हमारे शरीर का एक हर अंग एक दूसरे के कार्य से जुड़ा होता है। किसी भी अंग में समस्या होने पर उसके लक्षण दूसरे अंगो पर भी पड़ने लगते हैं। पैरों में सूजन होने के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, इसका संबंध आपकी किडनी में होने वाली समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है। पैरों में बढ़ती सूजन आपकी किडनी रोग की समस्या की ओर इशारा करता है। डॉक्टर के अनुसार लोग कई बार इस तरह के लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं। जिसकी वजह से उनको बाद में समस्या का सामना करना पड़ता है। यदि, समय रहते ही इलाज शुरु किया जाए तो व्यक्ति को डायलिसिस से बचाया जा सकता है। इस विषय पर हमने मुंबई के मेडिकवर अस्पताल के किडनी रोग विभाग के डॉ. राजीव सिंह से बात कि तो उन्होंने बताया कि पैरों में सूजन आना किडनी की समस्या का एक संकेत माना जा सकता है।
किडनी के कार्य को समझें?
पैर की सूजन और किडनी की समस्याओं के बीच संबंध को समझने से पहले, किडनी के प्राथमिक कार्य को समझना आवश्यक है। किडनी रक्त से अपशिष्ट, अतिरिक्त पानी और विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करता हैं, इलेक्ट्रोलाइट्स का उचित संतुलन बनाए रखने और यूरिन के द्वारा विषैले तत्वों को बाहर करने में सहायक होती हैं। इसके अलावा, किडनी बीपी को नियंत्रित करती है, रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाती है और शरीर के अंदर के तरल का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
क्या पैरों में सूजन किडनी की समस्या का संकेत होता है? Could swelling in leg be sign of kidney problem doctor explains in hindi
जब किडनी में समस्या होने लगती है, तो वह शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और टॉक्सिन को बाहर निकालने या फिल्टर सही तरह से नहीं कर पाती है। इससे पैरों और टखनों के हिस्से में वाटर रिटेनशन होने लगता है। जिससे पैरों के टिश्यू में सूजन आ जाती है।
किडनी की अन्य समस्याएं जो पैर की सूजन को बढ़ा सकती हैं
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम: यह स्थिति किडनी की फ़िल्टर करने की क्षमता को करती है, जिसके चलते यूरिन में अत्यधिक प्रोटीन का रिसाव होने लगता है। प्रोटीन की कमी के कारण टिश्यू में, विशेषकर पैरों के पास वाटर रिटेनशन होने लगता है।
- क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी): जैसे-जैसे किडनी की समस्या गंभीर होती है, किडनी धीरे-धीरे टॉक्सिन और तरल पदार्थों को फ़िल्टर सही तरह से नहीं कर पाती है। इससे पैरों में वाटर रिटेनशन और सूजन हो सकती है
- एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई): कुछ दवाओं व किसी तरह की चोट की वजह से किडनी में कार्य प्रणाली प्रभावित हो जाती है। इसके कारण शरीर के कुछ हिस्सों में वाटर रिटेनशन होने लगता है। जिसकी वजह से सूजन आने लगती है।
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इस तरह की समस्या में आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उसके द्वारा बताए गए टेस्ट को कराना चाहिए। इन टेस्ट के आधार पर डॉक्टर आपकी किडनी की सही स्थिति का पता लगा पाते हैं और सही इलाज दे पाते हैं। इसमें आपकी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव को भी शामिल किया जाता है।
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