नैनो टेक्नोलॉजी से कैंसर के बेहतर परीक्षण की उम्मीद, मरीजों को होगा लाभ

कैंसर दुनियाभर के लोगों के लिए चुनौती है। इसके मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। भारत में भी कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 
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नैनो टेक्नोलॉजी से कैंसर के बेहतर परीक्षण की उम्मीद, मरीजों को होगा लाभ


कैंसर दुनियाभर के लोगों के लिए चुनौती है। इसके मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। भारत में भी कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कैंसर का समय पर उपचार न किया जाये तो वह जानलेवा हो सकता है। वैज्ञानिकों ने एक नया नैनो टूल तैयार किया है, जिससे कैंसर के बारे में जानकारी लाने के लिए रक्त की जांच का नया तरीका बन सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर द्वारा बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, न्यूनतम आक्रमक रक्त परीक्षणों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को पहचानने और उन पर निगरानी रखने की क्षमता होती है। लेकिन रक्त की धारा में उत्पन्न बीमारियों के संकेतकों को पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि वे बहुत छोटे और बहुत कम होते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के शोधकर्ताओं की अगुआई में हुए शोध में पता चला कि कैंसर के मरीज के शरीर में छोटे मॉलिक्युल, विशेषकर प्रोटीन, रक्त प्रवाह के दौरान नैनोपार्टिकल्स से चिपक जाते हैं। रक्त से नैनोपार्टिकल्स इकट्ठे करने से चिपके हुए मॉलिक्युल का विश्लेषण किया जा सकता है, जिनमें से कुछ बढ़ रहे कैंसर से रिलीज हो चुके होते हैं।

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मैनचेस्टर के शोधकर्ता प्रोफेसर कोस्टास कोस्टारेलोस ने कहा कि हम खून में कैंसर के संकेत बढ़ाना चाहते हैं, जिसे अन्य तरीके से मॉलिक्युल शोर के बीच दफनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी टीम को बायोमॉलिक्यूल्स के दल के मिलने की उम्मीद है जो कैंसर के शुरुआती समय में चेतावनी दे सके, जिसे नए परीक्षण में पहचानने के लिए आधार तैयार कर सके। यह शोध जर्नल एडवांस्ड मैटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है।

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