कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। एक तरफ जहां देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर मौजूद है वहीं अब इसके तीसरे लहर की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। यूं तो कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से पहले से किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों को दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ा है लेकिन इनमें कैंसर की बीमारी से पीड़ित मरीजों को ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ी है। कोरोना (Covid 19) की दूसरी लहर में कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज और उनके देखभाल में भी दिक्कतें आयीं है। देश भर में कोरोना से बचाव के लिए सरकारों ने तमाम नियम और प्रतिबन्ध लगाये थे जिसके चलते कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी, लेकिन अब जब पूरे देश में प्रतिबन्ध खत्म हो रहे हैं तो कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज आसानी से हो जा रहा है। अगर आप भी कोरोना महामारी के बीच कैंसर के इलाज से गुजर रहे हैं या आपके परिवार में कोई भी व्यक्ति ऐसी स्थिति में है तो यह जानकारी आपके लिए है। कोरोनाकाल के दौरान कैंसर के इलाज में किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं? इसे लेकर हमने बातचीत की मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा के कैंसर विशेषज्ञ डॉ आर के चौधरी से, आइए जानते हैं उन्होंने हमारे साथ क्या जानकारी साझा की।
कोरोनावायरस और कैंसर का इलाज (Cancer Treatment During Covid Pandemic)
कोरोनावायरस महामारी ने कैंसर के इलाज सहित कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज को प्रभावित किया है। कैंसर के मरीज पहले से ही अपने इलाज के कारण इम्यूनोसप्रेस्ड हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और इसलिए उनमें कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम भी ज्यादा हो जाता है। चूंकि ऑन्कोलॉजी में इलाज अक्सर कई प्रक्रियाओं के तहत होता है जिसमें क्लिनिक के दौरे, सर्जिकल स्टे, रेडिएशन थेरेपी अपॉइंटमेंट, इन्फ्यूजन सेशन आदि शामिल होते हैं। यही कारण है कि महामारी के दौरान कैंसर के मरीजों के इलाज पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की बात कही जा रही है। महामारी की वजह से तमाम कैंसर के मरीजों की चिकित्सा में रुकावटें भी आयी हैं जिसके कारण उनका जोखिम और बढ़ गया है।
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कोरोना काल में कैंसर के इलाज के दौरान जरूर बरतें ये सावधानी (Important Measures that Cancer Patients Should take During COVID-19)
कोरोना संक्रमण ज्यादातर उन व्यक्तियों को अपने चपेट में लेता है जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर या कम है। इस महामारी के दौरान कैंसर रोगियों के इलाज में भी दिक्कतें आयी हैं। वैसे, कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोग पहले से ही इम्यूनोसप्रेस्ड होते हैं, जिससे उन्हें कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। एक तरफ जहां पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है वहीं अगर आप इनके बीच कैंसर का इलाज करवा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
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1. कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोग अस्पताल जाने से पहले अपने चिकित्सक से टेली परामर्श के बारे में जानकारी जरूर लें। अगर आप की स्थिति ठीक है और बिना अस्पताल गए परामर्श के आधार पर इलाज हो सकता है तो अस्पताल जानें से बचना चाहिए। हालांकि कैंसर के इलाज के दौरान कई स्थितियों में जैसे रेडियोलॉजी, बायोप्सी या ब्लड टेस्ट आदि के लिए अस्पताल जाना ही पड़ सकता है।
2. जिन रोगियों को हाल ही में कैंसर का पता चला है, उन्हें ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श लेने के बाद अपना इलाज शुरू करना चाहिए और जिन रोगियों का पहले से कैंसर का इलाज हो रहा है उन्हें अपने इलाज को जारी रखना चाहिए। बीच में कैंसर के इलाज को रोकने से इस बीमारी से लड़ने में सफलता नहीं मिलती है।
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3. इलाज कर रहे ऑन्कोलॉजिस्ट से कीमोथेरेपी से इम्यूनोसप्रेशन सहित साइड इफेक्ट को कम करने के बारे में जानकारी जरूर लेनी चाहिए। इस स्थिति में डॉक्टर कीमोथेरेपी की खुराक में कमी या सहायक दवाओं के उपयोग आदि का सुझाव दे सकते हैं।
4. अगर आपको इलाज के लिए रेडियोथेरेपी की सलाह दी गयी है तो इस समय अपने चिकित्सक से रेडियोथेरेपी के छोटे विकल्प हाइपो फ्रैक्शनेटेड रेडियोथेरेपी के बारे में जरूर पूछें। वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से हाइपो-फ्रैक्शनेड रेडियोथेरेपी सुरक्षित और प्रभावी मानी जा रही है और इससे अस्पताल जाने से बचा भी जा सकता है।
5. कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोग ऑन्कोलॉजिस्ट की देखरेख में घर पर हार्मोन थेरेपी और ओरल टारगेटेड थेरेपी जैसे उपचार ले सकते हैं। अगर आपको भी इन उपचार के बारे में कहा गया है तो अपने चिकित्सक से घर पर रहकर इसे लेने के विकल्पों के बारे में बात जरूर करें।
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कैंसर के मरीज कब लगवाएं कोरोना का टीका? (Cancer Patient and Covid Vaccine)
कैंसर की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अपने इलाज में देरी या लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जिन मरीजों का इलाज चल रहा है उन्हें अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही कोरोना की वैक्सीन लगवानी चाहिए। अगर आप सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, या स्टेम सेल प्रत्यारोपण आदि से गुजर रहे हैं तो चिकित्सक इसके आधार पर ही आपको टीका लगवाने के सलाह देगा। अगर आपने कोरोना का टीका लगवाया है तो इसके 2 सप्ताह बाद ही इम्यूनोसप्रेसिव उपचार लेना चाहिए।
इसके अलावा कैंसर के मरीजों को कोरोनावायरस महामारी से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। वैज्ञानिकों ने कोरोना के तीसरी लहर के आने की आशंका व्यक्त की है ऐसे में कैंसर रोगियों को इससे बचने के लिए इन उपायों का पालन जरूर करना चाहिए।
- सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन।
- डबल मास्क लगाएं और अपने मुंह और नाक को ढककर रखें।
- हाथों को समय-समय पर सैनिटाइजर या साबुन की सहायता से साफ करें।
- सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें।
- अस्पताल में जाने पर विशेष सावधानी बरतें।
- घर पर रहे और स्वस्थ रहें।

हमें उम्मीद है कि कैंसर के इलाज पर कोरोना के प्रभाव और सावधानी पर आधारित यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। अनिश्चितता के इस समय में कैंसर रोगियों को योग और ध्यान का अभ्यास करके मानसिक रूप से सकारात्मक रहना चाहिए। दवा के अलावा जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखना भी जरूरी है। अगर आप चिकित्सक की बताई गयी इन बातों का पालन करेंगे तो आपके स्वास्थ्य को सुधरने में ज्यादा वक्त नही लगेगा और इसकी वजह से होने वाली दिक्कतों से भी दूर रहेंगे। अगर आपके पास कैंसर से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई सवाल है तो उसे आप कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक भेज सकते हैं, हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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