हम क्या खाते हैं और हमारा शरीर उसे कैसे पचाता है, ये दोनों ही हमारी सेहत से जुड़ा हुआ है। पर कई बार कुछ चीजों को खाते ही हम खुजली और रैशेज की समस्या महसूस करते हैं। तो, कई बार हमें कुछ चीजें पचती ही नहीं और हमें पेट दर्द और मतली महसूस होने लगती है। ये दोनों ही स्थितियां फूड एलर्जी (food allergy) और फूड इंटॉलेरेंस (food intolerance) के लक्षण हैं। ज्यादातर लोग फूड एलर्जी और फूड इंटॉलेरेंस के बीच फर्क नहीं कर पाते। तो, फूड एलर्जी और फूड इंटॉलेरेंस के इसी अंतर को समझने के लिए हमने किरण दलाल (Kiran Dalal), मुख्य आहार विशेषज्ञ, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल फरीदाबाद से बात की।
फूड एलर्जी और फूड इंटॉलेरेंस में अंतर-Difference between food allergy and food intolerance
डाइटिशियन किरण दलाल (Kiran Dalal) बताती हैं कि फूड एलर्जी (food allergy) दरअसल, इम्यून सिस्टम को ट्रिगर करता है और फूड के किसी खास न्यूट्रिएंट के प्रति रिएक्ट करता है। आमतौर पर ये प्रोटीन के साथ ज्यादा होता है। इसमें शरीर इन चीजों को खाते ही शरीर में रैशेज, खुजली, सूजन और ब्लॉटिंग आदि महसूस होती है। वहीं जब हम बात फूड इंटॉलेरेंस (food intolerance) की करते हैं, तो जिन चीजों को हमारा शरीर पचा नहीं पाता है, उसके खिलाफ शरीर पेट दर्द, डायरिया और वेट लॉस के रूप में प्रक्रिया देता है। यानी कि आसान भाषा में समझें तो, फू़ड एलर्जी में शरीर में इंस्टेंट रिएक्शन होता है जबकि फूड इंटॉलेरेंस में शरीर धीमे-धीमे रिएक्ट करता है और ये हल्का या फिर गंभीर दोनों हो सकता है। जबकि फूड एलर्जी हमेशा ही गंभीर हो सकत है और कई बार इसमें व्यक्ति को इलाज के लिए हॉस्पिटल भी ले जाना पड़ सकता है। तो, आइए अब विस्तार से जानते हैं इन दोनों के लक्षणों का अंतर।
फूड इंटॉलेरेंस (Food Intolerance in hindi)
फूड इंटॉलेरेंस में शरीर कुछ खाद्य पदार्थों के खिलाफ असहिष्णुता दिखाता है और उसे पचाने से मना कर देता है। इसमें हमारा पेट रिएक्ट करता है। पर डाइटिशियन किरण दलाल की मानें, तो ये हर व्यक्ति की सेहत के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। जैसे कि जिन चीजों का आपमें इंटॉलेरेंस है, उन्हें कई बार कम मात्रा में लेने से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि ज्यादा मात्रा में लेने से आप बीमार पड़ सकते हैं। फूड इंटॉलेरेंस की बात करें, तो इनमें शामिल हैं
- -लैक्टोज इंटॉलेरेंस (Lactose Intolerance ) जिसमें कि दूध और डेयरी उत्पादों को शरीर पचाने से मना कर देता है।
- -ग्लूटेन इंटॉलेरेंस (Gluten Intolerance) में ग्लूटेन से भरपूर चीजें खासतौर पर जिनमें लस होता है जैसे कि गेहूं, जौ और राई पाए जाने वाले प्रोटीन को शरीर पचा नहीं पाता है।
- -फ्रुक्टोज इंटॉलेरेंस (Fructose Intolerance) में शरीर फ्रूक्टोज से भरपूर चीजें जैसे कि फल या जूस को नहीं पचा पाता है।
इसी तरह कुछ लोगों को कैफीन इंटॉलेरेंस, सैलिसिलेट्स और फ्रर्मेंटेड चीजों के प्रति इंटॉलेरेंस हो सकता है। इस दौरान शरीर में फूड इंटॉलेरेंस के लक्षण (Food Intolerance Symptoms) नजर आते हैं। जैसे कि कुछ लोगों को इन चीजों को खाते ही शरीर में ये समस्याएं नजर आ सकती हैं। जैसे कि
- -पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे मतली, पेट दर्द, गैस, ऐंठन या सूजन।
- -उल्टी और दस्त
- -सिरदर्द।
- -बेचैनी या घबराहट
- -एक्ने
- -सूजन और रेडनेस

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फूड एलर्जी (Food Allergy in hindi)
फूड एलर्जी में हमारा इम्यून सिस्टम रिएक्ट करता है और इसलिए कई बार ये डरावना और जानलेवा हो सकता है। इसमें होता ये है कि आप जैसे ही एलर्जी वाली चीजों को खाते हैं, ये इम्यून सिस्टम को अलर्ट कर देता है और वो इन्हें अपना दुश्मन समझ कर लड़ना शुरू कर देते हैं। आमतौर पर फूड एलर्जी (Types of food allergy) के कई प्रकार होते है जैसे कि
- -पीनट एलर्जी यानी कि मूंगफली और इससे बनने वाली चीजों से एलर्जी।
- -मिल्क एलर्जी जिसमें कि दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों स हमें एलर्जी होती है।
- -सोया यो इससे बनी चीजों से एलर्जी होना
- -सीफूड से एलर्जी महसूस होना
- -मछली से एलर्जी होना
होता ये है कि जब हम इन चीजों को खाते हैं, तो इसके खास प्रोटीन या फिर किसी न्यूट्रिएंट के खिलाफ हमारा इम्यून सिस्टम लड़ाई छेड़ देता है और इसके कारण हमारे शरीर में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण (Food allergy Symptoms) तक नजर आते हैं। जैसे कि
- -रैशेज और खुजली
- -पूरे शरीर में लाल-लाल पित्ती निकल आना
- -शरीर में सूजन और रेडनेस महसूस होना
- -सीने में दर्द महसूस करना
- -सांस लेने में तकलीफ
बचाव के उपाय-Prevention Tips
1. एलर्जी और इंटॉलेरेंस टेस्ट करवाएं
डाइटिशियन किरण दलाल का सुझाव है कि जिन लोगों को भी फूड एलर्जी और इंटॉलेरेंस की समस्या है उन्हें सबसे पहले एलर्जी टेस्ट (allergy test) और इंटॉलेरेंस टेस्ट (Intolerance test) करवाना चाहिए। ताकि उन्हें पहले से ही पता हो कि उनके लिए क्या खाना अच्छा है और क्या खाना सही नहीं है। इसके अलावा कोशिश करें कि अपने बच्चों में ये टेस्ट जल्दी करवाएं क्योंकि ये उनके ग्रोथ को रोक सकता है और उनमें कमजोरी पैदा कर सकता है। जिसकी वजह से वे मानसिक और शारीरिक दोनों तरीके से बीमार हो सकते हैं।
2. हर चीज को पढ़ कर ही खाएं
जब हमें किसी चीज से एलर्जी है तो हमें अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। इसके लिए हमें हर चीज का लेबल पढ़ कर ही इस्तेमाल करना चाहिए। खास कर कि इनमें उन चीजों को जरूर पढ़ें जिससे आपको एलर्जी या इंटॉलेरेंस हो।
3. किचन में ना रखें ये चीजें
आपको जिन चीजों से एलर्जी है उन चीजों को किचन में रखना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि आपके किचन में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति इन चीजों को धोखे से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए अपने किचन में उन्हीं चीजों को रखें जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है।
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4. खाना बनाते समय बरतें सावधानियां
खाना पकाने या परोसने की प्रक्रिया के दौरान एलर्जी के साथ क्रॉस-कॉन्टैक्ट से बचने की कोशिश जरूर करें। साथ ही इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखें जैसे कि
- -एलर्जेनिक और नॉन-एलर्जेनिक खाना तैयार करने के लिए एक ही बर्तन का उपयोग न करें।
- -उपयोग के तुरंत बाद बर्तन, प्लेट और कटिंग बोर्ड को सीधे सिंक या डिशवॉशर में रखें।
- -कोशिश करें कि जल्दी-जल्दी में कुछ भी उठा कर ना खाएं। हर चीज को एक बार चेक कर लें।
इन तमाम चीजों को जानने क बाद जरूरी है कि आप सबसे पहले अपने लिए एक डाइटिशियन की तलाश करें और उनसे अपना डाइट प्लॉन करवाएं। साथ ही खाने में अपने इंटॉलेरेंस की सही मात्रा को जानें कि आप किस चीज को कितना और कैसे खा सकते हैं। जैसे कि लैक्टोज इंटॉलेरेंस में दूध नहीं पचता पर दही पच जाता है। इन्हीं तमाम चीजों के बारे में अपने डाइटिशियन से बात करें और फूड एलर्जी और इंटॉलेरेंस से बचे रहें।
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