ऑस्टियोआर्थराइटिस में इन 5 आहारों के सेवन से बढ़ जाते हैं दर्द और सूजन

ऑस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का ही एक रूप है जिसमें एक या एक से ज्यादा जोड़ों के कार्टिलेज टूट जाते हैं या घिसते रहते हैं। इस रोग में हड्डियों के कमजोर होने के कारण जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Feb 28, 2018 19:15 IST
ऑस्टियोआर्थराइटिस में इन 5 आहारों के सेवन से बढ़ जाते हैं दर्द और सूजन

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आजकल अनियमित खानपान अस्वस्थ आहार और बिना शारीरिक मेहनत के गुजर रही जिंदगी के कारण लोग कई तरह के रोगों से परेशान हैं। इन रोगों के कारण और पोषण की कमी के कारण शरीर के अंगों और दिमाग के साथ-साथ हड्डियां भी प्रभावित हो रही हैं। इसी तरह का एक रोग है गठिया यानि आर्थराइटिस, जिसमें आदमी के जोड़ों में लगातार दर्द होता है, जिससे उसके रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का ही एक रूप है जिसमें एक या एक से ज्यादा जोड़ों के कार्टिलेज टूट जाते हैं या घिसते रहते हैं। इस रोग में हड्डियों के कमजोर होने के कारण जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस होने पर शरीर में दर्द के साथ सूजन की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इसके होने पर कुछ विशेष आहारों के सेवन से परहेज करना चाहिए।

नमक का सेवन

नमक में सोडियम होता है। ज्यादा नमक खाने से कोशिकाओं में पानी भर जाता है और इसके कारण उनमें सूजन आ जाती है। सोडियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है लेकिन जरूरत से ज्यादा सोडियम के सेवन से सूजन शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या तो बढ़ती ही है इसके अलावा ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां, किडनी रोग और लिवर की बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है।

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ज्यादा चीनी का सेवन

ऑस्टियोआर्थराइटिस में चीनी वाले पदार्थों का ज्यादा सेवन भी इस रोग को बढ़ावा दे सकता है इसलिए इस रोग में केक, चॉकलेट, आइसक्रीम, कुकीज, कोल्ड ड्रिंक्स आदि के सेवन से बचें। दरअसल ज्यादा चीनी खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। अगर आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस है तो चीनी के सेवन से शरीर में अंदरूनी सूजन आ सकती है और इससे नसें प्रभावित हो सकती हैं और दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है। चीनी की जगह आप आर्टिफिशियल स्वीटनर या शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

डेयरी प्रोडक्ट्स

ऑस्टियोआर्थराइटिस होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से भी कोशिकाओं में सूजन की संभावना बनी रहती है। हालांकि ऐसा कुछ विशेष मामलों में ही होता है। कोशिकाओं में सूजन आने से ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द ज्यादा बढ़ सकता है। शोध में पाया गया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के दौरान जानवरों के दूध के सेवन से परेशानी बढ़ सकती है। जबकि अन्य दूध जैसे सोया मिल्क, अलमंड मिल्क, फ्लैक्स मिल्क आदि के प्रयोग से इसमें राहत मिलती है क्योंकि इनमें से ज्यादातर में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं।

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सफेद आटा

रिफाइन्ड आटे से बने प्रोडक्ट्स जैसे व्हाइट ब्रेड, चपातियां और मैदे से बने प्रोडक्ट्स जैसे पास्ता, बिस्किट, नूडल्स आदि भी ऑस्टियोआर्थराइटिस में नुकसानदायक हैं। इसके लिए गेंहूं के बजाय मोटे अनाजों जैसे मक्के का आटा, जौ का आटा, बाजरे का आटा आदि प्रयोग कर सकते हैं। गेंहूं के आटे में ग्लूटेन होता है इसलिए इससे आर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है। इसके अलावा आर्थराइटिस में प्रॉसेस्ड फूड्स से बचना चाहिए।

तली हुई चीजें

तेल को जब ज्यादा गर्म किया जाता है तो ये फैटी एसिड में बदल जाता है और फैटी एसिड के प्रयोग से ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द बढ़ जाता है। तली चीजों जैसे फ्रेंच फ्राइस, समोसे, पकौड़े, डोनट्स आदि में सैचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा होता है। इसलिए इन चीजों के सेवन से कोशिकाओं में सूजन आ सकती है। तेल के ज्यादा इस्तेमाल से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है और दिल की बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है।

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