कैंसर (Cancer) जैसी घातक बीमारी कई तरह से शरीर के अंगों को प्रभावित करती है। शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करने वाले कैंसर को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कैंसर के इन्हीं प्रकार में से एक है पैराथायरॉइड कैंसर। ये थायरॉयड से जुड़ी चार छोटी ग्रंथियों जिन्हें पैराथायरॉइड कहते हैं को प्रभावित करती है। पैराथायरॉइड कैंसर गले में सबसे नीचे एडम के बाद स्थिति ग्रंथि को प्रभावित करने का काम करता है। पैराथाइरॉइड कैंसर (Parathyroid Cancer), अन्य कैंसर की तरह ही तब होता है जब कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में
क्या है पैराथायरॉइड कैंसर? (What is Parathyroid Cancer?)
पैराथायरॉइड कैंसर एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो धीमे-धीमे फैलता है। यह कैंसर अक्सर 30 या उससे अधिक उम्र वाले लोगों में होता है। शरीर में पैराथायरॉइड ग्रंथियां एक हार्मोन बनाती हैं जो शरीर को कैल्शियम के भंडारण और उपयोग में मदद करती है, ये हार्मोन हड्डियों को मजबूत रखने और मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को अपना काम करने में मदद करती है। पैराथायरायड हार्मोन के लिए इसे पीटीएच कहा जाता है। पैराथाइरॉइड कैंसर वाले अधिकांश लोग बहुत अधिक पीटीएच बनाते हैं। इससे रक्त में बहुत अधिक कैल्शियम हो जाता है जिसे हाइपरलकसीमिया कहा जाता है। इस कैंसर की चपेट में आने वाले मरीजों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है।
पैराथायरॉइड कैंसर के कारण (Parathyroid Cancer Causes)
वैज्ञानिकों को अभी भी पैराथायरॉइड कैंसर के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है। मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया टाइप I और हाइपरपैराथायरायडिज्म-जॉ ट्यूमर सिंड्रोम नामक आनुवंशिक स्थितियों वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। जिन लोगों के सिर या गर्दन में रेडिएशन का असर होता है उन्हें भी इसका खतरा बढ़ सकता है। सिर या गर्दन तक रेडिएशन का कारन एक्स-रे या अन्य प्रकार की ऊर्जा से उपचार हो सकता है।
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पैराथायरॉइड कैंसर के लक्षण (Parathyroid Cancer Symptoms)
पैराथाइरॉइड कैंसर से ग्रसित व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है। इसका पता ब्लड टेस्ट में बढ़े हुए कैल्सियम के स्तर से किया जाता है। ब्लड में कैंसर की अधिकता होने की स्थिति को हाइपरलकसीमिया कहा जाता है। पैराथायरॉइड कैंसर के लक्षण कई तरह के हो सकते हैं, इस समस्या की चपेट में आने वाले व्यक्ति को मुख्यतः इन लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
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- गले में दर्द
- हड्डी में दर्द
- गुर्दे और पेशाब से जुड़ी समस्याएं
- कमजोरी
- पेट दर्द
- गैस्ट्रोडोडोडेनल अल्सर
- बोलने में कठिनाई
- थकान
- गले में एक गांठ
- उल्टी
- डिप्रेशन
- अनिद्रा
- अस्वस्थता
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पैराथायरॉइड कैंसर के बारे में पता लगाने के लिए होने वाली जांच (Possible Tests to Detect Parathyroid Cancer)
किसी बी बीमारी या समस्या का पता लगाने के लिए कई तरह की जांच की जाती है। चिकित्सक पैराथायरॉइड कैंसर की स्थिति का पता लगाने के लिए भी ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन जैसी जांच करते हैं जिनके आधार पर इस बीमारी की स्थिति के बारे में जानकारी होती है। पैराथायरॉइड कैंसर का पता लगाने के लिए मुख्यतः ये जांच की जाती है।
- गांठ या अन्य चीजों की जांच
- ब्लड और पेशाब की जांच
- पैराथायरॉइड स्कैन
- सीटी (कैट) स्कैन
- एमआरआई
- अल्ट्रासाउंड
- एंजियोग्राम
पैराथायरॉइड कैंसर का इलाज (Parathyroid Cancer Treatment)
पैराथाइरॉइड कैंसर के मरीजों में इसकी स्थिति का पता लगाने के बाद इलाज किया जाता है। इलाज के बाद कभी-कभी कैंसर खत्म हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह दोबारा से नए ट्यूमर के रूप में विकसित हो सकता है। हर मामले में स्थिति के हिसाब से इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में इसके इलाज के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता होती है, अगर कैंसर गले के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी फैल जाता है तो इसका इलाज सर्जरी के माध्यम से ही किया जाता है। इसके अलावा सर्जरी के बाद में रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से इसके मरीजों का इलाज किया जाता है। रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल भी पैराथायरॉइड कैंसर के इलाज में किया जाता है।
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पैराथायरॉइड कैंसर एक दुर्लभ और घातक बीमारी है जो 30 या उससे अधिक उम्र वाले लोगों में ज्यादा होती है। इसका सही समय पर पता लगाकर उपचार किया जाना बेहद जरूरी होता है। पैराथायरॉइड कैंसर से जुड़े लक्षण दिखने पर चिकित्सक की सलाह के बाद इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए। जांच की रिपोर्ट के हिसाब से ही आगे का इलाज किया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। अगर आपके इस मुद्दे पर कोई सवाल हैं तो उसे आप कमेंट बॉक्स में लिखकर हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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