
जीवनशैली में बदलाव की वजह से आज के दौर में लोगों को हार्ट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हार्ट संबंधी रोग किसी भी उम्र के लोगों को हो सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल के अलावा अन्य कारणों से भी लोगों को हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक हो सकता है। इसमें आप कार्डियोमायोपैथी को भी शामिल कर सकते हैं। इस स्थिति में हार्ट की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। इसकी वजह से हार्ट ब्लड को सही तरह से पंप नहीं कर पाता है। कार्डियोमायोपैथी के कई प्रकार होते हैं। अगर, इस रोग की पहचान समय पर कर ली जाए, तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। लेकिन, गंभीर स्थिति में हार्ट ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बचता है। मैयो क्लीनिक के अनुसार इस रोग का इलाज दवाओं व सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कार्डियोवैस्कुलर एंड एरोटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर निरंजन हिरेमठ (Dr Niranjan Hiremath) से जानते है कार्डियोमायपैथी का इलाज कैसे किया जाता हैे।
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कार्डियोमायोपैथी के लक्षण क्या होते हैं? - Symptoms Of Cardiomyopathy In Hindi
इस समस्या की शुरुआत में व्यक्ति को कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, इसके लक्षण महसूस होने लगते हैं।
- व्यक्ति को हल्के काम के दौरान भी सांस फूलने लगती है।
- पेट में सूजन
- लेटते समय खांसी होना
- पैरों व टखनों में सूजन होना
- थकान महसूस होना
- बार-बार चक्कर आना,
- बेहोशी होना, आदि।
कार्डियोमायोपैथी के कारण क्या होते हैं? - Causes Of Cardiomyopathy In Hindi
वैसे, सामान्य रूप से कार्डियोमायोपैथी के कारण का पता नहीं लगाया है। लेकिन, इस रोग के लिए कुछ कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। इनको आगे बताया गया है।
- लंबे समय से हाई बीपी होना
- हार्ट के वाल्व में परेशानी
- दिल का दौरा पड़ने से हार्ट टिश्यू को डैमेज होना
- मेटाबॉलिज्म संबंधी डिसऑर्डर होना
- विटामिन की कमी
- कनेक्टिव टिश्यू में डिसऑर्डर
- हार्ट की मसल्स में आयरन बनाना (हेमोक्रोमैटोसिस)
- कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी या दवाओं के उपयोग का प्रभाव, आदि।
कार्डियोमायोपैथी का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Cardiomyopathy In Hindi
कार्डियोमायोपैथी में इलाज में लक्षणों को कम करने पर जोर दिया जाता है। जटिलताओं को कम करना और रोग की गंभीरता के आधार पर इलाज किया जाता है।
दवाओंं से इलाज
कार्डियोमायोपैथी के हल्के लक्षण महसूस होने पर दवाओं से इलाज किया जा सकता है। दवाओं के इलाज से डॉक्टर हार्ट के द्वारा ब्लड को पंप करने की क्षमता में सुधार करते हैं। इसके अलावा, ब्लड सर्कुलेशन, लो ब्लड प्रेशर, लो हार्ट बीट, ब्लड क्लॉट बनने को रोका जाता है।
थेरेपी के द्वारा इलाज
सेप्टल एब्लेशन - इस थेरेपी में हार्ट की मोटी मांसपेशियों तक कैथेटर की मदद से दवा को इंजेक्ट किया जाता है। जिससे उस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन होने लगता है।
रेडियो फ्रिक्वेंसी एब्लेशन - इसमें हार्ट की अनियमित धड़कनों को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। इसमें कैथेटर के छोर पर इलेक्ट्रोड के माध्यम से हार्ट के डैमेज पार्ट पर ऊर्जा ट्रांसमिट की जाती है।
सर्जरी
हार्ट की सर्जरी में ऐसे कई उपकरणों को ट्रांसप्लांट किया जाता है, जो हार्ट की कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकते हैं।
- इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर
- वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस
- पेसमेकर
इसमें डॉक्टर दो तरह की सर्जरी करते हैं।
सेप्टल मायेक्टोमी - इस ओपन-हार्ट सर्जरी में सर्जन हृदय की मांसपेशियों की मोटी दीवार (सेप्टम), जो दो निचले हृदय कक्षों (वेंट्रिकल्स) को अलग कर दिया जाता है। इससे हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही, इससे माइट्रल वाल्व रिगर्जेटेशन कम होता है। हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के इलाज में सेप्टल मायेक्टॉमी का उपयोग किया जाता है।
हार्ट ट्रांसप्लांट - हार्ट फेलियर के लास्ट स्टेज में मरीजों को दवा व सर्जरी से ठीक नहीं किया जा सकता उनके लिए हार्ट ट्रांसप्लांट का विकल्प चुन सकते हैं।
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कार्डियोमायोपैथी के लक्षण दिखाई देने पर इसे अनदेखा न करें। यह आपके लिए गंभीर समस्या बन सकती है। इस दौरान सीने में तेज दर्द या सांस लेने में परेशानी होने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और इलाज शुरु कराएं। हार्ट की बीमारी को शुरुआती दौर में कम करना आसान होता है।
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