ल्यूपस, एक चर्म रोग होता है जिसमें शरीर की त्वचा पर फोड़ा हो जाता है। ल्यूपस की स्थिति में भी मरीज के जोड़ों में दर्द होने लगता है जिसे ल्यूपस अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है। जोड़ो और मांसपेशियों में होने वाला दर्द ल्यूपस का सबसे बड़ा लक्षण है और लयूपस से पीडि़त लगभग 90 प्रतिशत मरीजों के जोड़ों में दर्द की शिकायत पाई जाती है।
कारण
ल्यूपस रोग का वजह शरीर का रोगप्रतिरोध शक्ति स्वंय होता है इसमें किसी बैक्टीरिया और वायरस जैसे बाहरी तत्व जिम्मेदार नहीं होते हैं। इसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति खुद शरीर के हेल्दी टिश्यूज पर आक्रमण कर उसे नष्ट करने लगते है। इस वजह से शरीर में दर्द और प्रदाह होने लगता है और त्वचा, किडनी, लंगस, मस्तिष्क, रक्त कोशिकाएं, हृदय और जोड़ जैसे अंग कमजोर और क्षतिग्रस्त होने लगते है। लयूपस होने के ज्ञात कारणों का अभी तक पता नहीं चला है लेकिन आनुवांषिक और प्र्यावरण संबंधी कारकों को इसका कारण होने की संभावना बताई जाती है।
लक्षण
- ल्यूपस में जोड़ों के दर्द का स्वरूप है।
- सामान्य तौर पर लयूपस में अंगुली,हाथ, कलाई, केहुनी, घुटना, टखना, पांच और अंगूठा जेसे शरीर के अंग प्रभावित होते है। ल्यूपस में एक ही बार में शरीर के दोनों साइड के अंग प्रभावित होते है।
- आम तौर पर जोड़ों में दर्द सुबह के समय शुरू होता है, दिनभर गायब रहता है और शाम होते ही दर्द फिर से होना शुरू हो जाता है।
- ल्यूपस अर्थराइटिस में गर्दन और पीठ में दर्द नहीं होता है।
- सुबह के समय जोड़ों में दर्द और भारीपन के साथ अकड़न रहता है जिससे चलने फिरने में कठिनाई होती है लेकिन दिन ढलने के साथ यह लक्षण धीरे–धीरे अपने आप समाप्त हो जाता है। रूमेटायड अर्थराइटिस की तरह लयूपस अर्थराइटिस में जोड़ों के चटखने और क्षतिग्रस्त होने का खतरा नहीं रहता है।
जांच और रोग निदान
जोड़ों में दर्द होना बीमारी होने का पहला संकेत होता है। आपका डॉक्टर लयूपस की पुष्टी करने के लिए बहुत सारे संकेत और लक्षणों को देखागा और इसके लिए संबंधित टेस्ट भी कराने की सलाह दे सकता है। आपको जोड़ों में साधारण दर्द है या लूयपस अर्थराइटिस का दर्द है इसकी पुष्टी करना काफी कठिन है। लयूपस के मरीजों में जोड़ों का दर्द होने पर अकसर मरीज इसे लयूपस अर्थराइटिस का दर्द मानने लगते है चाहे ल्यूपस अर्थराइटिस के लक्षण से उसका लक्षण मिलता हो या नहीं । ल्यूपस के मरीजो को रूमेटायॅड अर्थराइटिस, फाइबरोमाइलजिया, बोन नेकरोसिस, बरसाइटिस और टेनडाइटिस जैसे रोगों के होने का खतरा भी बना रहता है। जोड़ों के दर्द का सही उपचार शुरू करने के पहले इसके करणों का पता लगाया जाना आवश्यक होता है। ल्यूपस अर्थराइटिस के सही निदान के लिए ढेर सारे टेस्ट से मरीज को गुजरना पड़ सकता है। आपका डॉक्टर आपको बल्ड टेस्ट, एकस–रे, एमआरआई, सीटी स्केन और जोड़ों के दर्द के कई दूसरे तरह के टेस्ट करने के सलाह दे सकता है।
- ब्लड टेस्ट, इएसआर और सीआरपी टेस्ट
- रूमेटायॅड फेक्टर, एंटीन्यूकलिअर एंटीबॉडीज जैसे इमोनोलॉजिकल टेस्ट
- ल्यूपस अर्थराइटिस में एक्स रे करना सामान्य होता है
- जोड़ो के बीच के फ्लूयड का टेस्ट
उपचार
ल्यूपस अर्थराइटिस एक साध्य बीमारी है बषर्ते कि आप डाक्टर के द्वारा बताए हुए सलाह का पालन करे सही समय पर सही खुराक में दवा का सेवन करे । आपके उपचार के योजना से दर्द में राहत,जोड़ों के क्षति होने के खतरे से सुरक्षा और एक सामान्य जीवन जीने में सहायता मिलेगी।
ल्यूपस अर्थराइटिस के दर्द को स्टेरायड रहित दर्द निवारक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। सामान्य तौर पर इस समूह की आइबुपरोफन, नैपरोक्सिन, केटाप्रोफिन, पाइरोक्सीकेम और डिक्लोफेनिस दवाएं दी जाती है। इन दवाओं से पेट में दर्द, दस्त, गैस, बदहजमी और आतों के अल्सर जैसी साइड एफेक्ट की समस्या हो सकती है। अगर स्टेरॉयड रहित दर्द निवारक दवाओं से दर्द में कोई आराम नहीं हो रहा हो तो उन दवाओं के साथ हाइडरोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी एण्टीमलेरियल दवाएं भी जोड़ी जा सकती है। अगर दूसरी विधि अपनाने के बाद भी जोड़ों के दर्द और सूजन में कोई कमी नहीं हो रही हो तो स्टेरॉयड रहित दवाओं के साथ मरीज को कोरटिकोस्टारायॅड जैसी दवाएं भी साथ में दी जा सकती है।
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