पलक झपकाते ब्रेस्‍ट कैंसर के जोखिम का पता लगेगा

आइसलैंड के वैज्ञानिकों के एक दल ने पूरे देश के जेनेटिक कोड का पता लगा लिया है। इससे कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में सहायता मिलेगी।
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पलक झपकाते ब्रेस्‍ट कैंसर के जोखिम का पता लगेगा


शोध पत्रिका 'नेचर जेनेटिक्स' में प्रकाशित शोध के जरिए वैज्ञानिकों को इससे कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो अब वे पलक झपकते ही किसी महिला में स्तन कैंसर के जोखिम का पता लगा सकते हैं।

Cancer Risk in Hindi शोधदल डीकोड जेनेटिक्स के प्रमुख कार्यकारी डॉक्टर कैरी स्टीफैनसन ने बताया, "इससे हम आइसलैंड में एक बटन दबाते ही उन महिलाओं के बारे में पता कर सकते हैं जिनके बीआरसीए जीन में म्यूटेशन हैं।"

बीआरसीए जीन में म्यूटेशन के कारण स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। शोध में प्राप्त आकड़ों का इस्तेमाल पुरुषों के पूर्वज की उम्र पता लगाने में भी किया गया। इसके लिए पुरुषों में पाए जाने वाले वाई क्रोमोसोम में म्यूटेशन की दर का प्रयोग किया गया।

इससे पहले पुरुषों के आखिरी पूर्वज को 3,08,000 साल पहले का माना गया था, जबकि इस शोध में यह समय 2,39,000 साल अनुमानित किया गया। डीएनए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है।

अगर हमें किसी बच्चे का और उसके दादा-दादी के डीएनए के बारे में पता हो तो हम उस बच्चे के माता-पिता के डीएनए के बारे में बहुत कुछ पता लगा सकते हैं।

इस शोधदल ने 10 हजार लोगों के जीनोम क्रम के साथ देशभर के वंशवृक्ष को जोड़कर इस शोध को अंजाम दिया। शोध से जुड़े सभी आकड़ों को फिलहाल गोपनीय रखा गया है। माना जा रहा है कि दवा इत्यादि के निर्माण में इन आकड़ों के इस्तेमाल को लेकर नई बहस शुरू हो सकती है।

 

Source - BBC

Image Source - Getty

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