
शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए पेट का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है। पेट का तात्पर्य पाचन क्रिया से है, अगर आपकी पाचन क्रिया कमजोर है। हमेशा कब्ज और अपच की शिकायत रहती है, मिचली आती है तो इसका मतलब आपका पाचन तंत्र कमजोर है। ऐसे में आपका स्वास्थ्य कभी अच्छा नही रह सकता है। तो अगर आप अपने पेट को हेल्दी रखना चाहते हैं तो रोजाना प्लावनी प्राणायाम कीजिए। इससे आपका पेट सही रहेगा और आप भी खुश रहेंगे। पेट की खराबी से होने वाली तमाम तरह की घातक बीमारियों से दूर रहेंगे।
इसे भी पढ़ें: ब्राउन राइस खाने के ये हैं 5 बेहतरीन फायदे

प्लाविनी प्राणायाम की विधि
इस प्राणायाम को निम्न लिखित दो प्रकार से कर सकते हैं।
विधि 1
इस प्राणायाम के अभ्यास के लिए अच्छे वातावरण को चुनें और नीचे चटाई बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब दोनों नाक के छिद्र से वायु को धीरे-धीरे अंदर खींचकर फेफड़े समेत पेट में पूर्ण रूप से भर लें। इसके पश्चात साँस को अपनी क्षमता के अनुसार रोककर रखें। फिर दोनों नासिका छिद्रो से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें अर्थात वायु को बाहर निकालें। इस क्रिया को अपनी क्षमता अनुसार कितनी भी बार कर सकते हैं।
विधि 2
रेचक और पूरक किए बिना ही सामान्य स्थिति में साँस लेते हुए जिस अवस्था में हो, उसी अवस्था में श्वास को रोक दें। फिर चाहे श्वास अंदर जा रही हो या बाहर निकल रही हो। कुछ देर तक श्वासों को रोककर रखना ही केवली प्राणायाम है।
इसे भी पढ़ें: इस चमत्कारी दूध के ये हैं 5 अनोखे फायदे!
प्लावनी प्राणायाम के लाभ
यह प्राणायाम अग्निप्रदीप्त को तेज कर पाचनशक्ति को बढ़ाता है और कब्ज की शिकायत को दूर करता है। इस प्राणायाम से प्राणशक्ति शुद्धि और आयु में वृद्धि होती है। इससे मन की चंचलता स्तिर होती है। मानसिक भटकाव से छुकारा मिलता है। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। माना जाता है कि इस प्राणायाम को पूर्ण रूप से अभ्यास कर लेने पर व्यक्ति बिना हाथ पैर हिलाए पानी में तैर सकता है।
नोट: प्लावनी प्राणायाम को किसी योग प्रशिक्षक के अंडर में ही करना चाहिए। इसे करने से पहले एक बार योगाचार्य से जरूर सलाह लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version