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एथलीट फुट (पैरों में फंगल इंफेक्शन) की समस्या क्यों होती है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज

पैरों की त्वचा पर होने वाले इंफेक्शन को एथलीट फुट के नाम से जाना जाता है। आगे जानते हैं इसके क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।   
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एथलीट फुट (पैरों में फंगल इंफेक्शन) की समस्या क्यों होती है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और इलाज

Causes Of Athlete's Foot: पैरों की ऊपरी त्वचा पर होने वाले फंगस इंफेक्शन को एथलीट फुट के नाम से जाना जाता है। इस समस्या से हर साल दुनियाभर के करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं। इसे एथलीट फुट का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह समस्या अधिकतर एथलीट के पैरों में देखने को मिलती हैं। इसको टिनिया पेडी और रिंगवॉर्म के नाम से भी पहचाना जाता है। दरअसल, ट्राइकोफाइटन फंगस के कारण यह समस्या त्वचा में देखने को मिलती है। यह फंगस आमतौर पर फर्श और कपड़ों में पाया जाता है। इस समस्या में व्यक्ति को चलने में परेशानी होने लगती है। कई बार यह फंगस घाव बना देती है। जिसकी वजह से व्यक्ति को दर्द हो सकता है। फिलहाल, इस डॉक्टर कुछ दवाओं और एंटी फंगल क्रीम आदि से इस समस्या का इलाज करते हैं। आज इस लेख में आसान भाषा में समझते हैं कि एथलीट फुट की समस्या क्यों होती है और इसका इलाज कैसे किया जाता है। 

एथलीट फुट होने के कारण - Causes Of Athlete's Foot In Hindi 

डॉक्टर्स के मुताबिक जब आप नंगे पैर रहते हैं तो ट्राइकोफाइटन फंगस के संपर्क में आने से आपके पैरों की त्वचा पर यह इंफेक्शन शुरू हो जाता है। यह संक्रामक होता है, जिससे यह एक व्यक्ति से दूसरे को फैल सकता है। श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ विजय सिंघल ने इस समस्या के फैलने के कारणों को आगे विस्तार से बताया है। 

डॉक्टर के अनुसार टाइकोफाइटन फंगस कई जगह पर उपस्थित रहती हैं। लेकिन, जब आप पैरों को साफ और सूखा रखते हैं तो इनके बढ़ने और फैलने की संभावना कम होती हैं। जबकि, गर्म और नमी वाली त्वचा पर यह फंगस तेजी से बढ़ती है। जब व्यक्ति मोटे जूतों को ज्यादा समय तक पहनते हैं, तो उनके पैरों की उंगलियों में दबाव बना रहता है, ऐसे में गर्म और पसीने की नमी मिलने से इस फंगस के बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। 

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संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना 

जब आप एथलीट फुट से संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आते हैं या उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए मोजे, जूते या कपड़ों का उपयोग करते हैं, तो ऐसे में आपको भी एथलीट होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति की चादर, तौलियों से भी यह संक्रमण फैल सकता है। यह मुख्य रूप से स्वीमिंग पूल से भी फैल सकता है। 

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

जिन लोगों के इम्यूनिटी पावर कमजोर होती है उनको एथलीट फुट होने की संभावना बढ़ जाता है। इम्यूनिटी पावर को कम करने वाले रोग जैसे डायबिटीज और एचआईवी से पीड़ित लोगों को यह रोग होने का खतरा अधिक होता है। 

एथलीट फुट का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Athlete's Foot In Hindi 

एथलीट फुट होने पर डॉक्टर मरीज के फंगल इंफेक्शन को कम करने के लिए दवाएं देते हैं। इसके अलावा, यदि इंफेक्शन ज्यादा फैल गया है या इंफेक्शन से त्चवा पर घाव बन गए हैं तो डॉक्टर दवाओं के साथ ही स्किन पर लगाने के लिए क्रीम भी देते हैं। 

इस दौरान डॉक्टर कुछ बचाव उपाय अपनाने की सलाह भी देते हैं। जैसे - पैरों को दो बार धोएं। बाहर जाते समय पैरों को कवर करें। गीले होने पर पैरों को अच्छी तरह से साफ कर सुखाएं। कुछ दिनों तक जूते न पहनने की सलाह दी जाती है। दूसरों के कपड़े शेयर न करने की सलाह दी जाती है। 

इसे भी पढ़ें : पैरों में फंगल इंफेक्शन (एथलीट फुट) को दूर करने के 9 घरेलू उपाय

एथलीट फुट के फंगस इंफेक्शन की समस्या है, जिसके शुरूआती लक्षणों को आप घर पर ही ठीक कर सकते हैं। पैरों की साफ सफाई का ध्यान रखें और पैरों की त्वचा पर हवा लगाते रहें। यदि समस्या अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

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