किडनी को रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव से कैसे बचायें

रूमेटाइड अर्थराइटिस को हड्डियों से संबंधित बीमारी माना जाता है, लेकिन इसके कारण किड्नी के साथ शरीर के अन्‍य अंग भी प्रभावित होते हैं, इसलिए किड्नी को बचाये रखना बहुत जरूरी है।
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किडनी को रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव से कैसे बचायें

रूमेटाइड अर्थराइटिस को हड्डियों के जोड़ों से संबंधित बीमारी माना जाता है, इसके कारण जोड़ों में दर्द, सूजन, आदि समस्‍यायें होती हैं। रूमेटाइड के कारण हड्डियां सही तरीके से काम भी नहीं करती हैं। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि रूमेटाइड अर्थराइटिस शरीर के अन्‍य अंगों को भी प्रभावित करती है। यह फेफड़े, दिल और किड्नी को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए जरूरी है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस का दौरा पड़ने के दौरान हड्डियों के साथ-साथ शरीर के अन्‍य अंगों को भी बचाया जाये। इस लेख में विस्‍तार से जानिये रूमेटाइड अर्थराइटिस किड्नी को कैसे प्रभावित करती है और इससे किस तरह बचाव किया जा सकता है।
Protect Your Kidneys From RA in Hindi

इन दोनों के बीच में संबंध

कई शोधों में यह बात सामने आयी है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्‍त व्‍यक्ति को किड्नी संबंधित बीमारियों के होने का खतरा अधिक होता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ किड्नी डिजीज में 2014 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, रूमेटाइड अर्थराइटिस प्रत्‍येक 4 में से एक व्‍यक्ति को क्रोनिक किड्नी बीमारी होती है, जो कि सामान्‍य जनसंख्‍या में प्रत्‍येक 5 लोगों में से एक है।

हालांकि यह सभी जानते हैं किड्नी की समस्‍या होने के कारण दिल से संबंधित बीमारी होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्‍त होने के बाद किड्नी की बीमारी होने के बारे में ठीक प्रमाण अभी तक नहीं मिल पायें है, लेकिन इसके लिए अभी भी शोध जारी है। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस किड्नी को प्रभावित करती है।

किड्नी को बचाने के तरीके

किड्नी को अर्थराइटिस के दौरान होने वाली समस्‍या से बचाने के लिए सबसे पहले यह बहुत जरूरी है कि अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है तो नियमित रूप से किड्नी सहित शरीर के अन्‍य अंगों की जांच कराते रहिए। इसके अलावा कुछ तरीकों का पालन जरूर करें -

  • किड्नी की प्रक्रिया को सामान्‍य बनाये रखने के लिए नियमित वर्कआउट कीजिए।
  • स्‍वस्‍थ आहार का सेवन कीजिए और ध्‍यान रखें कि उसमें वसा की मात्रा अधिक न हो।
  • खाने में नमक की मात्रा सीमित रखें, क्‍योंकि यह रक्‍तचाप को बढ़ाता है और इससे किड्नी की बीमारी हो सकती है।
  • अपने शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल के स्तर की जांच नियमित रूप से कीजिए, क्‍योंकि यह दिल और किड्नी दोनों के लिए नुकसानदेह है।

How to Protect Your Kidneys in Hindi

इस बात का भी ध्‍यान रखें

हालांकि अभी तक कोई ऐसी गाइडलाइन नहीं आयी है जिसका पालन रूमेटाइड अर्थराइटिस स्रे ग्रस्‍त लोगों को करना चाहिए। फिर भी रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्‍त लोगों को नियमित रूप से किड्नी और दिल की जांच कराते रहना चाहिए। क्‍योंकि अर्थराइटिस की कुछ दवायें हैं जिनका बुरा असर किड्नी पर पड़ सकता है।

किड्नी में समस्‍या होने के साथ थकान, मांसपेशियों में समस्‍या, बोलने मे परेशानी, भूख न लगना, पेट में दर्द, अनिद्रा आदि समस्‍यायें होती हैं। इसलिए नियमित रूप से चिकित्‍सक के संपर्क में रहें।

 

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