ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) गठिया के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है, जो उम्र के बढ़ने के कारण होता है। ऑस्टियोअर्थराइटिस में हड्डियों में सूजन, दर्द और घुटने में गैप आने जैसी समस्या रहती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। इनके कुछ प्रमुख कारणों में मोटापा, चोट और कैल्शियम की कमी आदि भी शामिल हैं। दवाइयों के अलावा हम अपनी डाइट को सही करके भी ऑस्टियोअर्थराइटिस से राहत पा सकते हैं। ताजे खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां, योग, ध्यान, तनाव मुक्त रहने जैसी पारंपरिक प्रथाओं का उपयोग और पर्याप्त धूप लेना भी इससे राहत पाने में हमारी मदद कर सकता है। तो आइए आज हम आपको बताएंगे कि पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस से निपटने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए?
फल और सब्जियां
फल और सब्जियां बहुत जरूरी हैं क्योंकि वे फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत हैं। इसलिए, कैरोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन आदि को अपने दैनिक भोजन में जोड़ें। एक दिन में कम से कम 2-3 फल और 5 तरह की अलग-अलग सब्जियां खाएं। इसके अलावा, खट्टे फल जैसे आंवला, नींबू आदि आपके आहार में जरूर होने चाहिए, खासकर हर भोजन के बाद।
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प्रोसेस्ड फूड्स को खाने से बचें
प्रोसेस्ड फूड्स में तले हुए और बेकरी खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं। समोसा, पकोड़ा, पैटीज़, पेस्ट्री, डीप-फ्राइड गरी, चिप्स, कुकीज, भुजिया, मिश्रण, क्रिस्प्स और अन्य स्नैक्स में अनहेल्दी फैट होते हैं। शोध बताते हैं कि तले हुए खाद्य पदार्थ, खासकर अस्वास्थ्यकर वसा ही, सूजन से जुड़े होते हैं। इसके साथ ये घुटनों का वजन भी बढ़ाते हैं, जिससे आपके लिए खड़े होना या घूमना मुश्किल हो जाता है। इसलिए ऑस्टियोअर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अपने वजन को लेकर ज्यादा अलर्ट होना चाहिए।
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वजन कम करना
गठिया में वजन बढ़ना, एक टूटे पैर पर अतिरिक्त वजन जोड़ने जैसा है। इसलिए, जितना हो सके उतना वजन कम रखने की कोशिश करें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि ब्लड में आपके विटामिन डी -3 का स्तर एक सही सीमा में हो।
गोभी और ब्रोकोली ठीक कर सकता है गठिया
2013 में गठिया से जुड़े एक अध्ययन से पता चला है कि गोभी और ब्रोकोली में पाया जाने वाला सल्फोरफेन नामक यौगिक पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा सुबह-सुबह मेथी के बीज के पानी का सेवन सूजन को कम करने में भी प्रभावी है। इसलिए, 1 चम्मच मेथी के बीज को रात भर पानी में भिगोएं और सुबह उठकर उस पानी का सेवन करें। आप चाहें तो इस तो इस बीज को चबा भी सकते हैं।
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खाने में सही तेल का इस्तेमाल करें
खाने में अनुचित तेलों के उपयोग के कारण बहुत अधिक सूजन और दर्द बढ़ा सकता है। इसलिए शुद्ध या जैविक तेलों का उपयोग करें- जैसे सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, शुद्ध घी और जैतून का तेल।
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ओमेगा 3 का सेवन करें
मछली और मछली के तेल की गोलियां डीएचए और ईपीए के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं, जो जोड़ों के दर्द को काफी हद तक कम करने में मदद करते हैं। चिया सिड्स, अखरोट, पालक, फ्लैक्ससीड्स का विकल्प चुनना ज्यादा सही है। कई प्रकार के शोधों के अनुसार, ऑस्टियोअर्थराइटिस के रोगियों के लिए 300 ग्राम मछली खाना बहुत जरूरी है। लेकिन, मछली को बेक या स्टीम किया जाना चाहिए न कि डीप-फ्राइड।
पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए वर्तमान में कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं। ऐसे में कुछ लोग अपने दर्द का इसाज करवाने के लिए चिकित्सा उपचार का विकल्प चुनते हैं, तो इसके विपरीत, अन्य आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूपंक्चर और अन्य पारंपरिक चिकित्सा लिए जाते हैं।
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