एंटीबायोटिक के सेवन से छोटे बच्‍चों को एक्जिमा का ज्‍यादा खतरा

एक अध्‍ययन के नतीजों में शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है कि छोटे बच्‍चों को एंटीबायोटिक देने से आगे चलकर उनमें एक्जिमा होने का खतरा बढ़ सकता है।
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एंटीबायोटिक के सेवन से छोटे बच्‍चों को एक्जिमा का ज्‍यादा खतरा


एंटीबायोटिक दवाएं शरीर में होने वाले किसी भी तरह के बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन को आगे फैलने से रोकती है। लेकिन अधिकतर लोगों को इसके सही तरीके से सेवन करते हैं। यहां तक कि बच्चे को वायरल इन्फेक्शन में भी एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि छोटे बच्‍चों को एंटीबायोटिक देने से आगे चलकर उनमें एक्जिमा होने का खतरा बढ़ सकता है। एक अध्‍ययन के नतीजों में शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है।

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शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन बच्‍चों को दो साल की उम्र से पहले एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है, उन्‍हें बड़े होने पर एक्जिमा होने का 41 प्रतिशत से 56 प्रतिशत तक ज्‍यादा खतरा होता है। एक्जिमा त्‍वचा में दर्दयुक्‍त एलर्जी से जुड़ी बीमारी है। शोधकर्ताओं का मानना है कि बच्‍चों को काफी कम उम्र में एंटीबायोटिक देने से उनके पेट में कुदरती तौर पर मौजूद बैक्‍टीरिया नष्‍ट हो जाते हैं। इस‍ स्थिति में उनका प्रतिरक्षा तंत्र हानिकारक बैक्‍टीरिया और रोगाणुओं से प्रभावी तरीके से निपटने में नाकाम हो जाता है।

ऐसे बच्‍चे जब फूलों के पराग जैसे किसी अपेक्षाकृत हानिरहित बाहरी पदार्थ के संपर्क में आते हैं, तब उनका प्रतिरक्षा तंत्र अत्‍यधिक प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करता है, जिससे एलर्जी शुरू हो जाती है।

Image Source : Getty

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