कोरोना वैक्सीन का इंतजार लगभग खत्म होने को है और ऐसी उम्मीदें जताई जाने लगी हैं कि लोग जल्द ही अपनी पुरानी सामान्य जीवनशैली में लौट सकेंगे। भारत में कोरोना वैक्सीन का सबसे प्रबल दावेदार ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca's COVID vaccine) है, जिसका उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल में ही कहा है कि भारत में कोरोना वैक्सीन जनवरी से लगना शुरू हो जाएगी और लगभग अक्टूबर 2021 तक भारतीयों के सामान्य जीवनशैली में लौटने की उम्मीद है।
वहीं टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अदार पूनावाला ने यह भी दावा किया है कि जनवरी तक भारत में 10 करोड़ वैक्सीन की डोज उपलब्ध होंगी। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ट एस्ट्राजेनेका की ये वही कोरोना वैक्सीन है, जिसको 70% प्रभावकारी पाया गया है। चूंकि इस वैक्सीन के लिए बहुत कम तापमान के कोल्ड स्टोरेज की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसका दाम भी कम है, इसलिए एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि भारत के लिए फाइजर से कहीं ज्यादा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन कोवीशील्ड प्रभावी होगी।
भारत में अभी किसी भी वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की परमिशन नहीं मिली है। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट ने ड्रग कंट्रोलर डिपार्टमेंट को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए एप्लीकेशन 7 दिसंबर को ही दे दिया था। लेकिन पर्याप्त डाटा के अभाव में अभी वैक्सीन के इस्तेमाल की परमिशन नहीं मिल सकी है।
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बीमारी को मात देने में कोविशील्ड 70% केस में खरी उतरी: रिपोर्ट
लैंसेट रिपोर्ट की मानें तो ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन मानव शरीर में रोग को हराने में काफी हद तक सफल हुई है। 70% केसों में वैक्सीन ने सकारात्मक नतीजे दिये। साल 2021 की शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट लगभग 10 करोड़ डोज तैयार करने में जुटा गया है। जहां तक बात है कीमत की तो बाजार में कोविशील्ड की एक डोज की कीमत 500 से 600 के बीच हो सकती है वहीं इसी दौड़ में शामिल फाइजर और मॉडर्ना कोविशील्ड के मुकाबले महंगी बताई जा रही हैं। एस्ट्राजेनेका ने अपने बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ से इमरजेंसी लाइसेंस लेने के बाद कम आय वाले देशों में वैक्सीन जल्द उपलब्ध कराई जायेगी। अगर ऐसा हो जाता है तो हम 2021 तक 3 बिलियन डोज तैयार करेंगे। सीरम इंस्टीट्यूट देश में 200 मिलियन कोविशील्ड की डोज तैयार कर रहा है।
आज से अमरीका में नागरिकों को लगेगा कोरोना टीका
अमरीका में भयानक कहर बरपा चुके कोरोना वायरस के खिलाफ आज व्यापक जंग की शुरुआत की जायेगी। अमेरिका ने भी फाइजर वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की परमिशन दे दी है। माना जा रहा है कि फाइजर वैक्सीन अमरीका के लगभग 145 इलाकों में लगाई जायेगी। अब तक अमरीका में कोरोना वायरस ने 3 हजार से ज्यादा जानें ली हैं जिसे देखते हुए ब्रिटेन के बाद अमरीका में भी तेजी से टीकाकरण अभियान को रफ्तार दी जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक अमरीकन को लगने जा रही फाइजर वैक्सीन बीमारी से 95% बचाव करती है।
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भारत में कैसे दी जायेगी वैक्सीन डोज
वैक्सीन को लेकर आम आदमी में उत्सुकता देखी जा रही है वहीं दुनिया में पहली बार होने जा रहे प्रयोग का हिस्सा बनने के कारण लोगों में इसे लेकर डर भी साफ देखने को मिलता है पर ये तय है कि वायरस से निजात पाने के लिये हर व्यक्ति को डोज दिया जायेगा जिसके लिये सरकार बूथ बनाने जा रही है। जिस तरह चुनाव में वोटिंग बूथ बनाये जाते हैं ठीक वैसे ही शहर और गांव के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन बूथ बनाये जायेंगे जहां स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पहले से तैनात होगी। पता, नाम और अन्य जानकारी दर्ज करने के बाद टीका लगाया जायेगी हालांकि आम आदमी तक इस प्रक्रिया को पहुंचने में फिलहाल कुछ समय है। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों को डोज दी जायेगी। गाइडलाइन के मुताबिक हर व्यक्ति को 25 दिनों के अंतराल में 2 डोज दिये जाने हैं। भारत में कोरोना के बढ़ते केसों की तादाद को देखते हुए सरकार ने टॉस्क टीम का गठन कर लिया है। अब तक भारत में लगभग 1 लाख 43 हजार लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस पर विजय पाने का समय नजदीक आ चुका है।
Written by- Yashaswi Mathur
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