क्या एनर्जी ड्रिंक्स के कारण होता है हेपेटाइटिस? जानिए सच

'बीएमजे केस रिपोर्ट' में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन हफ्तों तक रोजाना चार से पांच एनर्जी ड्रिंक पीने वाले एक व्यक्ति को अतिरिक्त विटामिन बी3 मिलने की वजह से एक्यूट हेपेटाइटिस विकसित हो गया। तो क्या इसका अर्थ ये है कि एनर्जी ड्रिंक के ज्यादा सेवन से हेपेटाइटिस हो सकता है? चलिए विस्तार से जानें...
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क्या एनर्जी ड्रिंक्स के कारण होता है हेपेटाइटिस? जानिए सच


'बीएमजे केस रिपोर्ट' में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन हफ्तों तक रोजाना चार से पांच एनर्जी ड्रिंक पीने वाले एक व्यक्ति को अतिरिक्त विटामिन बी3 मिलने की वजह से एक्यूट हेपेटाइटिस विकसित हो गया। तो क्या इसका अर्थ ये है कि एनर्जी ड्रिंक के ज्यादा सेवन से हेपेटाइटिस हो सकता है? चलिए विस्तार से जानें...

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अनुसार, हेपेटाइटिस से लीवर में सूजन आ जाती है। लीवर दरअसल शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का काम करता है। एनआईएच के अनुसार आमतौर पर हेपेटाइटिस जोकि ए, बी या सी टाइप का होता है, एक प्रकार के वायरल संक्रमण के कारण होता है। हालांकि ड्रग्स, अल्कोहल के इस्तेमाल से भी हेपेटाइटिस हो सकता है। लेकिन इसके कुछ विरले कारण भी देखने को मिले हैं, जैसे....

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केस स्टडी

लगभग 50 साल आयु के एक पूर्व में पूरी तरह से स्वस्थ रहे व्यक्ति ने एक अचानक बेचैनी और चीजों में अपनी अरुचि बढ़ने की शिकायत की, जोकि उसके अधिक एनर्जी ड्रिंक पीने की आदत की वजह से मितली और उल्टी में बदल गई। एनर्जी ड्रिंक पीने की उसकी ये आदत उसे घंटो निर्माण के काम को करते हुए लगी थी।

एक हालिया प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस व्यक्ति के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के कारण उसे लगा कि वह फ्लू जैसी बीमारी से पीड़ित है, लेकिन गहरे रंग के मूत्र और पीली त्वचा, जिसे चिकित्सकीय तौर पर पीलिया कहा जाता है, ने उसे फ्लू होने की बात पर दोबारा सोचने पर मजबूर किया।

शोधकर्ताओं ने बताया कि इस व्यक्ति ने अपनी डायट में किसी भी तरह के बदलाव होने की कोई सूचना नहीं दी थी और ना शराब या तंबाकू या किसी अन्य अवैध दवाओं आदि लेने के बारे में ही बताया, जोकि आमतौर पर इस बीमारी को बढ़ाते हैं। जांच से पता चल गया कि इस व्यक्ति को पीलिया है और पेट के ऊपरी भाग में अकड़न है। ये लीवर डैमेज की शुरुआत जैसे संकेत थे। बाद मे हुए लक्षणों ने हैपेटाइटिस की और इशारा किया और लीवर बायोप्सी के बाद यह बात सुनिश्चित भी हो गई।

डॉक्टरों ने इस व्यक्ति की जांच की और उसे अपनी सोडा पीने की आदत को कम करने के लिए भी कहा। विशेषज्ञों के अनुसार डाइटरी और हर्बल सप्लीमेंट के बढ़ते इस्तेमाल ने दवाओं और विषाक्त पदार्थों की संख्या बढ़ाई है, जोकि इस स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकते हैं।

शोध के लेखक के अनुसार, जैसे की एनर्जी ड्रिंक्स का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है, ग्राहकों को इनमें मौजूद संभावित हानिकारक तत्वों के प्रति सचेत रहना चाहिए।


Image source: medicaldaily&ctvnews

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