टीनएजर में मोटापे का कारण बन रहे हैं जंक फूड के विज्ञापन

मोटापा मौजूदा समय में एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है।
  • SHARE
  • FOLLOW
टीनएजर में मोटापे का कारण बन रहे हैं जंक फूड के विज्ञापन

मोटापा मौजूदा समय में एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। आजकल छोटे छोटे बच्चे और खासकर युवा ओबेसिटी  जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ओबेसिटी यानि कि मोटापा अकेले नहीं आता है बल्कि अपने साथ कई गंभीर बीमारियों को भी लाता है। हाल ही में भारतीय मूल के कुछ शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में कहा है कि अगर जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगा दी जाए तो टीनएजर में ओबेसिटी  का खतरे कम हो सकता है। उनका कहना है कि टीवी पर चलने वाले जंक फूड के विज्ञापनों से बच्चे इन्हें खाने के लिए ज्यादा लालायित होते हैं। 


इस पेज पर:-


शोधकर्ताओं का कहना है कि जंक के विज्ञापनों पर रोक लगने से टीनएजर में मोटापे का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। जिसके चलते युवाओं में डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारियां और कैंसर जैसे जानलेवा रोग होने का खतरा भी बहुत कम हो जाएगा। रिसर्च में कहा है कि जब बच्चे टीवी देखते हैं तो उनमें चिप्स, ड्रिंक्स, बर्गर, पिज्जा और नूडल्स जैसी चीजों को बहुत स्वादिष्ट ढंग में पेश किया जाता है। जिसकी ओर बच्चे खासे आकर्षित होते हैं।

बच्चों में ओबेसिटी के कारण

अधिक माञा में कैलोरी युक्त खाघ पदार्थों के सेवन से मोटापा बढ़ने में मोटापा बढ़ता है। स्नैक्स, जंक फूड, फास्टफूड, अधिक मीठा खाने के शौकीन, दूध कम पीने और दूध से बने मीठे उत्पादों का सेवन करने से भी मोटापे में वृद्वि होती है। कई बार बच्चों के सक्रिय न होने से भी उनमें मोटापा बढ़ने लगता है। कई बार बच्चें खाने-पीने में लापरवाही बरतते है और पौष्टिक आहार के बजाय जंक-फूड इत्यादि खाते हैं। साथ ही किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियां नहीं करते और निष्क्रिय रहते हैं। कई बार बच्चे वीडियो गेम, टीवी देखना इत्यादि एक ही जगह बैठे रहने वाली गतिविधियां करते हैं जिससे उनका शारीरिक व्यायाम नहीं हो पाता। नतीजन,बच्चे में मोटापा बढ़ने लगता है।

मोटापा कई बार जेनेटिक भी होता है। यदि बच्चे के माता-पिता में जरूरत से ज्यादा मोटापा है तो बच्चे में भी मोटापा होने के संभावना बढ़ जाती है। कई बार घर का वातावरण भी बच्चेय में मोटापा बढ़ाने में सहायक होता है। बच्चा पौष्टिक आहार कम खाता है, फल इत्‍यादि नहीं खाता और अभिभावक भी बच्चे की जिद के आगे झुक जाते हैं। नजीजन वे बच्चे की मांग के अनुरूप उसे खाने के लिए ऐसी वसायुक्ती चीजें देने लगते हैं जो बच्चोंव के लिए नुकसानदायक होता है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read Next

हार्ट अटैक का कारण बन सकता है कम उम्र में पीरियड्स आना : शोध

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version