ब्रिटेन में शुरू हो गई सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन लगना, भारत में भी मिला बेचने का लाइसेंस

ब्रिटेन में 82 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना का पहला टीका लगाया गया है। अब भारत में भी कोविशील्ड के टीके को लोगों तक पहुंचाने की तैयारी हो रही है।
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ब्रिटेन में शुरू हो गई सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन लगना, भारत में भी मिला बेचने का लाइसेंस


देश और दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। बात अगर कोरोना संक्रमितों के ताजा आंकड़ों की करें, तो देश में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या अब 2,654,779 हो गई है। पर अच्छी खबर ये है कि कोरोना के टीकाकरण (Coronavirus Vaccine News Update)की प्रक्रिया शुरू हो गई है और ब्रिटेन इस रेस में सबसे आगे चल रहा है। जी हां, ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (AstraZeneca-Oxford Coronavirus Vaccine) कोविशील्ड (Covishield) से टीकाकरण की शुरुआत हो गई है। तो, भारत में भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को बेचने की मंजूरी मिली है लेकिन टीकाकरण की शुरुआत अभी नहीं हुई है। 

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देश में कोविशील्ड (Covishield) को बेचने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को मिला लाइसेंस 

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन  (Covid Vaccine) को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया  (Serum Institute Of India) ने बनाया है और हाल ही में भारत ने जिन दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है, उसमें कोविशील्ड (Covishield) भी शामिल है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को कोविशील्ड के वितरण और बेचने के लिए मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस दे दिया है। इस लाइसेंस के मुताबिक आपात स्थिति में बस सीमित इस्तेमाल के लिए वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी गई है और ये वैक्सीन अब टीकाकरण अभियान के लिए सप्लाई की जा सकती है। पर भारत से पहले ब्रिटेन में इसके टीकाकरण की शुरुआत हो गई है।

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बिल गेट्स ने वैक्सीन प्रोग्राम के लिए भारत की तारीफ की

माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन विकसित करने पर तथा दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने पर भारत को बधाई दी है। उन्होंने कहा, "वैक्सीन बनाने के मामले में भारत के नेतृत्व और वैज्ञानिक क्षमता को देखकर अच्छा लग रहा है कि दुनिया कोविड महामारी को हराने के लिए तेजी से काम कर रही है।"

ब्रिटेन में 82 वर्षीय व्यक्ति को लगा कोरोना का पहला टीका

ब्रिटेन में सोमवार से जब कोविशील्ड के टीकाकरण की शुरुआत हुई तो, सबसे पहला टीका ऑक्सफोर्ड के एक अस्पताल में भर्ती 82 वर्षीय डायलिसिस के मरीज ब्रायन पिंकर को लगाई गई। मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो ब्रिटेन ने इस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है। माना जा रहा है कि इसी तरह ब्रिटेन के सभी नागरिकों को इसका टीका लगाया जाएगा। साथ ही दावा ये भी किया जा रहा है कि ये वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी कारगर होगी।

ब्रिटेन ने फरवरी तक लगाया नया लॉकडाउन

इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों को देखते हुए फरवरी माह के मध्य तक एक नया लॉकडाउन लगा दिया है और लोगों से संपूर्ण लॉकडाउन के नियमों का पालन करने का आग्रह किया है। सोमवार रात को देश को संबोधित करते हुए जॉनसन ने कहा कि मार्च 2020 में लगाए लॉकडाउन की तरह ही फरवरी तक संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा जिसमें, स्कूल और कारोबार बंद रहेंगे। जॉनसन ने कहा, ''हमारे अस्पताल कोविड-19 के कारण पहले से ही कहीं अधिक दबाव में हैं और अब वायरस के इस नए रूप ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। इसलिए स्थिति को काबू में करने के लिए हमें मिलकर बहुत कुछ करने की जरूरत है।''

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फाइजर की वैक्सीन लगाने के बाद मौत होने से लोगों में डर का माहौल

वहीं वैक्सीन के मामले में मंगलवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा की जाने वाली कोरोना वैक्सीन, जिसे फाइजर बायोएनटेक ने बनाया था, लगाने के 48 घंटे के भीतर ही एक महिला की मौत हो गई है। ये घटना पुर्तगाल की है। घटना के सामने आने के बाद से वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में भय का माहौल बनने लगा है। हालांकि भारत में फाइजर की वैक्सीन को अप्रूवल नहीं मिला है, लेकिन भारत में भी वैक्सीन के सुरक्षित होने संबंधी डाटा को लेकर बहस जारी है। ऐसे में वैक्सीन लगवाने से होने वाली मौत या रिएक्शन के मामले लोगों को मानसिक रूप से परेशान करने वाले हो सकते हैं।

भारत में वैक्सीन को लेकर छिड़ी बहस

भारत में कोरोना के दो वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इस पर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों ने परीक्षण के चरण को लेकर वैक्सीन पर कई सवाल उठाए हैं और टीका लगवाने से मना किया है। इस बीच भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला आगे हैं और उन्होंने तमाम स्थितियों को देखते हुए अपनी सफाई दी है। अपनी सफाई में एमडी कृष्णा एला ने कहा, ‘कुछ लोग वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं और  मैं यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। इसलिए इस पर राजनीति नहीं होना चाहिए। हमारी वैक्सीन 200 फीसदी सुरक्षित है, इसकी 50 लाख डोज कसौली में टेस्टिंग के लिए भेजी गई हैं, जिसमें अभी तक केवल 15 फीसदी ही साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं।'' उन्होंने अपने ट्वीट किया ''फिलहाल हमारे पास सिर्फ 12 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए लिए टीका है। हम प्रोटोकॉल के अनुसार जल्द ही बच्चों पर परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं।''

हालांकि, भारत में ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को बना रहे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ऐलान किया है कि वे वैक्सीन को विदेश निर्यात से पहले देश की जरूरतों को पूरा करेगा। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला की मानें, तो विदेश में निर्यात से पहले अगले दो महीनों में भारत की अपनी तत्काल मांग को पूरा करने की कोशिश करेंगे।

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