रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) एक ऑटोइम्यून इंफ्लेमेटरी पॉलीआर्थराइटिस बीमारी है, जो मुख्य रूप से हाथ और पैर के छोटे जोड़ों को प्रभावित करती है। आमतौर पर रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण सुबह दिखते हैं और आधे घंटे के लिए प्रभावित अंग को कठोर बना देते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस की बीमारी आमतौर पर 35 से 45 वर्ष की अवस्था में अधिक होती है। ये बीमारी लगभग 10,000 व्यक्तियों में से 3 व्यक्तियों को विश्व भर में सालाना तौर पर होती है जो उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है। महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले इस बीमारी का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है। हालांकि मेनोपॉज के बाद ये समस्या महिलाओं में और ज्यादा बढ़ जाती है। एम्स के रूमैटोलॉजी ओपीडी, में ज्यादातर समय 100 में से लगभग 30 मरीज रूमेटाइड अर्थराइटिस के होते हैं जो रूमैटोलॉजिकल विकार के शिकार होते हैं।
महिलाओं में क्यों होता है रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा?
महिलाओं में इसका प्रचलन आंशिक रूप से एक्स गुणसूत्र के कारण होता है, जो इम्यून व्यवस्था में तमाम वंशाणु लिए रहता है। महिलाओं में दो एक्स गुणसूत्र होते हैं, जिनके कारण उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है जिससे संक्रमण से सुरक्षा रहती है लेकिन साथ ही में रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों की सम्भावना भी बनी रहती है। साथ ही महिलाओं के सेक्स हार्मोन (इस्ट्रोजेन) के कारण भी ऑटोइम्यून बीमारियों के विकसित होने की सम्भावना बनी रहती है। इससे सिद्ध होता है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस मासिक धर्म के प्रारम्भ में और गर्भ धारण काल और प्रसव के बाद भिन्न- भिन्न रूपों में हो सकता है।
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रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण
रूमेटाइड अर्थराइटिस किन कारणों से होता है यह अभी तक अज्ञात है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के निर्माण में कई कारक हो सकते हैं- आनुवांशिक कारणों से, हार्मोन के कारण, मोटापा आदि। इसके अलावा पर्यावरण के कारक जैसे- वायु प्रदूषण, सिगरेट पीने से , संक्रमण (जीवाणु या विषाणु से ), कीटनाशक के प्रयोग वाले आहारों के सेवन से भी ये बीमारी हो सकती है। व्यावसायिक कारकों में मिनरल तेल या सिलिका में कार्य करने के कारण। बीमारी के लक्षण बढ़ने और गंभीर होने का खतरा होता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस से कैसे बचें?
रूमेटाइड अर्थराइटिस के शिकार मरीज के लिए भी दर्दरहित और विकलांगता मुक्त जीवन जीना संभव है, जिसके लिए उसे सही थेरेपी अपनाने और जीवनशैली में परिवर्तन करने की जरूरत है जैसे-
- स्वस्थ आहार खाएं
- नमक, शक्कर और वसायुक्त भोजन का त्याग करें
- नियमित व्यायाम करें
- सिगरेट, बीड़ी, हुक्का जैसे धूम्रपान वाली चीजों से बचें
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रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए वर्तमान में तमाम प्रकार के बाहरी और इंजेक्ट करने वाले इलाज मौजूद हैं, लेकिन बाहरी चिकित्सा को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों को रूमैटोलॉजिस्ट से नियमित जांच कराते रहना चाहिए और दवाओं के नकारत्मक प्रभावों को भी नजर में रखना चाहिए ताकि उत्तम गुणवत्ता वाला जीवन जिया जा सके।
- डॉ. उमा कुमार, प्रोफेसर और हेड- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के रूमैटोलॉजी विभाग से बातचीत पर आधारित
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