कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर में अपना प्रकोप बनाया हुआ है, जिसके कारण लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं और रोजाना हजारों लोग अब भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में लंबे समय से कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार अब खत्म होने की कगार पर है। जी हां, भारत में बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को मंजूरी मिल गई है जिसके बाद इसे जल्द लागू करने पर विचार किया जा रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन से भारत को इस वायरस से निपटने में काफी सहारा मिल सकेगा।
बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को मिली मंजूरी
बायोटेक की ओर से तैयार की गई कोवैक्सीन को पिछले शनिवार मंजूरी मिल गई है जिसके बाद इससे मरीजों पर लागू करने की तारीख का इंतजार है। एक्सपर्ट का कहना है कि जल्द ही कोवैक्सीन (Covaxin) की डोज लोगों को मिलने लगेगी जिससे मरीजों को जल्द स्वस्थ किया जा सके। भारतीय कंपनी बायोटेक की कोवैक्सीन को अभी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। अभी इसपर डीसीजीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) का अंतिम फैसला आना बाकी है जिसके बाद कोवैक्सीन को अगले आने वाले 6 से 7 दिनों में प्रक्रिया में लाया जाएगा। आपका बता दें कि इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार कोविशील्ड नाम की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई थी।
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नए स्ट्रेन को लेकर भी शुरू हुई ट्रायल की प्रक्रिया
कमेटी ने वैक्सीन कंपनियों की सिफारिशों को देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड और बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही कमेटी ने जनहित के लिए इस्तेमाल किए जाने पर भी कुछ शर्ते रखी हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए कंपनियों को वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल को भी मंजूरी दे दी गई है। वहीं, कंपनियों ने अपनी-अपनी वैक्सीन को लेकर दवा के इस्तेमाल, प्रभाव और कामयाब होने की स्थिति के बारे में जानकारी दी है।
'देशभर में मुफ्त लगाई जाएगी वैक्सीन'
कोरोना वायरस (Coronavirus) की भारतीय कंपनी बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर कमेटी की समीक्षा बैठक हुई जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी शामिल हुए। जिसके बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने एलान किया की भारतीय वैक्सीन देशभर में मुफ्त लगाई जाएगी जिससे लोगों को इस महामारी से निपटने में मदद मिले। इसके अलावा हर्षवर्धन ने ट्वीट कर जानकारी दी की पहले चरण में वैक्सीन का इस्तेमाल उन लोगों पर किया जाएगा जिसको इसकी ज्यादा जरूरत होगी। इसमें लगभग 1 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे।
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ड्राई रन में भी सामने आए सकारात्मक परिणाम
देश के अलग-अलग हिस्सों में कोवैक्सीन को लेकर ड्राई रन किया गया जहां से एक्सपर्ट और कमेटी को सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए। इस प्रक्रिया में गुजरात, पंजाब, असम और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल थे। ऐसे ही अब ड्राई रन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में की जाएगी जिसके बाद इसके परिणाम देखना अहम होगा। आपको बता दें कि ड्राई रन के प्रकार से दवा के इस्तेमाल करने की प्रक्रिया को समझने के लिए किया जाता है। इस दौरान दवाओं के ट्रांसपोर्ट से लेकर अस्पताल के इस्तेमाल तक पर नजर रखी जाती है। जिससे दवा के इस्तेमाल के लिए परिणाम देखे जा सकते हैं।
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