जानिये क्यों होता है डायबिटीज में किडनी फेल्योर का खतरा और इसके लक्षण

किडनी शरीर का एक छोटा हिस्सा लेकिन इसका काम बेहद महत्वपूर्ण और जटिल है। किडनी जब अपना काम करना बंद कर दे तो इसे ही किडनी फेल्योर कहते हैं। आमतौर पर क्रॉनिक किडनी फेल्योर के जितने भी मामले सामने आते हैं उनमें से 40-50 प्रतिशत लोग पहले से डायबिटीज का शिकार होते हैं।
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जानिये क्यों होता है डायबिटीज में किडनी फेल्योर का खतरा और इसके लक्षण


गुर्दे यानि किडनी हमारी बॉडी का एक महत्वपूर्ण अंग है। हमारे शरीर और ब्लड में जो कुछ भी अपशिष्ट पदार्थ जाते हैं चाहे वो खाने-पीने के माध्यम से हों या अन्य किसी माध्यम से, किडनी उन्हें बाहर निकालती है और ब्लड को साफ करती है। इसके अलावा ये शरीर में पानी और मिनरल्स का लेवल भी मेनटेन रखती है। अगर किसी की किडनी संक्रमण के कारण ये खराब हो जाती है तो उस व्यक्ति को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही शरीर की कुछ अन्य बीमारियों के कारण भी किडनी के खराब होने या उसके फेल होने का खतरा होता है, जिनमें डायबिटीज एक प्रमुख बीमारी है। डायबिटीज के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है इसलिए इसके होने से शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। इसलिए डायबिटीज को समय से कंट्रोल करना और इसके लिए जरूरी परहेज और शारीरिक व्यायाम करना बहुत जरूरी है।

डायबिटीज में क्यों हो सकती है किडनी फेल

किडनी शरीर का एक छोटा हिस्सा लेकिन इसका काम बेहद महत्वपूर्ण और जटिल है। किडनी जब अपना काम करना बंद कर दे तो इसे ही किडनी फेल्योर कहते हैं। आमतौर पर क्रॉनिक किडनी फेल्योर के जितने भी मामले सामने आते हैं उनमें से 40-50 प्रतिशत लोग पहले से डायबिटीज का शिकार होते हैं। किडनी हमारे शरीर में ब्लड को शुद्ध करती है और इसकी अशुद्धियों को बाहर निकालती है। एक सामान्य व्यक्ति की किडनी एक मिनट में लगभग 1200 मिली लीटर ब्लड को प्यूरिफाई करती है। ऐसे में अगर व्यक्ति को डायबिटीज है, तो ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और किडनी तक पहुंचने वाले ब्लड की मात्रा भी बढ़ जाती है।

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किडनी पर बढ़ता है दबाव

शुगर के दौरान किडनी को सामान्य से ज्यादा ब्लड उतने ही समय में प्यूरिफाई करना पड़ता है। कई बार तो किडनी को अपनी सामान्य क्षमता से 30 से 40 प्रतिशत ज्यादा ब्लड प्यूरिफाई करना पड़ता है, जिसके कारण इस पर काफी दबाव पड़ता है। अगर लंबे समय तक कीडनी को इतनी ही मेहनत करनी पड़ती है तो कुछ लोगों की किडनी जरूरत से ज्यादा दबाव के कारण काम करना बंद कर देती है और इसे ही किडनी फेल होना कहते हैं।

डायबिटीज के दौरान किडनी फेल्योर के लक्षण

  • भूख कम लगने के साथ-साथ कमजोरी लगना
  • दिन में कई बार उल्टी होना और थकान महसूस होना
  • चेहरे और आंखों में सूजन आ जाना
  • कमर और पसलियों में दर्द महसूस करना
  • ब्लड प्रेशर का अचानक से तेज हो जाना या अनियंत्रित हो जाना
  • पैरों में सूजन आ जाना और इसका फूलने लगना

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बचाव के उपाय

अगर आपको डायबिटीज है और आपको ऐसा कोई भी लक्षण नजर आता है तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। किडनी फेल्योर से बचने के लिए आपको अपना ब्लड शुगर कंट्रोल रखना पड़ेगा। इसके लिए आप डॉक्टर द्वारा बताए परहेज का कड़ाई से पालन करें और दवाएं आदि नियमित लेते रहें। कि़डनी फेल्योर के पहले कई बार इसके लक्षण तब तक नहीं पता चलते जब तक किडनी को 70-80 प्रतिशत नुकसान न पहुंच जाए इसलिए डायबिटीज के मरीज को साल में कम से कम एक बार माईक्रल टेस्ट कराकर अपना अल्बुमिनिरिया चेक करवाते रहना चाहिए। माइक्रल टेस्ट के पॉजिटिव होने का मतलब है कि किडनी पर आपके डायबिटीज का प्रभाव पड़ना शुरू हो चुका है।

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