जोड़ों में या हड्डियों में दर्द होने पर आमतौर पर लोग इसे बढ़ती उम्र का प्रभाव मानते हैं या गठिया और अर्थराइटिस समझ लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मानसिक तनाव के कारण भी आपको जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। तनाव न सिर्फ आपके दिमाग की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि आपके शरीर के अंगों को भी प्रभावित करता है। आइए जानें किन कारणों से तनाव के कारण जोड़ों में दर्द होता है।
तनाव से सूजन
शरीर के अंदर सूजन पैदा करने वाली आम समस्याओं में सूजन भी एक समस्या है। तथ्य यह है कि चिंता दीर्घकालिक तनाव को बढ़ा देती है, जिससे सूजन का खतरा अधिक होता है। यह सूजन जोड़ों में दर्द और सूजन पैदा कर, आपके दैनिक कार्य को प्रभावित करती है।
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मूवमेंट में बदलाव
तनाव, विशेष रूप से पैनिक अटैक, आपके मूवमेंट, बैठने और काम के तरीके को बदल देता है। पैरों को हिलाना या बैठने का अलग तरीका जैसे सामान्य मूवमेंट भी बदल जाता है। इसके अलावा तनाव के कारण एक्सरसाइज में कमी, टांगों को क्रॉस करके सामान्य से ज्यादा बैठना, नीचे अधिक झुकना जैसी चीजें खुद के जोड़ों के दर्द का कारण बनता है। कभी भी नया व्यवहार और शरीर में बदलाव अप्रत्याशित जोड़ों में दर्द को बढ़ा सकता है।
मांसपेशियों में तनाव
तनाव से मसल्स में तनाव होता है, जो कठोरता पैदा करता है। कड़ी मांसपेशियां के कारण जोड़ों को काम करने में कठिनाई महसूस होती है, जो सूजन और असुविधा का प्रमुख कारण है। मसल्स में तनाव आपके जोड़ों पर सीधा दबाव डालते हैं जिसके परिणामस्वरूप दर्द होता है।
तनाव से दर्द का ज्यादा अनुभव
स्वस्थ लोग, जिन्हें सामान्य रूप से जोड़ों में दर्द का अनुभव नहीं भी होता है उन्हें भी किसी भी दिन जोड़ों में दर्द परेशान कर सकता है। यह सोने, बैठने के तरीके और एक्सरसाइज के स्तर आदि के कारण बढ़ता या घटता है। लेकिन जब तनाव ज्यादा होता है तो दर्द का अनुभव होने की संभावना ज्यादा होती है। अक्सर तनाव से ग्रस्त लोगों को अन्य लोगों की तरह दर्द का अनुभव होता है, लेकिन अन्य चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित न कर पाने के कारण, यह बहुत दर्दनाक होता है।
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प्रतिरक्षा प्रणाली रोग
यह सर्वविदित है कि चिंता और तनाव सीधे तौर पर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली दबाव और तनाव की भावनाओं को जन्म देती है। और आप सर्दी या फ्लू और जोड़ों में दर्द से ज्यादा प्रभावित होते हैं। और यह परेशानी तनाव और दुर्भाग्यपूर्ण चक्र लंबे समय तक बना रहता है।
तनाव और चिंता पोषण, हार्मोन, और अंगों के कार्य को प्रभावित करता है। चिंता और जोड़ों के दर्द के दोनों समस्याओं से निपटने के लिए, दर्द के स्तर और चिंता दोनों को कम करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर को दिखाना बहुत आवश्यक है। उसके बाद अपने आहार का मूल्यांकन और तनाव को कम करने वाली एक्सरसाइज करना अच्छा विचार है।
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