वृद्ध लोगों में रक्तचाप का नियंत्रण कर हल्के संज्ञानात्मक हानि (mild cognitive impairment) के विकास के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है, जो शुरूआती डिमेशिया का कारण बन सकता है। यह एक नए अध्ययन में सामने आया है। MCI को याददाश्त में कमी और सोचने क्षमता में गिरावट के तौर पर परिभाषित किया गया है। जो सामान्य उम्र बढ़ने के साथ अपेक्षा से अधिक है और डिमेंशिया के लिए एक जोखिम कारक है।
अध्ययन में पाया गया कि रक्तचाप को कम करने के सिर्फ तीन साल में न केवल नाटकीय रूप से हृदय की मदद की बल्कि मस्तिष्क के लिए भी मददगार था। जो हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर 50 से अधिक उम्र वाले आधे से ज्यादा लोगों को और 65 की उम्र से ज्यादा के लोगों को करीब 75 प्रतिशत तक प्रभावित करता आया है वह पिछले शोधों में एमसीआई और डिमेंशिया के लिए संभावित रूप से परिवर्तनीय जोखिम कारक सिद्ध हुआ है।
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अमेरिका में वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर व मुख्य शोधकर्ता जेफ विलियमसन ने कहा, "एक डॉक्टर के तौर पर वृद्ध रोगियों का इलाज करने के दौरान, हमें MCI के जोखिम को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है"
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क्लिनिकल ट्रायल में 50, और वयस्कों में 9,361 वालंटियर्स को उच्च रक्तचाप के साथ नामांकित किया गया। हालांकि उनमें लेकिन मधुमेह या स्ट्रोक का इतिहास नहीं था। जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित निष्कर्षों में, जिन लोगों के रक्तचाप का गहन तरीके से नियंत्रण किया गया, उस समूह में डिमेंशिया में 15 प्रतिशत की कमी देखी गई। विलियमसन ने कहा "हालांकि, MCI डिमेंशिया के खतरे को काफी बढ़ाता है, यह प्रगति अटल नहीं है और सामान्य अनुभूति के लिए प्रत्यावर्तन संभव है"
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