आज के समय में असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली की वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही है। लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से होने वाली सबसे प्रमुख बीमारी डायबिटीज (मधुमेह) है। शरीर में मौजूद ब्लड में शुगर का लेवल अनियंत्रित होने की समस्या को मधुमेह या डायबिटीज कहा जाता है। इस समस्या में इंसान को न सिर्फ ब्लड शुगर के अनियंत्रित होने की समस्या होती है बल्कि इसकी वजह से शरीर में तमाम अन्य बीमारियां भी पैदा हो जाती हैं। डायबिटीज की समस्या में मरीज को हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही डायबिटीज की वजह से आंखों और ऑकुलर हेल्थ पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज की वजह से आंखों में कई बीमारियां हो सकती हैं। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
डायबिटीज के कारण आंखों में होने वाली बीमारियां (Eye Disease Due To Diabetes)
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शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने की वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या में आंखों और ऑकुलर हेल्थ पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज की समस्या के कारण आंखों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने से पहले आइये जानते है इस समस्या के बारे में।
डायबिटीज - असंतुलित खानपान और जीवनशैली की वजह से डायबिटीज की समस्या होती है। इस समस्या में आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स डायबिटीज यानी मधुमेह को रोगों का समूह मानते हैं जिसकी वजह से कई समस्याएं और बीमारियां होती हैं। शरीर में ब्लड शुगर के स्तर के बढ़ने की वजह से आंख के साथ-साथ हार्ट, किडनी, तंत्रिका तंत्र, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल ट्रैक्ट, मसूड़े और दांतों की बीमारी होती है। हाई ब्लड शुगर से धुंधली दृष्टि, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिनोपैथी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
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1. डायबिटीज के कारण धुंधली नजर की समस्या (Diabetes Can Cause Blurry Vision)
डायबिटीज की समस्या में आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। नजर का धुंधला होना टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख लक्षण माना जाता है। चीजों के धुंधली दिखने पर आपको डायबिटीज का टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए। शरीर में ब्लड शुगर के बढ़ने के कारण शरीर की सभी छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो सकती हैं। ब्लड शुगर के बढ़ने के कारण आपकी आंखों के लेंस में सूजन आ जाती है जिसके कारण आपको धुंधला दिखने लगता है। डायबिटीज के कारण आंखों की कमजोर नजर की समस्या से बचने के लिए आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।
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2. हाई ब्लड शुगर की वजह से डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
डायबिटीज की समस्या में हाई ब्लड शुगर होने की वजह से आंख की रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से रक्त कोशिकाओं की संरचना और उनकी कार्यक्षमता पर भी असर होता है। राकट वाहिकाओं के डैमेज होने की वजह से आंखों की सेल्स मोटी हो जाती हैं। रेटिना को हुए नुकसान की वजह से डायबिटीज के मरीजों को डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या होती है। इस समस्या में आंखों के रेटिना में लिक्विड जमा हो जाते हैं जिसे मैक्यूलर एडिमा भी कहते हैं। इस समस्या में उपचार की जटिलताओं में धुंधली दृष्टि, सिरदर्द, मोतियाबिंद, अंधेरे में देखने में कठिनाई, परिधीय रंग और रंग की दृष्टि में कमी और ब्लीडिंग होना शामिल है। ज्यादातर मामलों में जब उपचार की सिफारिश की जाती है, तो वे लोग इन जोखिमों से आगे निकल जाते हैं। डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या ज्यादातर मामलों में 20 साल से अधिक डायबिटीज के रहने पर होती है। अगर आप अपने शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को लगातार नियंत्रित रखते हैं तो इस समस्या से बच सकते हैं।
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3. डायबिटीज की वजह से मोतियाबिंद की समस्या (Diabetes Can Cause Cataracts)
डायबिटीज के कारण आंखों में होने वाली सबसे प्रमुख समस्या मोतियाबिंद है। इस बीमारी में आंखों के लेंस जिसे पुतली भी कहा जाता है पर एक परत जम जाती है। लेंस के ऊपर परत जमने के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाती है और इंसान को धुंधला या कम दिखने लगता है। यह समस्या ज्यादातर डायबिटीज से प्रभावित बुजुर्गों में देखी जाती है। ऐसे लोग जो लंबे समय से डायबिटीज यानी ब्लड शुगर के अनियंत्रित होने की समस्या से पीड़ित हैं उनमें मोतियाबिंद होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 4 गुना अधिक होता है। इस समस्या से बचने के लिए आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को संतुलित रख सकते हैं। अच्छी तरह से ब्लड शुगर की मात्रा को मैनेज करने से मोतियाबिंद का खतरा कम होता है।
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4. डायबिटीज के कारण ग्लूकोमा की समस्या (Diabetes Can Cause Glaucoma)
डायबिटीज के मरीजों में आंख से जुड़ी गंभीर समस्या 'ग्लूकोमा' के होने की संभावना बनी रहती है। डायबिटीज से प्रभावित मरीजों में ग्लूकोमा कई तरह का हो सकता है। इस समस्या में आंख के अंदर मौजूद लिक्विड के बाहर न निकल पाने की वजह से दबाव बनता है जो नसों और ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से आपकी आंखें खराब होने लगती हैं। नसों यानी ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़ने के कारण देखने में तकलीफ भी हो सकती है। डायबिटीज में मरीजों को बिन लक्षण वाला ग्लूकोमा भी हो सकता है इसलिए इस समस्या से ग्रसित मरीजों को सालाना अपनी आंखों की जांच जरूर करा लेनी चाहिए।
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5. डायबिटीज की वजह से आंखों का इंफेक्शन (Diabetes Can Cause Eye Infection)
डायबिटीज की समस्या में आंखों पर पड़ने वाले प्रभावों की वजह से मरीजों में आंख में होने वाले इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। डायबिटीज की वजह से आंखों की पलक, कॉर्निया में इंफेक्शन और कंजक्टिवाइटिस (लाल आंखें) होने की समस्या का खतरा लगातार बना रहता है। आंखों के इंफेक्शन में मरीज को आंखों लालिमा, जलन और खुजली या दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। संक्रमित आंखों में सूजन की समस्या भी देखी जाती है। डायबिटीज से ग्रसित मरीजों में ये लक्षण दिखने पर उन्हें इलाज जरूर कराना चाहिए।
डायबिटीज की समस्या में आंखों की बीमारियों से बचाव के टिप्स (Eye Disease Prevention Tips in Diabetes)
अगर आप डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हैं तो आपको कई तरह की आंखों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऊपर बताई गयी गंभीर समस्याओं के अलावा कई अन्य समस्याएं भी डायबिटीज के कारण हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से डायबिटीज का परीक्षण और दवाओं का सेवन जरूर करना चाहिए। आप अपने शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर इस समस्या से बच सकते हैं। आंखों से जुड़ी किसी भी समस्या के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना इस स्थिति में फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज के मरीजों को आंखों की बीमारियों से बचने के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के साथ-साथ अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस समस्या में अल्कोहल का सेवन और स्मोकिंग काफी नुकसानदायक माना जाता है।
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