क्या : कोरोना वायरस के परीक्षण को बनाया आसान और सस्ता।
क्यों : कोरोना वायरस की पहचान को आसान बनाया।
दुनियाभर में तेजी से अपने पैर पसार रहा कोरोना वायरस अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में इस महामारी से लड़ाई लड़ना एक महत्वपूर्ण स्थिति है। इस कोरोना काल के खिलाफ अब एक कोविड-19 की परीक्षण किट है जो 2 घंटे से भी कम समय में अपने परिणाम दे सकता है। श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, त्रिवेंद्रम ( Sree Chitra Tirunal Institute for Medical Sciences and Technology, Trivandrum, Chitra GeneLAMP- N के द्वारा विकसित, चित्रा जीनलैम्प- एन में 100 प्रतिशत सटीकता के साथ परीक्षण के परिणामों को सामने लाती है।
कोरोना काल के दौरान Onlymyhealth आविष्कार और नवाचार की भावना को सलाम करता है और चित्रा GeneLAMP-N को नवाचार की श्रेणी में नामित करता है। यह Onlymyhealth हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड्स हैं, जहां जूरी वोटों के साथ आपके वोट प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं का फैसला करेंगे।
टेस्टिंग के लिए नई तकनीक की है जरूरत
तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण परीक्षण और ट्रेसिंग काफी अहम हो गई है। लेकिन अगर देखा जाए तो आरटी-पीसीआर जैसे टेस्टिंग किट काफी महंगे हैं। जिसके कारण लोगों के लिए जरूरी है कि वो कम दाम के साथ अपनी जांच आसानी से करा सकें। श्री चित्र त्रिरुनाल संस्थान, का दावा है, चित्रा जिनेप्लम-एन है जो कम दाम सटीकता के साथ आपको परिणाम देती है।
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चित्रा जेनलैम्प-एन की खासियत
चित्रा जेनलैम्प-एन के इस काम के लिए OnlyMyHealth ने इस पर काम करने वाले वैज्ञानिकों की टीम से बात की। प्रोफेसर अनूप थेक्वेवेटिल, साइंटिस्ट जी, श्री चित्रा त्रिरुनाल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST), ने बताया कि उन्होंने आरटी-पीसीआर के विकल्प के रूप में ही LAMP (न्यूक्लिक एसिड के लूप-मध्यस्थता प्रवर्धन) नामक तकनीक पर अपना ध्यान लगाया। थेक्कुवेलेटिल ने बातचीत के दौरान बताया कि आरटी-पीसीआर परीक्षण के एक सेट के लिए समय में चित्रा जीन लैम्प-एन दो से तीन सेट चला सकती है।
2 घंटे में परिणाम देने में सक्षम है ये किट
आपको बता दें कि शुरुआती दौर में सरकार द्वारा प्रमाणित परीक्षण लैब कम थीं, इसलिए आरटी-पीसीआर परीक्षण के परिणामों में करीब 48 घंटे से 3-4 दिन तक का समय लग जाता था। लेकिन इन सभी तकनीक को पीछे हटाते हुए चित्रा इंस्टीट्यूट के चित्रा जीनप्लेम्प-एन को तैयार किया जो सिर्फ 2 घंटे में परिणाम देने में सक्षम है।
प्रोफेसर थेकुवेवेटिल ने आगे बताया कि SCTIMST ने कोविड-19 के परीक्षण के लिए लैंप (LAMP) किट भी तैयार किया है जिसमें न्यूक्लिक एसिड के प्रवर्धन के दौरान इसका रंग बदल जाता है। थेकुवेवेटिल बताते हैं कि एक स्थिर रंग बदलने की प्रतिक्रिया में लगभग 45 मिनट लगते हैं। इस तकनीक का मुख्य लाभ यह है कि किसी भी परिष्कृत उपकरण की जरूरत नहीं होती। आपको बता दें कि ये दोनों किट हाल ही अभी ICMR में सत्यापन में हैं। अगर इस किट को मंजूरी मिलती है तो भारत में टेस्टिंग और भी ज्यादा आसान और सस्ती हो जाएगी।
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परीक्षण किटों का प्रभाव
इन परीक्षण की किट न्यूक्लियर एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (NAAT) वायरल संक्रमण का पता लगाने में सबसे ज्यादा संवेदनशील साबित हुआ है, प्रो थेकुव्वेटिल ने OnlyMyHealth को बताया कि हमारे पास हाल में कोविड-19 के परीक्षण को करने के लिए RT-PCR के अलावा कोई दूसरा वैकल्पिक नहीं है। लेकिन अगर RT-LAMP को मंजूरी मिलती है तो ये एक बेहतरीन और फायदेमंद विकल्प साबित होगा।
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