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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक अजीब सी घटना सामने आई है। बालोद जिले में स्थित एक हाईस्कूल की छात्राएं अचानक चिल्ला-चिल्ला कर बेहोश होने का मामला सामने आया है। प्रार्थना सभा के दौरान छात्राओं का यूं अचानक चिल्लाकर बेहोश होने के बाद स्कूल प्रशासन सकते में आ गया और छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्कूल प्राचार्य के मुताबिक नौ माह पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है। छात्राएं क्यों बेहोश हो रही है, घटना के पीछे क्या कारण है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस मामले को देखते हुए वहां मौजूद लड़कियां सहित अन्य लोग भूत-प्रेत की घटना समझ हनुमान चालीसा का पाठ, धूप एवं अपने ईष्ट देवी-देवताओं की पूजा करने लगे।
प्रार्थना सभा में छात्राओं के इस तरह बेहोश होने की वजह कोई बीमारी है या नहीं इस बारे में जानने के लिए हमने दिल्ली के मैक्स अस्पताल के डॉक्टर संदीप गोविल से बातचीत की।
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क्यों बेहोश हो रही हैं छात्राएं?
डॉक्टर संदीप गोविल का कहना है कि छात्राओं का यूं अचानक बेहोश होना उनकी खराब मानसिक सेहत की निशानी है। मेडिकल की भाषा में इस बीमारी को हिस्टीरिया कहते हैं। कई बार इस तरह चिल्लाकर बेहोश होने की वजह मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर भी हो सकता है। ये एक ऐसी मानसिक स्थिति है जहां एक व्यक्ति के दो या दो से अधिक व्यक्तित्व होते हैं और प्रत्येक व्यक्तित्व एक दूसरे के बारे में नहीं जानता है। "अपराचित" जैसी कई फिल्मों से इसको समझा जा सकता है। अचानक चिल्लाकर बेहोश होना कई बार पुराना ट्रामा, मानसिक तनाव, दुख भरी घटना से जुड़ा भी हो सकता है।
इस तरह का दौरा पड़ने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है। कई बार इस स्थिति में व्यक्ति को ये भी नहीं पता चलता है कि उसके साथ क्या हो रहा है और वो अचानक ही बेहोश हो जाता है। डॉक्टर का कहना है कि अचानक इस तरह चिल्लाकर बेहोश होना एक मानसिक बीमारी है। इस तरह की बीमारी अगर किसी व्यक्ति में देखने को मिलती है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर संदीप गोविल का कहना है कि वक्त रहते ऐसे मरीजों का इलाज न किया जाए तो ये बीमारी बढ़ सकती है।
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क्या है इस बीमारी का इलाज?
डॉक्टर का कहना है कि किसी व्यक्ति में अगर इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं और उन्हें साइकोलॉजिस्ट के साथ कंसल्ट करना चाहिए। इसके साथ ही मरीज को बीमारी के आधार पर प्ले थेरेपी, टॉक थेरपी, हिप्नोसिस थेरेपी की जाती है। कुछ मामलों में इस बीमारी का इलाज करने के लिए दवाओं का भी सहारा लिया जाता है।
Pic Credit: Freepik.com
With Inputs - Dr. Sandeep Govil, Senior Consultant - Psychiatry, Max Super Speciality Hospital, Shalimar Bagh