मानसून का इंतजार हर किसी को रहता है। क्योंकि यह लंबे समय तक चिलचिलाती गर्मियों से राहत देता है। इस मौसम में लोग नमकीन चाय, कॉफी के साथ समोसे, पकौड़े जैसे स्नैक्स का सेवन करके बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं, और बारिश में भीगते भी हैं। हालांकि, मौसम की स्थिति में यह बदलाव कई संक्रमणों और बीमारियों को भी लाता है, मुख्य रूप से बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। मानसून में होने वाली बीमारियों से आपको और आपके परिवार को स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए, हमने घर पर उनसे निपटने के तरीकों के बारे में बताया है। आइए जानते हैं, मानसून में होने वाली बीमारियों से बच्चों को कैसे बचाएं?
कोल्ड और फ्लू
बच्चों में कोल्ड और फ्लू सबसे आम वायरल संक्रमण है, क्योंकि यह छींकने, खांसने, या संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलते हैं, खासकर स्कूलों में ऐसा देखने को मिलता है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अन्य बच्चों के साथ तौलिए या रूमाल जैसी वस्तुओं को साझा करने से बचे। कोशिश करें कि बच्चों को सेनेटाइजर या मेडिकेटेड साबुन उपलब्ध कराएं और यह भी सुनिश्चित करें कि वे उनका उपयोग करें। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह से उन्हें एंटी वायरल दवा का सेवन कराएं।
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आंतों का संक्रमण
आंतों का संक्रमण जैसे फूड प्वाइजनिंग, दस्त आदि समस्याएं दूषित पानी और भोजन की खराब गुणवत्ता के कारण होता है। इसलिए माता-पिता को यह सलाह दी जाती है कि वे फिल्टर किए हुए पानी को भी उबाल लें। यह आपके बच्चों को जलजनित बीमारियों से बचाएगा। भोजन को ढक कर रखें, ताजे और पके भोजन खिलाएं। सड़क के किनारे मिलने वाली चीजों को खिलाने से बचें और गैस्ट्रिक से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए हमेशा सही आहार का चुनाव अपने का सेवन करें। डॉक्टर की सलाह से दें!
डेंगू
डेंगू एक अन्य सामान्य मानसून बीमारी है और माता-पिता के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर समय बच्चे को मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाई जाए। आप उन्हें ऐसे कपड़े भी पहनाएं जो उनके पूरे शरीर को ढककर रखे। घर में या आसपास खुले टैंकों में जमा पानी रखने से बचें क्योंकि यह मच्छरों को प्रजनन करने से रोकेगा।
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लेप्टोस्पायरोसिस
बच्चे पोखरों में खेलते हैं, ऐसे में वे लेप्टोस्पायरोसिस के संपर्क में आ सकते हैं, जो जानवरों के मूत्र से दूषित पानी या मिट्टी के संपर्क में आने से होता है। यदि आपके बच्चे को किसी भी तरह के खुले कट या घाव हैं, तो उन्हें इस बीमारी के होने की संभावना बढृ जाती है। लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों की घटनाओं को स्वच्छता मानकों में सुधार और मूत्र दूषित जल स्रोतों से बचाव कर कम किया जा सकता है।
टाइफाइड
टाइफाइड एक जल जनित बीमारी है जो दूषित भोजन या पानी के कारण होती है। अपने बच्चों को घर का बना खाना खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बाहर पकाए गए खाने की क्वालिटी बेहतर नहीं हो सकती या असमान परिस्थितियों में पकाया जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन, खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना बीमारी से बचा सकता है। इसके अलावा रोग से बचाव के लिए टीकाकरण भी जरूरी है।
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