
अगर आप अपने मोटापे को कम करना चाहते हैं तो घरों में इस्तेमाल होने वाले मसाले में शामिल दालचीनी काफी मददगार साबित होगी। दालचीनी के इस्तेमाल से आपकी उपापचय की क्रिया में सुधार होगा और ऐसा वसा कोशिकाओं की ऊर्जा की खपत से होता है।
शोध में पता चला है कि दालचीनी के स्वाद के लिए जिम्मेदार सिनेमाल्डिहाइड एक जरूरी तेल है, जो वसा कोशिकाओं (एसिपोसाइट्स) पर असर कर उपापचय में सुधार करता है। यह थर्मोजेनसिस की प्रक्रिया के जरिए ऊर्जा को जलाना शुरू कर देता है।
मिशिगन विश्वविद्यालय के शोध सहायक प्रोफेसर जुन वू ने कहा कि दालचीनी हजारों सालों से हमारे आहार का हिस्सा रही है और लोग अक्सर इसका आनंद उठाते हैं। वू ने कहा कि इसलिए यदि यह मोटापे से हमारी रक्षा करती है, तो यह उपापचयी स्वास्थ्य के लिए एक नजरिया पेश कर सकती है, जिसे रोगियों को पालन करना आसान होगा।
दालचीनी के और भी हैं फायदे
पित्त की उल्टी
दालचीनी को पीसकर शहद में मिलाकर रोगी को पिलाने से पित्त की उल्टी बंद हो जाती है।
कब्ज
दालचीनी, सोंठ, जीरा और इलायची थोड़ी सी मात्रा में मिलाकर खाते रहने से कब्ज और अजीर्ण (भूख न लगना) में लाभ होता है।
इनफ्लुएंजा
5 ग्राम दालचीनी, 2 लौंग और चौथाई चम्मच सोंठ को लेकर पीसकर 1 लीटर पानी में उबालें। चौथाई पानी के शेष रहने पर छानकर इस पानी के 3 हिस्से करके दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से इनफ्लुएंजा में लाभ मिलता है।
अपच
दालचीनी की 2 ग्राम छाल के चूर्ण को दिन में दो बार पानी से लेने से अपच (भोजन का न पचना) का रोग ठीक हो जाता है।
Inputs: IANS
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