आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब खानपान और अनियमित लाइफस्टाइल के कारण कई गंभीर बीमारियां जन्म ले रही हैं। इनमें से कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं, लेकिन लंबे समय तक व्यक्ति को उनके बारे में पता ही नहीं चलता। ऐसी ही एक गंभीर समस्या है किडनी से जुड़ी बीमारी, जो अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के विकसित होती रहती है और जब तक इसका पता चलता है, तब तक स्थिति काफी बिगड़ चुकी होती है। जब किडनी सिकुड़ने लगती है, तो यह उसकी कार्यक्षमता में गिरावट को दर्शाता है। किडनी सिकुड़ने की समस्या आमतौर पर किसी गंभीर बीमारी का परिणाम हो सकती है और यह बिना लक्षणों के धीरे-धीरे विकसित होती है। इस लेख में फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी विभाग के सीनियल कंसल्टेंट डॉ. कुणाल गांधी से जानिए, किडनी सिकुड़ने का इलाज क्या है?
किडनी सिकुड़ने का इलाज - What Is The Treatment For Kidney Shrinkage
डॉ. कुणाल गांधी बताते हैं कि किडनी सिकुड़ने के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। जब किडनी लगभग 92-95 प्रतिशत तक खराब हो जाती है, तभी इसके लक्षण सामने आते हैं। डॉक्टर कुणाल गांधी के अनुसार, किडनी सिकुड़ने का कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि, यह स्थिति मेडिकल इलाज, दवाइयों और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से कुछ हद तक कंट्रोल की जा सकती है। लेकिन समय और उम्र के साथ किडनी छोटी होती ही है।
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1. दवाइयां
किडनी सिकुड़ने का इलाज दवाइयों के माध्यम से किया जाता है, जो किडनी के कार्य को बनाए रखने में मदद करती हैं। इसके लिए डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाइयां ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, सूजन को कम करने और किडनी के कामकाज को सुधारने के लिए होती हैं। इन दवाइयों के सेवन से किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर किया जा सकता है।
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2. डायलिसिस
अगर किडनी सिकुड़ने की स्थिति बहुत गंभीर हो जाए और किडनी लगभग कार्य करना बंद कर दे, तो डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है। डायलिसिस एक प्रक्रिया है जिसमें किडनी की कार्यक्षमता के स्थान पर एक मशीन शरीर से हानिकारक पदार्थों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने का काम करती है।
3. किडनी ट्रांसप्लांट
किडनी सिकुड़ने के अंतिम चरण में, किडनी ट्रांसप्लांट का विकल्प होता है। इसमें एक स्वस्थ किडनी का प्रत्यारोपण किया जाता है। हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट एक जटिल और महंगा इलाज है और इसके लिए सही डोनर मिलना जरूरी होता है। इसके अलावा, प्रत्यारोपण के बाद जीवनभर इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों का सेवन करना पड़ता है।
निष्कर्ष
किडनी सिकुड़ने का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन दवाइयों, डायलिसिस और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह जरूरी है कि समय रहते डॉक्टर से सलाह ली जाए और उनकी सलाह का पालन किया जाए। किडनी की समस्या को गंभीर होने से पहले कंट्रोल करने के लिए नियमित जांच, सही डाइट और एक्सरसाइज जरूरी है।
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