सुबह खाली पेट गैस बनने के पीछे हो सकते हैं ये 8 कारण, बचाव के लिए डॉक्टर से जानें उपाय

सुबह खाली पेट गैस बनना: खाली पेट गैस बनने के पीछे आपकी डाइट से लेकर प्रेग्नेंसी तक कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं  खाली पेट गैस बनने पर क्या करें?

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Dec 06, 2021 09:08 IST
सुबह खाली पेट गैस बनने के पीछे हो सकते हैं ये 8 कारण, बचाव के लिए डॉक्टर से जानें उपाय

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एसिडिटी या गैस बनना एक ऐसी समस्या है जिसे लेकर आमतौर पर लोग परेशान हो जाते हैं। पर हर किसी के शरीर में एसिडिटी का अपना ही कारण है और इसका पैटर्न भी। एसिडिटी के पैटर्न से हमारा मतलब है कि आपको एसिडिटी कब होती है?  सुबह खाली पेट एसिडिटी होती है या फिर खाने के बाद एसिडिटी होती है या फिर सोने के बाद एसिडिटी होती है। दरअसल, एसिडिटी के इन तीनों ही पैटर्न का अलग-अलग कारण है। पर आज हम बात सिर्फ सुबह खाली पेट गैस बनने (acidity in empty stomach) की करेंगे। आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?  इसे बारे में हमने डॉ. पंकज पुरी (Dr. Pankaj Puri), निदेशक - गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली से बात की जिन्होंने खाली पेट गैस बनने का कारणों के बारे में बताया। साथ ही ये भी बताया कि खाली पेट गैस बनने पर क्या करें?

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खाली पेट गैस बनने का कारण-Causes of acidity in empty stomach

डॉ. पंकज पुरी बताते हैं कि एसिडिटी या एसिड रिफ्लक्स एक बहुत ही सामान्य स्थिति है जिसमें कि आप छाती के मध्य क्षेत्र के आसपास जलन महसूस करते हैं। ये पेट के एसिड के वापस से भोजन नली में प्रवाहित होने के कारण होती है। दरअसल,  हम जो भोजन करते हैं वह अन्नप्रणाली के माध्यम से पेट में जाता है। पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड बनाती हैं जो भोजन को पचाने और किसी भी कीटाणुओं को मारने के लिए जरूरी है। जब यह एसिड रिफ्लक्स भोजन नली में वापस आ जाती है तो यह हमारे भोजन नली के अस्तर को संभावित रूप से परेशान या फिर क्षतिग्रस्त कर सकती है, जिसकी वजह से हमें मध्य छाती के पास एसिडिटी महसूस होती है। ऐसा ही कुछ हम खाली पेट गैस बनने पर भी महसूस करते हैं। जैसे कि जलन, या मतली और उल्टी। आप इन सभी को खाली पेट गैस बनने के लक्षणों (empty stomach acidity symptoms) के रूप में देख सकते हैं। 

1. फास्टिंग से

अधिकांश लोगों को कभी न कभी एसिडिटी का सामना करना पड़ा है, लेकिन यह मुख्य रूप से अधिक खाने से जुड़ा हुआ है। कुछ मामलों में, यह तब भी हो सकता है जब आप नियमित अंतराल पर भोजन नहीं कर रहे हों, या उपवास कर रहे हों। चाहे आप कुछ वजन कम करने के लिए उपवास कर रहे हों, किसी धार्मिक कारण से कर रहे हों या बार-बार भोजन न करने की आदत में हों।  इन सभी स्थितियों का एक सामान्य परिणाम एसिडिटी हो सकता है। जब आप खाने से बचते हैं, तब भी आपका पेट पाचक रस या पेट के एसिड का उत्पादन करता है जो आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन को पचाने के लिए उपयोग किया जाता है। एक बार जब आप खाली पेट होते हैं, तो पेट में एसिड जमा होना शुरू हो जाता है,  लेकिन ये पाचन प्रक्रिया में सामान्य रूप से उपयोग नहीं हो पाता है। ऐसे में पेट से एसिड आपके एसोफैगस में जाने लगता है, जिससे आपके सीने और गले में दर्द, जलन और बेचैनी होने लगती है। 

2. खराब डाइट के कारण

खराब डाइट के कारण भी आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसका मतलब ये है कि अगर आपने सुबह-सुबह कुछ गलत का लिया हो तो आपको गैस की समस्या हो सकती है। जैसे कि कुछ लोगों को सुबह-सुबह खाली पेट चाय पीने से गैस की समस्या हो जाती है। तो, कुछ लोगों को नींबू पानी या फिर खट्टी चीजों के रस के कारण गैस की समस्या हो जाती है। इसी तरह खाली पेट मैदा, सूजी और बेसन खाने से भी आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में जिन चीजों को आप सुबह सबसे पहले ले रहे हों उनके बारे में ध्यान से सोचें। 

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3. कब्ज

अगर आपने रात में कुछ ऐसा खाया है जिससे कि आपके पेट में कब्ज बन गया है तो आपको सुबह उठते ही खाली पेट गैस की समस्या हो सकती है। ये बहुत परेशान करने वाला होता  है। क्योंकि इसमें आपका पेट भरा-भरा सा रहता है और आपको बार-बार महसूस हो रहा होता है कि जैसे कि आपको मतली हो रही या फिर उल्टी होने वाली है। 

4. पित्ताशय की पथरी

गोल ब्लैडर में पथरी (पित्ताशय की पथरी) की समस्या होने पर भी आपको खाली पेट गैस बन सकता है। दरअसल, ये बीमारी लंबे समय तक अनहेल्दी फैट्स के सेवन और खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है। इसमें पेट में अचानक से दर्द होना शुरू हो जाता है। पित्ताशय की पथरी के लक्षणों के रूप में लोगों को खाली पैट गैस, बदहजमी, जी मचलाना और खट्टी डकार आने की समस्या होती है। 

5. गेस्ट्राइटिस और पेप्टिक अल्सर के कारण

गेस्ट्राइटिस और पेप्टिक अल्सर के कारण भी पेट में जरूरत से ज्यादा एसिड प्रड्यूस होता है। इससे पेट की लाइनिंग एसिडिक हो जाती है और इससे लोगों को खाली पेट एसिडिटी की समस्या हो जाती है। गेस्ट्राइटिस और पेप्टिक अल्सर का आप खुद ही इलाज नहीं कर सकते  और आपको डॉक्टर की मदद लेनी की जरूरत पड़ सकती है।

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6. चिंता

चिंता यानी कि स्ट्रेस में लोगों को अक्सर खाली पेट गैस की समस्या होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्ट्रेस का असर आपकी डाइजेस्टिव प्रणालियों पर भी होता है। जब आप ज्यादा चिंता में होते हैं तो आपका खाना नहीं पचता और पेट ज्यादा मात्रा में एसिड प्रड्यूस करने लगता है, जिससे खाली पेट गैसे की समस्या होती है।  

7. प्रेग्नेंसी के कारण

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अक्सर खाली पेट गैस की समस्या होती है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और पेट में तरह-तरह की समस्याएं आने लगती है। जो भी आप खाते हैं उसे पचाने में भी काफी मेहनत लगती है। इसलिए आपको प्रेग्नेंसी में सुबह-सुबह खाली पेट गैस बनना, मतली और उल्टी आदि की समस्याएं होती हैं। 

खाली पेट गैस बनने पर क्या करें-How can I reduce acidity in empty stomach?

खाली पेट गैस बनने को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।  ऐसे कई कदम हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं और जो कि इसे समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। जैसे कि

1. कम खाएं पर बार-बार खाएं

एक भरा पेट निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर (एलईएस) पर दबाव डालता है। दरअसल, ये एक वाल्व जैसी मांसपेशी है जो पेट के एसिड को एसोफैगस में बैक अप करने से रोकती है। इसलिए इससे बचने के लिए कम खाएं पर बार-बार खाएं।

2. भोजन के बाद सीधे रहें

भोजन के बाद लेटने से एलईएस पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स होने की संभावना बढ़ जाती है।

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3. देर रात खाने से बचें

सोने के लिए लेटने के तीन घंटे के भीतर भोजन या नाश्ता करने से आपके पेट में एसिडिटी हो सकती है। फिर सुबह आपको ये परेशानी हो सकती है। इसलिए देर रात खाने से बचें।

4. अपने बिस्तर के एक सीर को ऊंचा रखें

सोते समय अपने सिर को अपने बाकी शरीर की तुलना में थोड़ा ऊपर उठाएं। इससे एलईएस पर दबाव कम हो जाता है और सुबह गैस की समस्या नहीं होती। 

5. कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से दूर रहें

ये खट्टी डकार का कारण बनते हैं, जो पेट के एसिड के भाटा को बढ़ावा देता है। साथ ही उन खाद्य पदार्थों का पता लगाएं जो आपके लक्षणों को ट्रिगर करते हैं और उनसे बचें। कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ इन चीजों को बढ़ाते हैं। जैसे कि वसायुक्त भोजन, मसालेदार भोजन, टमाटर, लहसुन, दूध, कॉफी, चाय, कोला, पुदीना और चॉकलेट आदि। 

इसके अलावा भोजन के बाद शुगर फ्री च्विंगम चबाएं। अपनी दवाओं की जांच करें। अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें कि क्या आपके द्वारा ली जाने वाली कोई भी दवा एसिड रिफ्लक्स को खराब कर सकती है या अन्नप्रणाली को उत्तेजित कर सकती है।  इसके अलावा  एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से पेट में एसिड को कम या बेअसर किया जा सकता है।

All images credit: freepik

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