तनाव इन 7 तरीकों से पहुंचाता है सेहत को नुकसान, एक्सपर्ट से जानें तन-मन को स्वस्थ रखने के खास डाइट टिप्स

तनाव आपके दिमाग और शरीर दोनों को धीमे-धीमे प्रभावित करता है। इसलिए आपको अपने तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए इन डाइट टिप्स की मदद लेनी चाहिए। 
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तनाव इन 7 तरीकों से पहुंचाता है सेहत को नुकसान, एक्सपर्ट से जानें तन-मन को स्वस्थ रखने के खास डाइट टिप्स

हम जानते हैं कि हमारा आहार और जीवनशैली हमारे वजन, पाचन, ऊर्जा के स्तर, प्रतिरक्षा, मनोदशा और बहुत कुछ को प्रभावित करती है। फिर भी, हम अक्सर अपनी डाइट के बारे में इतना नहीं सोचते। जबकि हमारे खाने में मौजूद पोषक तत्व हमारी एनर्जी और हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करती है। कई न्यूट्रिएंट्स तो हमारी सोच को प्रभावित करते हैं और इमोशनली स्ट्रांग या वीक भी करते हैं। इसलिए हम तन और मन दोनों से स्वस्थ रहें इसके लिए बेहद जरूरी है कि हम अपनी डाइट को सही करें। जैसे कि हम खाने-पानी के कुछ पारंपरिक तरीकों को अपना सकते हैं, कुछ हेल्दी व्यंजनों को खा सकते हैं और कम से कम प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कर एक हेल्दी डाइट फॉलो कर सकते हैं। इसी बारे में हमने रक्षा मिश्रा (Raksha Mishra) आहार विशेषज्ञ, जसलोक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से बात की। रक्षा मिश्रा कहती हैं कि तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए डाइट का सही होना बेहद जरूरी है पर उससे पहले हमें ये जानान होगा कि तनाव हमारी सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाता है। 

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image credit: The Beet

तनाव में रहने के नुकसान- Negative effects of stress on health

1. भूख को अनियंत्रित करता है 

तनाव हमारे भूख को अनियंत्रित करने में मदद करता है। तनाव के कारण या तो हम ज्यादा खाते हैं या फिर हम खाते हैं। स्ट्रेस में खाना खाने से शरीर को बहुत नुकसान होता है। इसके अलावा स्ट्रेस में रह कर ना खाने से भी आप मोटापे के शिकार हो सकते हैं। भूख का अनियंत्रित होना आपके ब्लड प्रेशर, शुगर, हड्डियों और पेट के सेहत को भी प्रभावित करता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप अपना वजन भी संतुलित रखें। 

2. कोर्टिसोल और इंसुलिन को प्रभावित करता है

तनाव से कोर्टिसोल और इंसुलिन प्रभावित होता है जिससे हम शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा करते हैं, चाहे हम कितना भी स्वस्थ खाएं या कितना भी कसरत करें। दरअसल, कोर्टिसोल ग्लूकोज को संग्रहीत होने से रोकने के प्रयास में इंसुलिन उत्पादन को रोकता है।  कोर्टिसोल धमनियों को संकरा करता है जबकि एपिनेफ्रीन हृदय गति को बढ़ाता है, दोनों ही रक्त को अधिक और तेजी से पंप करने के लिए मजबूर करते हैं। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

3.  मांसपेशियों की वृद्धि को रोकता है

तनाव अक्सर मांसपेशियों की वृद्धि को रोकता है। दरअसल, जो आप खाते हैं या एक्सरसाइज करते हैं मांसपेशियों की ग्रोथ से वो जुड़ा होता है। पर जब आप तनाव लेते हैं तो आपके द्वारा की गई कोई मेहनत काम नहीं आती और ना ही उससा आपके शरीर पर कोई फायदा नजर आता है। 

4. पाचन को परेशान करता है

तनाव आपकी पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। ये आपके मेटाबोलिज्म को स्लो कर देता है और गैस व बदहजमी से जुड़ी समस्याओं को पैदा करता है। तनाव के कारण कई बार नींद आने की समस्या, एसिडिटी और फिर मोटापे की समस्या भी होती है जो कि खराब पाचन तंत्र से जुड़ा हुआ है। 

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5. पोषक तत्वों का तीव्र उत्सर्जन होता है

पोषक तत्व विभिन्न स्रोतों से आते हैं पर जल्दी जल्दी इनका उत्सर्जन होना शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है। दरअसल, तनाव में रहने पर शरीर कई बार ओवरएक्टिव हो जाती है और ऐसे में कई सारी गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं। 

6.  गुड बैक्टीरिया को नुकसान

तनाव आपकी आंतों में रहने वाले गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाता है और उन्हें मारता है। इससे मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है। इसलिए मेटाबोलिज्म को ठीक करने के लिए जरूरी है कि आप अपने पेट के अंदर माइक्रोबायोटा का माहौल हेल्दी रखें और गुड बैक्टीरिया को हेल्दी रखें। 

7. थायराइड हार्मोन को प्रभावित करता है

थायराइड पर तनाव का असर आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को धीमा करने से होता है। यह एक और तरीका है जिससे तनाव और वजन बढ़ना जुड़ा हुआ है। जब तनाव के दौरान थायराइड की क्रिया धीमी हो जाती है, तो ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) हार्मोन का स्तर गिर जाता है।T4 हार्मोन का T3 में रूपांतरण नहीं हो सकता है, जिससे रिवर्स T3 का स्तर बढ़ जाता है। हाइपोथायरायडिज्म के साथ अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध और ब्लड शुगर को संतुलित करने वाली समस्याएं होती हैं। ग्लूकोकार्टिकोइड्स के बढ़े हुए स्तर खून में टीएसएच के स्तर को कम करते हैं। इसलिए थायराइड को हेल्दी रखने के लिए तनाव हार्मोन और कोर्टिसोल के बीच एक नाजुक संतुलन मौजूद होना चाहिए। अगर यह नाजुक संतुलन बदलता है, तो आपके थायराइड के लक्षण बढ़ सकते हैं।

तन-मन को स्वस्थ रखने के खास डाइट टिप्स-Diet for healthy mind body in hindi 

1. हल्दी को डाइट में शामिल करें

हल्दी और इसके सक्रिय यौगिक करक्यूमिन में मजबूत एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हैं, जो कि मस्तिष्क को हेल्दी रहने में काफी मदद करते हैं। यहां तक कि ये अवसाद और अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम करने में मददगार है।

2. कद्दू के बीज

कद्दू के बीज के फायदे की बात करें तो ये कई सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो मस्तिष्क के कार्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें आयरन, मैग्नीशियम और जिंक आदि भी शामिल होते हैं। इसका रेगुलर सेवन करने से ब्रेन हेल्दी रहता है और आपका हार्मोनल हेल्थ भी बेहतर होता है। 

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3. कॉफी

कॉफी सतर्कता और मनोदशा को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। ये अल्जाइमर के खिलाफ कुछ सुरक्षा भी प्रदान करता है, इसकी कैफीन और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर के लिए अन्य तरीकों से भी फायदेमंद है। पर ध्यान रहे कि ज्यादा कॉफी पीने के नुकसान है। इसलिए रोज 2 बार से ज्यादा कॉफी ना पिएं। 

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4. अंडे और मछली

अंडे कई बी विटामिन और कोलीन का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो मूड को संतुलित रखने और उचित मस्तिष्क कार्य और विकास को बढ़ावा देने में मददगार है। साथ ही ओमेगा -3 फैटी फूड्स का सेवन करने से भी ये आपके ब्रेन को हेल्दी रखने में मदद करता गै। ओमेगा -3 एस याददाश्त को तेज करने और मूड में सुधार करने के साथ-साथ आपके मस्तिष्क को संज्ञानात्मक गिरावट से बचाने में भूमिका निभाते हैं।

5. फल और सब्जियां 

फल और सब्जियां विभिन्न स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले यौगिकों, मेसोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट के कारण कई अलग-अलग रंगों में आती हैं। इसलिए विभिन्न प्रकार के रंगों वाले फलों और सब्जियों को खाना यह सुनिश्चित करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है कि आपको अपने दिमाग और शरीर को बेहतर ढंग से काम करने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं।

तो, इस तरह आप क्या खाते हैं और कितना खाते हैं, इससे आपके भूख की स्तर, भावनाएं, आप शारीरिक क्रियाएं भी प्रभावित होती हैं। हेल्दी खाना आपके ऊर्जा का स्तर सही रखता है, पाचन क्रिया को सही करता है और आपके मूड स्विंग्स को बेहतर बनाने में मदद करता है। 

Main image credit: Stackumbrella

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