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गर्मियों में अंडरआर्म्स में रहती है रैशेज की समस्या? जानें कारण और बचाव के उपाय

Causes Of Underarm Rashes In Summer In Hindi: गर्मी के दिनों में अंडरआर्म्स में रैशेज की दिक्कत होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें मुख्य है साफ-सफाई का ध्यान न रखना। जानें, इससे बचाव के कुछ टिप्स-
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गर्मियों में अंडरआर्म्स में रहती है रैशेज की समस्या? जानें कारण और बचाव के उपाय


Underarm Summer Rashes In In Hindi: गर्मियों के दिनों में हर व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है। खासकर, जो लोग भरी दोपहरी में घर से बाहर निकलते हैं, उन्हें पसीने की दिक्कत ज्यादा रहती है। ज्यादा पसीना आने की वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। ऐसे में हर व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, ताकि डिहाइड्रेशन जैसी समस्या से छुटकारा मिल सके। बहरहाल, आपने नोटिस किया होगा कि गर्मियों के दिनों में हर व्यक्ति को अंडरआर्म्स में रैशेज की दिक्कत भी हो जाती है। सवाल है, गर्मियों में यह दिक्कत बढ़ क्यों जाती है? इसके पीछे क्या कारण हैं? और इनसे कैसे बचा जा सकता है। आइए, जानते हैं राजौरी गार्डन स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से।

गर्मियों में अंडरआर्म्स में रैशेज की दिक्कत क्यों होती है?- What Causes Underarm Summer Rashes In In Hindi

हीट रैशेज

गर्मियों में पसीना काफी आता है, यह बात हम सभी जानते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कई स्वेट ग्लैंड ब्लॉक हो जाते हैं। इस तरह की स्थिति में शरीर से पसीना कम निकलता है। असल में, गर्मियों की वजह से अंडरआर्म्स में छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इन दोनों में खुजली होती है। इन्हें हम हीट रैश कहते हैं। इस तरह की समस्या अक्सर तब होती है, जब आप टाइट कपड़े पहनते हैं।

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एलर्जिक रिएक्शन

गर्मियों के दिनों में ज्यादातर लोग ऐसे साबुन या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पसीने की दिक्कत कम हो और शरीर से खुशबू भी आए। गर्मी में पसीने की बदबू से बचने के लिए कई बार हम ऐसे प्रोडक्ट भी यूज करते हैं, जो स्किन के लिए सही नहीं होते हैं। इस तरह की कंडीशन में एलर्जिक रिएक्शन की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में अंडरआर्म्स में छोटे-छोटे दाने, इचिंग और जलन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।

फंगल इंफेक्शन

गर्मी में फंगल इंफेक्शन का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है। खासकर, शरीर के उन हिस्सों में फंगल इंफेक्शन का रिस्क अधिक होता है, जहां हवा सही तरह से नहीं पहुंचती हैं। जैसे अंडरआर्म्स, पेल्विक एरिया आदि। अंडरआर्म्स में फंगल इंफेक्शन होने पर खुजली, जलन और दाने हो जाते हैं। इस तरह की कंडीशन का समय पर रहते इलाज किया जाना बहुत जरूरी है। ऐसा न किया जाए, तो दिक्कत बढ़ सकती है। कई बार फंगल इंफेक्शन आसपास के हिस्सों तक भी फैल सकता है। समय रहते इसका ट्रीटमेंट जरूर करवाएं।

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हाइजीन का ध्यान न रखना

गर्मी में हर व्यक्ति को अपनी हाइजन का प्रॉपर ध्यान रखना चाहिए। फिर भी ऐसे कई लोग हैं, जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो गर्मियों में भी कई-कई दिनों तक नहीं नहाते हैं। जाहिर है, यह सही नहीं है। साफ-सफाई की कमी के कारण अंडरआर्म्स में रैशेज हो जाते हैं।

गम्रियों में अंडरआर्म्स में हो रहे रैशेज से कैसे बचें- Underarms Me Rashes Kaise Hataye

  1. अंडरआर्म्स में रैशेज हो जाएं, तो उस पर एलोवेरा जेल अप्लाई कर सकते हैं। इसका कूलिंग इफेक्ट स्किन को कई तरह की परेशानी से बचाता है। जैसे इचिंग और जलन।
  2. अंडरआर्म्स में हो रहे रैशेज से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद को पूरी तरह हाइड्रेट रखें। इससे शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और हीट रैशेज का रिस्क भी कम होता है।
  3. साफ-सफाई और हाइजीन का प्रॉपर ध्यान रखें। एक ड्रेस दो दिन न पहनें। अगर कहीं बाहर से घर लौटें, तो शॉवर जरूर लें।
  4. अंडरआर्म्स में हमेशा ऐसे प्रोडक्ट यूज करें, जो आपकी स्किन को सूट करता है। ऐसे प्रोडक्ट्स यूज न करें, जिससे रैशेज और इचिंग की दिक्कत ट्रिगर हो सकती है।
  5. गर्मी के दिनों में हल्के और लाइट वेट के कपड़े ही पहनें। इन दिनों ऐसे कपड़े पहनने को प्राथमिकता दें, जिससे हवा आ-जा सके।
All Image Credit: Freepik

FAQ

  • रैशेज होने का क्या कारण है?

    रैशेज होने का मुख्य कारण डर्मेटाइटिस है। इसके होने की वजह बैक्टीरिया, वायरस, एलर्जी और एक्जिमा, पित्ती और सोरायसिस जैसी स्थितियां त्वचा पर होने वाले चकत्ते का स्रोत हो सकती हैं।
  • अंडरआर्म्स इंफेक्शन क्या है?

    अंडरआर्म्स इंफेक्शन के कई कारण होते हैं, जैसे फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन। गर्मी के कारण इस तरह के इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। इंफेक्शन होने पर अंडरआर्म्स में खुजली, रैशेज और जलन होने लगती है।
  • अंडरआर्म रैश का इलाज कैसे करें?

    अंडरआर्म्स रैशेज होने पर आपको डॉक्टर से इसका ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। वे मेडिसिन लगाने के लिए दे सकते हैं, जिससे सूजन और इचिंग की समस्या दूर होती है।

 

 

 

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