शोधकर्ताओं के अनुसार तेज आंच पर पकाए गए खाने में जहरीले रसायन रह जाते हैं, जोकि हृदय रोग के जोखिम को और भी बढ़ा देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार धीमी आंच पर खाना पकाकर खाने से कई रोगों के खुद को बचाया जा सकता है। तो चलिए विस्तार से जाने कि क्या वाकई तेज आंच पर पके आने से आपका दिल बीमार हो सकता है और शोधकर्ताओं का इस संबंध में क्या कहना है।
कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि यदि भोजन को बहुत तेज आंच पर पकाया जाए तो उसमें कुछ हानिकारक तत्व रह जाते हैं जोकि दिल की बीमारी का कारण बन सकते हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि तेज आंच पर पके भोजन और हृदय रोगों के बीच संबंध के बारे में जानने के लिए अभी और भी शोध किए जाने की जरूरत है। और ये पता लगाने की जरूरत है कि वे समुदाय जिनमें भोजन को तेज आंच पर पकाने की परंपरा है, में हृदय रोगों के होने की दर उच्च क्यों है?
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क्या कहते हैं शोध
भोजन को 150 डिग्री सेंटिग्रेट से अधिक तापमान पर पकाने से उनकी रासायनिक संरचना में परिवर्तन आ जाता है जोकि विषाक्त पदार्थों के गठन का कारण बनता है, जिसे नव-गठित संदूषित पदार्थ के रूप में जाना जाता है। इन संदूषित पदार्थों में ट्रांस फैटी एसिड भी शामिल होते हैं, जोकि बेहद हानिकार होते हैं और देश व दुनिया के कई हिस्सों में इनकी बिक्री पर पाबंदी भी है।
खासतौर पर बहुत तेज आंच पर तला गया भोजन इसलिए हानिकारक होता है, क्योंकि इसका तेल ट्रांस फैटी एसिड में परिवर्तित हो जाता है और सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाता है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पूर्व में हुए अध्ययनों की समीक्षा की। इन अध्ययनों में नव-गठित संदूषित पदार्थों के मनुष्यों और जानवरों के ऊतकों पर होने वाले प्रभाव के बारे में जांच की गई थी। इन अध्ययनों में भी इन पदार्थों और हृदय रोगों के बीच संबंध की बात साबित हुई थी।
शोधकर्ताओं ने पाया की खाना पकाने का तरीका काफी हद तक यह तय करता है कि किसी व्यक्ति की हृदय आघात से मौत होने की क्या आशंका है। मसलन पाकिस्तान में पैदा हुए किसी व्यक्ति की हृदय आघात से मौत होने की आशंका ब्रिटेन में पैदा हुए किसी इंसान से अधिक हो सकती है। ऐसा उनके खान-पान और खाना पकाने के तरीके से काफी कुछ प्रभावित होता है। तो इस बात में कोई शक नहीं कि तेज आंच पर अधिक समय तक पका या तला भोजन हृदय रोग होने की आशंका को बढ़ा सकता है।
Image source: ecofriend&valueadd.sg
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