क्या आप भी सुबह सुबह बहुत कम एनर्जी महसूस करते हैं? अगर हां तो आप ऐसे अकेले नहीं हैं। सुबह सुबह अपनी एनर्जी को बढ़ाने के लिए आप ब्रीदवॉक (Breathwalk) कर सकते हैं। चलना मेडिटेशन करना और योग तीनों ही हमारे लाइफस्टाइल की बेहतरी के विकल्प हैं। जिनका प्रभाव हमारी हेल्थ और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक रूप से पड़ता है। आज के समय में भागदौड़ भरी जीवनशैली की वजह से यदि आप तनावग्रस्त रहते हैं। तो इन तीनों को अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। इसे ब्रीदवॉक कहा जाता है। इस वॉक का फायदा यह है कि यह वह आपको मानसिक शांति देती है साथ ही आपका वजन भी कम होता है। इससे आपके मन (Spirit), शरीर (Body) और मानसिक (Mind) अवस्था पर सकारात्मक प्रभाव (Positive Effect) पड़ता है। इस एक्सरसाइज से आपका एनर्जी लेवल का बढ़ता है। मूड स्विंग (Mood Swings),नियंत्रित होते हैं। इसमें कुछ ब्रीदिंग तकनीक शामिल होती हैं जो योग और मेडिटेशन (Meditation) दोनों से जुड़ी होती हैं। ताकि मन चाहा नतीजा मिल सके। इस प्रकार की तकनीकों द्वारा साधारण वॉकिंग से अधिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। तो आइए जान लेते हैं कि कैसे की जा सकती है ब्रीदवॉक।
कैसे करते हैं ब्रीद वॉक (How to Perform Breathwalk)
इस वॉक में योग के समान, उथली सांसों की जगह गहरी व पूरी सांस लेने पर ध्यान किया जाता है। आपको अपने कदमों और चाल पर ध्यान कर सांस लेने के तरीके को सही करना होता है। इस प्रकार मेडिटेशन में मस्तिष्क को शांत करना होता है ठीक उसी प्रकार इसमें भी अपने विचारों को नियंत्रित किया जाता है।
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ब्रीद वॉक के फायदे (Breath walk Benefits)
ब्रीद वॉक करने से हृदय रोगों का खतरा, हाइपरटेंशन हाई कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज व कार्डियोवैस्कुलर और पलमोनरी स्वास्थ्य ठीक रहता है। वहीं जब मस्तिष्क के विचारों को नियंत्रित किया जाता है तो उससे हमारा तनाव तो कम होता ही है साथ ही ऊर्जा लेवल बढ़ता है और नकारात्मक भावनाओं पर लगाम लगता है।
क्या आपको ब्रीद वॉक करनी चाहिए (Why You Must Do Breathwalk)
ब्रीद वॉक करने का एक फायदा यह भी है कि इससे आसानी से वजन कम होता है। यह भी पाया गया कि जो लोग इस तरह की वॉक करते हैं उससे उनकी अन हेल्दी खाने की आदत में सुधार होता है। ऐसा उनका शरीर के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण संभव होता है। व्यक्ति इस बात के प्रति सचेत हो जाता है कि वह जैसा खाएगा उसका असर उसके स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। तब वह व्यक्ति बेहतर जीवन शैली अपना पाता है। ब्रीदवॉक से यह भी एहसास होता है कि जब उथली सांस ली जाती हैं तो हर समय व्यक्ति एंजाइटी और तनाव का शिकार रहता है। लेकिन गहरी सांस लेने से मन और मस्तिष्क कंट्रोल में रहते हैं।
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ब्रीदवॉक तकनीक क्या है (Breathwalk Technique)
वेव तकनीक (Wave)
ब्रीद वॉक का पहला स्टेप वेब है। यानी जब आप नाक से सांस लेते हैं तब उस समय हर सांस के साथ चार कदम चले गहरी सांस लें। डायाफ्राम के साथ गहरी सांस लेते हुए चलें और चार कदम के बाद सांस मुंह से छोड़ें। फिर अगले कदम पर गहरी सांस लें यह प्रक्रिया दोहराएं। 5 मिनट के बाद रोकें फिर दूसरा स्टेप लें।
सीढ़ी चढ़ने की तकनीक
जब आपको वेब तकनीकी आदत पड़ जाए तब आप इस दूसरी तकनीक की तरफ बढ़ सकते हैं। इसमें एक बड़ी ब्रीद चार छोटी ब्रीद में बदल दी जाती हैं। इस तकनीक में चार छोटी ब्रीद ली जाती है और चार छोटी ब्रीद छोड़ी जाती हैं। शुरू शुरू में इस तरह से सांस लेना असामान्य और अप्राकृतिक लगेगा। लेकिन अभ्यास के साथ ही आपको सामान्य महसूस होने लग जाएगा। वॉक करते समय अपने कदमों पर, आसपास के माहौल पर और मन को शांत करने वाले मंत्र पर ध्यान दें।
नोट - इस वॉक से आपको शारीरिक के साथ साथ मानसिक लाभ भी मिलते हैं। मुंह से सांस लेने पर हम कुठली सांस लेते हैं जिसकी वजह से कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। यह प्रक्रिया हाइपरवेंटिलेशन कहलाती है। जब आप मुंह बंद करके नाक से सांस लेते हैं और अपने कदमों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। तो आप का मन और मस्तिष्क शांत होता है। स्ट्रेस खत्म होता है।
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