कोरोना वैक्सीन के दुष्परिणाम की खबरों से डरे भारतीय, 69% लोगों में कोविड वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक: सर्वे

इस सर्वे में 26 % भारतीय माता-पिताओं की राय है कि वे अप्रैल 2021 में नए स्कूल सेशन शुरू होने से पहले अपने बच्चों को कोरोना का टीका लगवाना चाहेंगे।
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कोरोना वैक्सीन के दुष्परिणाम की खबरों से डरे भारतीय, 69% लोगों में कोविड वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक: सर्वे

देश और दुनिया भर में अब कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन का आतंक है। जहां ब्रिटेन में रोज कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं  दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के कारण हालात बेकाबू हो रहे हैं। हालत ये है कि यहां मृतकों की बढ़ती संख्या के कारण ताबूतों की कमी पड़ने लगी है। बता दें कि यहां कोरोना से होने वाली मौतें 120 फीसदी बढ़ गई हैं। तो, भारत में भी कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर स्थिति कुछ ज्यादा सही नहीं है।  भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो यूके से भारत आए कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के मामलों की संख्या 73 हो गई है। हालांकि, राहत की बात ये है कि भारत में दो कोरोना वैक्सीन (COVID Vaccine) को मंजूरी मिलने के बाद कोविड वैक्सीन का दूसरा ड्राई रन 8 जनवरी को पूरे देश के सभी जिलों शुरू होने जा रहा है। पर इसी बीच एक सर्वे आया है, जिसमें शामिल 69 प्रतिशत भारतीयों ने कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक दिखाई है। तो, आइए विस्तार से जानेंगे क्या कहता है ये सर्वे पर उससे पहले जान लेते हैं कोरोना से जुड़े देश भर के छोटे-बड़े अपडेट्स (corona news updates india)

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8 जनवरी से देश भर शुरू होगा कोरोना वैक्सानेशन का दूसरा ड्राई रन

भारत अगले नौ दिनों में कोरोनोवायरस वैक्सीन के टीकाकरण करने की तैयारी कर रहा है और इसी कड़ी में सरकार ने सूचित किया कि यह 8 जनवरी को वैक्सीन प्रशासन के एक बड़े पैमाने पर देशव्यापी मॉक ड्रिल अभ्यास आयोजित किया जाएगा। बता दें कि बीते शनिवार यानी 2 जनवरी को देश में होने वाला कोविड टीके का ड्राई रन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों की 286 साइट पर हुआ था। अब 8 जनवरी को होने वाला ड्राई रन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों में होगा। इस लेकर आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री एक अहम बैठक करेंगे। इस बैठक में देश में कोविड वैक्सीन कार्यक्रम शुरू करने को लेकर सभी तैयारियों और चुनौतियों पर बात होगी।

तमिलनाडु में कोरोना मामलों में अचानक आई उछाल

भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में पिछले 24 घंटों में 11 मौतों सहित 811 नए कोरोनोवायरस मामले दर्ज किए गए, जिससे कुल मामलों की संख्या अब 8,23,181 हो गई है। इस समय वायरस के कारण राज्य की स्थिति खराब हो रही है। यहां अब तक 12,188 मौतें दर्ज की गई हैं।

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लोगों को डरा रहा है कोरोना का वैक्सीन, Pfizer लगवाने के बाद हेल्थ वर्कर की मौत

ब्रिटेन के बाद फिनलैंड, बुल्गारिया और अब पुर्तगाल में भी अमेरिकी कंपनी फाइजर (Pfizer) की कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं, जिसमें कि एक हेल्थ वर्कर की मौत हो गई है। पुर्तगाल में एक हेल्थ वर्कर के फाइजर वैक्सीन ( Pfizer Corona Vaccine)  लेने के 48 घंटे के भीतर मौत का मामला सामने आया है। हुआ ये कि 41 वर्षीय हेल्थ वर्कर सोनिया असेवेडो ( Sonia Acevedo) में वैक्सीन का शॉट लेने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट भी नजर नहीं आए पर अचानक दूसरे दिन उनकी मौत हो गई। कोरोना वैक्सीन के इस तरह के साइड इफेक्ट को देखते हुए भारत में भी लोगों को कोरोना का टीकाकरण करवाने से डर लग रहा है।

भारत में 55 प्रतिशत हेल्थकेयर वर्करों में भी वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक : लोकल सर्कल्स सर्वे

भारत में लोकल सर्कल्स (LocalCircles) नाम की एक संस्था ने कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर आम भारतीयों का सर्वे किया  (Indians appear hesitant to get vaccine)और उनका मन टटोला। आपको ये जान कर हैरानी होगी कि  इस सर्वे में  61 प्रतिशत भारतीयों में कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक जाहिर की है। ये सर्वे अक्टूबर 2020 से चल रहा था, जिसमें  नवंबर में 59 प्रतिशत और दिसंबर में 69 प्रतिशत लोगों ने कोरोना के टीके लगवाने को लेकर डर जाहिर किया। जनवरी के सर्वे में देश के 224 जिलों में 18 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया, जिसमें कि 69 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं थीं। सबसे ज्यादा हैरानी कि बात ये है कि आम लोग ही नहीं बल्कि, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हुए लोगों ने भी कोरोना के टीके लगवाने को लेकर हिचक जाहिर की है। इस सर्वे की मानें, तो  55 % हेल्थकेयर वर्करों में भी वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक है।

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कोरोना वैक्सीन को लेकर डर और हिचक की वजह क्या है?

दरअसल, कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर आम भारतीयों के डर और हिचक की सबसे बड़ी वजह ये है कि दुनियाभर में अब भी टीकों के साइड इफेक्ट और वो कितनी कारगर है इसे लेकर पर्याप्त सूचनाएं मौजूद नहीं हैं। कई बार लगता है कि एक रेस के तरह जल्दबाजी में टीका तैयार हुआ है। साथ ही कई लोगों को लगता है कि पिछले कई दिनों से भारत में कोरोना के केस में गिरावट आई है , तो उन्हें आगे वैक्सीन लगवाने की जरूरत नहीं होगी। लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट में एक इशारा वैक्सीनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर भी किया गया है। 

तो, अब जरूरत ये है कि कोरोना का टीकाकरण करवाने से पहले तमाम सरकारों और लोकल स्वास्थ्य संस्थाओं को लोगों में इसे लेकर जागरूकता फैलानी होगी। इसके लिए लोगों के सभी प्रश्नों का उत्तर देना होगा और उनमें कोरोना वैक्सीन को लेकर भरे इस डर और संशय को दूर करना होगा।

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