लक्षण देखकर अक्सर महिलाएं आंख मूंदकर यही विश्वास कर बैठती हैं कि उन्हें पीसीओएस की दिक्कत है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कई अन्य बीमारियों में भी पीसीओएस जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं? जी, हां! यह सच है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं ऐसी बीमारियों के बारे में जिनके लक्षण पीसीओएस जैसे नजर आते हैं। इस संबंध में हमने जिनोवा शाल्बी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता लालगुडी से बात की।
किन बीमारियों में नजर आते हैं पीसीओएस जैसे लक्षण- Disease That Have Similar Symptoms As PCOS In Hindi
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थायराइड
पीसीओएस और थायराइड के कई लक्षण एक जैसे नजर आ सकते हैं। आपको बता दें कि थायराइड ग्लैंड थायराइड हार्मोन रिलीज करता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी हार्मोन है। थायराइड हार्मोन की वजह से हमारा मेटाबॉलिज्म सही रहता है, शरीर का तापमान स्थिर रहता है और हार्ट रेट भी संतुलित बना रहता है। वहीं, अगर किसी को हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म हो जाता है, तो शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते है। थायराइड से जुड़ी ज्यादा समस्याओं में मरीज को सोने में दिक्कत, एंग्जाइटी, बालों का झड़ना, वजन संतुलित न रहना, पीरियड्स अनियमित होने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
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हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया
प्रोलैक्टिन, पिट्यूटरी ग्लैंड द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए स्तन ग्रंथियों यानी मैमेरी ग्लैंड पर काम करता है। हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया एक ऐसी कंडीश्न है, जिसकी वजह से प्रोलैक्टिव का प्रोडक्शन बहुत ज्यादा होने लगता है। ऐसा होने पर महिलाओं के पीरियड् पर नेगेटिव असर पड़ता है। इसी तरह, आपने नोटिस किया होगा कि पीसीओएस होने पर भी महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा, पीसीओएस प्रोलैक्टिन के प्रोडक्शन को ट्रिगर कर सकता है।
एड्रिनल ग्लैंड ट्यूमर
एड्रिनल ग्लैंड हर्मोन प्रोडक्शन में अहम भूमिका अदा करते हैं। इसकी वजह से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है, स्ट्रेस कम होता है, प्यूबअीर् समय से आती है और कई तरह की शारीरिक गतिविधियों में इसका अहम योगदान है। अगर किसी वजह से एड्रिनल ग्लैंड अधिक हार्मोन प्रोड्यूस करता है, तो इसकी वजह से शरीर में अंसतुलन बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में ट्यूमर बनने लगता है, जो कि न सिर्फ असुविधाजनक हो सकता है। इसके साथ ही, कई अन्य लक्षणों भी नजर आ सकते हैं। ध्यान रखें कि एड्रिनल ग्लैंड में बना ट्यूमर बिनाइन और मैलिग्नेंट, दोनों तरह का हो सकता है। इस तरह की बीमारी में भी आपको पीसीओएस की तरह लक्षण जैसे अतिरिक्त बाल उग आना, कील-मुंहासे और ब्लड प्रेशर का बढ़ना आदि नजर आ सकते हैं। बेहतर होगा कि इन लक्षणों की अनदेखी न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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कुशिंग सिंड्रोम
कुशिंग सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसकी वजह से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इस स्थिति को हम हाइपरकॉर्टिसोलिज्म के नाम से भी जानते हैं। वैसे तो यह एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इसके कई लक्षण पीसीओएस जैसे ही नजर आते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो कुशिंग सिंड्रोम और पीसीओएस के लक्षण महिलाओं में काफी मिलते-जुलते हो सकते हैं। जैसे कुशिंग सिंड्रोम और पीसीओएस दोनों में अनियमित पीरियड्स होना, कील-मुंहासों की दिक्कत, वजन बढ़ना आदि जैसे लक्षण दिखते हैं। हालांकि, दोनों ही हेल्थ कंडीशंस में अलग-अगल लक्षण भी नजर आते हैं। इसलिए, बेहतर है कि आप दोनों के बारे में बारीकी से समझें और किसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।